वाराणसी। लोकसभा चुनाव शुरु होते ही विरोध और अपनी मांग मनवाना का तरीका भी अब लोगों ने बदल दिया है। मांग मनवाने के लिए अब लोग विरोध प्रदर्शन नही बल्कि चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर रहे हैं। वाराणसी में तेलगाना के निज़ामाबाद से 40 हल्दी खेती करने वाले किसान पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने वाराणसी पहुचे हैं।

अन्य राज्यों के किसान भी यहां मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए आ रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार उनकी खेती के लिए बोर्ड बनाये जिससे किसानों का भला हो। उनका वाराणसी से चुनाव लड़ने का मुख्य कारण यह है कि उनकी आवाज यहां से पूरे देश मे जाएगी क्योंकि वह पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
लगभग सौ से अधिक किसान आज वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करेंगे। मीडिया से बात करते हुए किसानों ने बताया की वे हल्दी की खेती करते हैं। ऐसे में 2006 से हल्दी बोर्ड बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली के जन्तर मंतर पर भी आंदोलन कर चुके हैं पर कोई भी सरकार हमारी समस्या को नहीं सुन रही है।
ऐसे में उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
साथ ही किसानों ने यह भी कहा की हमारा मुख्य एजेंडा पीएम मोदी को चुनौती देना नहीं बल्कि पीएम मोदी तक हमारी बात पहुँच सके इसलिए हम यहाँ से नामांकन करने के लिए आए हैं। परंतु हम यहा पर पीएम मोदी के विरुद्ध किसी तरह का कोई प्रचार नही करेंगे।
हम पीएम मोदी से मांग करते हैं कि हमें हल्दी का रेट सही मिले और हल्दी का बोर्ड का गठन हो।क्योकि हमारे शहर के क्षेत्र में दो से ढाई लाख एकड़ तक हल्दी उगती है। जिसका हमें रेट नही मिल पाता और ना ही हल्दी का रेट बोर्ड बना है।

अन्य राज्यों के किसान भी यहां मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए आ रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार उनकी खेती के लिए बोर्ड बनाये जिससे किसानों का भला हो। उनका वाराणसी से चुनाव लड़ने का मुख्य कारण यह है कि उनकी आवाज यहां से पूरे देश मे जाएगी क्योंकि वह पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
लगभग सौ से अधिक किसान आज वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करेंगे। मीडिया से बात करते हुए किसानों ने बताया की वे हल्दी की खेती करते हैं। ऐसे में 2006 से हल्दी बोर्ड बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली के जन्तर मंतर पर भी आंदोलन कर चुके हैं पर कोई भी सरकार हमारी समस्या को नहीं सुन रही है।
ऐसे में उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
साथ ही किसानों ने यह भी कहा की हमारा मुख्य एजेंडा पीएम मोदी को चुनौती देना नहीं बल्कि पीएम मोदी तक हमारी बात पहुँच सके इसलिए हम यहाँ से नामांकन करने के लिए आए हैं। परंतु हम यहा पर पीएम मोदी के विरुद्ध किसी तरह का कोई प्रचार नही करेंगे।
हम पीएम मोदी से मांग करते हैं कि हमें हल्दी का रेट सही मिले और हल्दी का बोर्ड का गठन हो।क्योकि हमारे शहर के क्षेत्र में दो से ढाई लाख एकड़ तक हल्दी उगती है। जिसका हमें रेट नही मिल पाता और ना ही हल्दी का रेट बोर्ड बना है।