नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी समर्थकों की चुप्पी ही भक्ति कहलाती है. भक्त की परिभाषा- जो सही को सही और गलत को गलत न कह सके उसे ही भक्त कहते हैं. बीजेपी समर्थकों को आत्म चिंतन करना चाहिए कि वो बीजेपी का समर्थन क्यों करते हैं?
इसलिए न क्योंकि बीजेपी हिंदूओं की बात करती है, हिंदू राष्ट्र की बात करती है, राम मंदिर बनाने की बात करती है, हिंदू धर्म को बचाने और उसे फैलान की बात करती है, अखंड भारत की बात करती है, गाय माता की बात करती है.
लेकिन क्या बीजेपी ये सब असल में कर रही है. नहीं कर रही है. बीजेपी राम, सीता, विष्णु का अपमान करने वालों को पार्टी में ला रही है. फिर किसा बात की राम भक्ति, किस बात का मंदिर, किस बात का हिंदू राष्ट्र.
कुलभूषण जाधव को आतंकी कहने वाले नरेश अग्रवाल को पार्टी में शामिल कर रही है. क्या अब बीजेपी भी मानती है कि कुलभूषण जाधव आतंकी है? बिल्कुल मानती है तब ही तो नरेश अग्रवाल को पार्टी में लायी है. फिर किस बात का राष्ट्रवाद?
अखंड भारत की बात करने वाली बीजेपी कश्मीर में PDP और त्रिपुरा में IPFT के साथ सरकार चला रही है, फिर किस बात का अखंड भारत? PDP और IPFT दोनों ही अलगाववाद के समर्थक हैं. दोनों देश के टूकड़े चाहते हैं, तो क्या बीजेपी भी अब देश को तोड़ने में विश्वास रखती है.
बिल्कुल रखती है, अगर नहीं रखती तो PDP और IPFT के साथ मिलकर सरकार क्यों चलाती?
बीजेपी अपनी सुविधा मुताबिक कही गाय को माता कहती है तो कही गाय के मांस को खुद ही बेचती है. गोवा में बीजेपी नेता साफ कहते हैं कि राज्य में बीफ की कमी नहीं होगी. राष्ट्रवादी बीजेपी नेता संगीत सोम का अपना स्लाटर हाउस है. फिर किस बात की गाय माता? अगर बीजेपी गाय को माता मानती है तो पूरे देश में यही विचार क्यों नहीं रखती?
कैसे समर्थक हो यार जो पूछ नहीं पा रहे हो कि राम मंदिर कब बनेगा? अगर कोर्ट के फैसले से ही बनना है तो बीजेपी के समर्थक क्यों हो लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट के समर्थक बनो न.
सोच के देखो किस तरह तुमलोग बेवकुफ बनाए जा रहे हो. एक तरफ बाबा रामदेव स्वेदशी की बात रहा है और खुद वुडलैंड का जूता पहनता है और तुम पूरे राष्ट्रवाद के साथ उसका सामाना खरीद रहे हो.
दूसरी तरफ पीएम मोदी स्वदेशी को लात मारकर 100% FDI लागू कर देते हैं. तुम लोगों को पता ही नहीं है कि तुम्हें किस साईड रहना है.
तुमलोगों के दिमाग को हाईजैक करके वोट बनाया जा रहा है. बीजेपी को घंटे से मतलब नहीं है राष्ट्रवाद, अखंड भारत, हिंदू, राम और राम मंदिर से... उसे बस सत्ता से मतलब है.
तरस खाओ खुदपर और सोचो जरा
इसलिए न क्योंकि बीजेपी हिंदूओं की बात करती है, हिंदू राष्ट्र की बात करती है, राम मंदिर बनाने की बात करती है, हिंदू धर्म को बचाने और उसे फैलान की बात करती है, अखंड भारत की बात करती है, गाय माता की बात करती है.
लेकिन क्या बीजेपी ये सब असल में कर रही है. नहीं कर रही है. बीजेपी राम, सीता, विष्णु का अपमान करने वालों को पार्टी में ला रही है. फिर किसा बात की राम भक्ति, किस बात का मंदिर, किस बात का हिंदू राष्ट्र.
कुलभूषण जाधव को आतंकी कहने वाले नरेश अग्रवाल को पार्टी में शामिल कर रही है. क्या अब बीजेपी भी मानती है कि कुलभूषण जाधव आतंकी है? बिल्कुल मानती है तब ही तो नरेश अग्रवाल को पार्टी में लायी है. फिर किस बात का राष्ट्रवाद?
अखंड भारत की बात करने वाली बीजेपी कश्मीर में PDP और त्रिपुरा में IPFT के साथ सरकार चला रही है, फिर किस बात का अखंड भारत? PDP और IPFT दोनों ही अलगाववाद के समर्थक हैं. दोनों देश के टूकड़े चाहते हैं, तो क्या बीजेपी भी अब देश को तोड़ने में विश्वास रखती है.
बिल्कुल रखती है, अगर नहीं रखती तो PDP और IPFT के साथ मिलकर सरकार क्यों चलाती?
बीजेपी अपनी सुविधा मुताबिक कही गाय को माता कहती है तो कही गाय के मांस को खुद ही बेचती है. गोवा में बीजेपी नेता साफ कहते हैं कि राज्य में बीफ की कमी नहीं होगी. राष्ट्रवादी बीजेपी नेता संगीत सोम का अपना स्लाटर हाउस है. फिर किस बात की गाय माता? अगर बीजेपी गाय को माता मानती है तो पूरे देश में यही विचार क्यों नहीं रखती?
कैसे समर्थक हो यार जो पूछ नहीं पा रहे हो कि राम मंदिर कब बनेगा? अगर कोर्ट के फैसले से ही बनना है तो बीजेपी के समर्थक क्यों हो लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट के समर्थक बनो न.
सोच के देखो किस तरह तुमलोग बेवकुफ बनाए जा रहे हो. एक तरफ बाबा रामदेव स्वेदशी की बात रहा है और खुद वुडलैंड का जूता पहनता है और तुम पूरे राष्ट्रवाद के साथ उसका सामाना खरीद रहे हो.
दूसरी तरफ पीएम मोदी स्वदेशी को लात मारकर 100% FDI लागू कर देते हैं. तुम लोगों को पता ही नहीं है कि तुम्हें किस साईड रहना है.
तुमलोगों के दिमाग को हाईजैक करके वोट बनाया जा रहा है. बीजेपी को घंटे से मतलब नहीं है राष्ट्रवाद, अखंड भारत, हिंदू, राम और राम मंदिर से... उसे बस सत्ता से मतलब है.
तरस खाओ खुदपर और सोचो जरा