पटना. 20 अक्टूबर 2018 को बिहार के सीतामढी में हुए दंगों में 82 वर्षीय जैनुल अंसारी की निर्मम हत्या के विरोध में बेदारी कारवाँ 29 नवम्बर, 2018 को दिन के 11 बजे से धरना एवं प्रदर्शन करेगा। आज ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ की एक आपात बैठक इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम की अध्यक्षता में हुई। बैठक को संबोधित करते हुए आलम ने कहा कि धरना एवं प्रर्दशन की तैयारी चल रही है और कई अन्य सामाजिक एवं न्याय पसंद संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है।
नजरे आलम ने कहा कि धरना एवं प्रदर्शन पटना के गर्दनीबाग बिहार विधानसभा के समक्ष 29 नवम्बर को ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के बैनर तले किया जाएगा। बेदारी कारवाँ संवैधानिक तरीके से धरने के माध्यम से मांग करेगा कि जैनुल अंसारी की हत्या का मुकदमा परिवार की ओर से दर्ज क्यों नहीं किया गया? जैनुल अंसारी के हत्यारे और दंगा के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? साबिर अंसारी और मोईनुलहक जो गंभीर रूप से घायल हैं उनका इलाज क्यों नहीं कराया गया? जिनकी दुकानें लूटी और जलाई गई उनको मुआवजा और उनकी ओर से मुकदमा क्यों दर्ज क्यों नहीं किया गया?
अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद आलम के सीतामढ़ी दौरे के दौरान पीड़ित लोगों द्वारा मंत्री से सवाल पुछे जाने पर मुकदमा दर्ज क्यों किया गया? जिनके घरों, गोदाम, गाड़ियों को लूटा, जलाया और मारा गया उनकी सूची जिला प्रशासन ने जारी क्यों नहीं की?
आलम ने कहा कि जब 19 अक्टूबर को ही मूर्ति विसर्जन को लेकर तनाव उत्पन्न हो गया था तो फिर प्रशासन ने लापरवाही कैसे बरती? जिस गाँव से तनाव पैदा हुआ वहाँ से पुलिस अधीक्षक कार्यालय की दूरी मात्र 5-7 मिनट की है तब 20 अक्टूबर को हुए दंगे में पुलिस को पहुंचने में 42 मिनट कैसे लग गए? ऐसा लगता है कि दंगा सुनियोजित तरीके से कराया गया है और इसमें सीतामढी प्रशासन की लापरवाही साफ है इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने खुद कहा था कि जिस जिला में दंगा होगा वहाँ के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी दोषी होंगे और वह बख्शे नहीं जायेंगे तो फिर अबतक इन पर सरकार की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
नजरे आलम ने कहा कि धरना एवं प्रदर्शन पटना के गर्दनीबाग बिहार विधानसभा के समक्ष 29 नवम्बर को ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के बैनर तले किया जाएगा। बेदारी कारवाँ संवैधानिक तरीके से धरने के माध्यम से मांग करेगा कि जैनुल अंसारी की हत्या का मुकदमा परिवार की ओर से दर्ज क्यों नहीं किया गया? जैनुल अंसारी के हत्यारे और दंगा के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? साबिर अंसारी और मोईनुलहक जो गंभीर रूप से घायल हैं उनका इलाज क्यों नहीं कराया गया? जिनकी दुकानें लूटी और जलाई गई उनको मुआवजा और उनकी ओर से मुकदमा क्यों दर्ज क्यों नहीं किया गया?
अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद आलम के सीतामढ़ी दौरे के दौरान पीड़ित लोगों द्वारा मंत्री से सवाल पुछे जाने पर मुकदमा दर्ज क्यों किया गया? जिनके घरों, गोदाम, गाड़ियों को लूटा, जलाया और मारा गया उनकी सूची जिला प्रशासन ने जारी क्यों नहीं की?
आलम ने कहा कि जब 19 अक्टूबर को ही मूर्ति विसर्जन को लेकर तनाव उत्पन्न हो गया था तो फिर प्रशासन ने लापरवाही कैसे बरती? जिस गाँव से तनाव पैदा हुआ वहाँ से पुलिस अधीक्षक कार्यालय की दूरी मात्र 5-7 मिनट की है तब 20 अक्टूबर को हुए दंगे में पुलिस को पहुंचने में 42 मिनट कैसे लग गए? ऐसा लगता है कि दंगा सुनियोजित तरीके से कराया गया है और इसमें सीतामढी प्रशासन की लापरवाही साफ है इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने खुद कहा था कि जिस जिला में दंगा होगा वहाँ के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी दोषी होंगे और वह बख्शे नहीं जायेंगे तो फिर अबतक इन पर सरकार की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की गई?