क्या दो परमाणुसंपन्न राष्ट्रों के बीच युद्धोन्माद को कम करना या कश्मीर समस्या के हल के लिए शांति प्रयास करना कायरता है ? क्या ऐसा करने की कोशिश करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, शरद यादव और यशवंत सिन्हा कायर हैं ?
अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ की मानें तो जवाब है- हाँ। वह इस मसले पर बुलाए गए सम्मेलन को ‘कान्क्लेव ऑफ़ कावर्ड्स’ कह रहा है यानी ‘कायरों की सभा’..।
आख़िर टाइम्स नाऊ चाहता क्या है ? यह जिस ग्रुप का चैनल है वह भारत और पाकिस्तान के बीच ‘अमन की आशा’ अभियान कई बरसों से चला रहा है। तो क्या टाइम्स ग्रुप कायर है ?
कहीं ऐसा तो नहीं, कि पाकिस्तान पर हमला करने के लिए हर वक़्त तैयार ‘जनरल अर्णब गोस्वामी’ के ‘रिपब्लिक’ के डर ने टाइम्स नाऊ की बुद्धि हर ली है। वह समय रहते ख़ुद को रिपब्लिक से बड़ा ‘पागल’ साबित कर देना चाहता है ताकि टीआरपी की रेस में पिछड़ ना जाए। उसने बाक़ायदा ट्विटर पर #ConclaveOfCowards शुरू किया है।
हद तो ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं को कायर कहने वाले टाइम्स नाऊ को कोई टोकने वाला नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव कहते हैं- टाइम्स ग्रुप के बॉस क्या कर रहे हैं ? तरीके से मतभेद हो सकता है, लेकिन ऐसी पूर्वाग्रही और अपमानजनक रुख़ की केवल निंदा की जा सकती हैं। एडिटर्स गिल्ड और ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
लेकिन हक़ीक़त ये है कि कोई संज्ञान नहीं लेगा। ये लोग किसी भी स्वायत्त और संवैधानिक संस्था द्वारा मीडिया के नियमन के सवाल पर ‘आत्मनियमन’ का राग अलापते रहे हैं। नतीजा ये है कि टीवी चैनलों पर भारत-पाक तनाव या कश्मीर के मसले पर पागलपन की होड़ लगी है।
ना,यह अज्ञान का नहीं धंधे का मसला है। ज़्यादा पागल होने का मतलब ज़्यादा टीआरपी। यह एक तरह से फैंसी ड्रेस कंप्टीशन है जिसमें टीवी संपादकों को पागल की बेहतरीन ऐक्टिंग करते हुए ट्राफ़ी जीतनी है। उन्हें इसकी परवाह नहीं कि ऐसा करते हुए वे पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को इक आग में झोंक रहे हैं जिसकी ज़द में उनका घर भी आएगा।
कश्मीर में आज स्थिति अभूतपूर्व हो चुकी है। यह किसी एक पार्टी का मसला नहीं है। हो सकता है कि सरकार ने ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से इस सिलसिले में पहल की अपील की हो। आख़िर यशवंत सिन्हा तो बीजेपी के ही नेता हैं जो इस प्रक्रिया में शामिल हैं। लेकिन टाइम्स नाऊ के लिए यह कूटनीतिक प्रयास ‘भारत का अपमान’ है।
ट्विटर पर चैनल के इर रूख की निंदा भी हो रही है-
शांतिप्रयासों को कायरता बताने वाली यह वीडियो क्लिप देखें-
Courtesy: Media Vigil
अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ की मानें तो जवाब है- हाँ। वह इस मसले पर बुलाए गए सम्मेलन को ‘कान्क्लेव ऑफ़ कावर्ड्स’ कह रहा है यानी ‘कायरों की सभा’..।
आख़िर टाइम्स नाऊ चाहता क्या है ? यह जिस ग्रुप का चैनल है वह भारत और पाकिस्तान के बीच ‘अमन की आशा’ अभियान कई बरसों से चला रहा है। तो क्या टाइम्स ग्रुप कायर है ?
कहीं ऐसा तो नहीं, कि पाकिस्तान पर हमला करने के लिए हर वक़्त तैयार ‘जनरल अर्णब गोस्वामी’ के ‘रिपब्लिक’ के डर ने टाइम्स नाऊ की बुद्धि हर ली है। वह समय रहते ख़ुद को रिपब्लिक से बड़ा ‘पागल’ साबित कर देना चाहता है ताकि टीआरपी की रेस में पिछड़ ना जाए। उसने बाक़ायदा ट्विटर पर #ConclaveOfCowards शुरू किया है।
हद तो ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं को कायर कहने वाले टाइम्स नाऊ को कोई टोकने वाला नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव कहते हैं- टाइम्स ग्रुप के बॉस क्या कर रहे हैं ? तरीके से मतभेद हो सकता है, लेकिन ऐसी पूर्वाग्रही और अपमानजनक रुख़ की केवल निंदा की जा सकती हैं। एडिटर्स गिल्ड और ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
लेकिन हक़ीक़त ये है कि कोई संज्ञान नहीं लेगा। ये लोग किसी भी स्वायत्त और संवैधानिक संस्था द्वारा मीडिया के नियमन के सवाल पर ‘आत्मनियमन’ का राग अलापते रहे हैं। नतीजा ये है कि टीवी चैनलों पर भारत-पाक तनाव या कश्मीर के मसले पर पागलपन की होड़ लगी है।
ना,यह अज्ञान का नहीं धंधे का मसला है। ज़्यादा पागल होने का मतलब ज़्यादा टीआरपी। यह एक तरह से फैंसी ड्रेस कंप्टीशन है जिसमें टीवी संपादकों को पागल की बेहतरीन ऐक्टिंग करते हुए ट्राफ़ी जीतनी है। उन्हें इसकी परवाह नहीं कि ऐसा करते हुए वे पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को इक आग में झोंक रहे हैं जिसकी ज़द में उनका घर भी आएगा।
कश्मीर में आज स्थिति अभूतपूर्व हो चुकी है। यह किसी एक पार्टी का मसला नहीं है। हो सकता है कि सरकार ने ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से इस सिलसिले में पहल की अपील की हो। आख़िर यशवंत सिन्हा तो बीजेपी के ही नेता हैं जो इस प्रक्रिया में शामिल हैं। लेकिन टाइम्स नाऊ के लिए यह कूटनीतिक प्रयास ‘भारत का अपमान’ है।
ट्विटर पर चैनल के इर रूख की निंदा भी हो रही है-
शांतिप्रयासों को कायरता बताने वाली यह वीडियो क्लिप देखें-
#WATCH: Former PM Manmohan Singh, senior JD(U) leader Sharad Yadav to hold a national conclave of stakeholders in Kashmir #ConclaveOfCowards pic.twitter.com/fM0htkjSF5.बर्बरीक
— TIMES NOW (@TimesNow) May 11, 2017
Courtesy: Media Vigil