बजाज ऑटो के प्लांट में 250 कोरोना पॉजिटिव, कर्मचारियों ने की फैक्ट्री को बंद करने की मांग

Written by sabrang india | Published on: July 7, 2020
मुंबई। देश की सबसे बड़ी मोटर बाइक निर्यातक कंपनी बजाज ऑटो के प्लांट में ढाई सौ कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। वहीं अब कर्मचारियों ने मांग की है कि इसे अस्थायी रूप से बंद किया जाए। 



बीते शनिवार को कंपनी के कर्मचारी यूनियन ने यह मांग उठाई। पश्चिमी महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के वालुज में यह प्लांट स्थित है जहां पर ऐसा मामला सामने आया है। कोरोना के कारण यहां के दो कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है।

मालूम हो कि भारत में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र राज्य में ही हैं। इससे पहले कंपनी ने कर्मचारियों को जारी एक पत्र में कहा था कि जो भी काम पर नहीं आएगा, उसे सैलरी नहीं मिलेगी।

द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक बजाज ऑटो वर्कर यूनियन के अध्यक्ष थेंगड़े बाजीराव ने कहा, ‘लोग काम पर आने से डर रहे हैं। कुछ लोग अभी भी आ रहे हैं लेकिन कुछ लोग छुट्टी ले रहे हैं।’
 
बीते 26 जून के कंपनी ने कहा था कि 8,000 के स्टाफ में से करीब 140 लोग संक्रमित हैं और दो लोगों की मौत हो चुकी है। कंपनी की ओर से कथित तौर पर कहा गया था कि यहां पर काम नहीं रुकेगा क्योंकि कंपनी चाहती है कि लोग ‘वायरस के साथ जीना’ सीख लें।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, वालुज क्षेत्र की देखरेख करने वाले औरंगाबाद जिले में एक अधिकारी ने कहा कि मामलों की संख्या अब 250 से अधिक हो गई है। हालांकि बजाज ऑटो ने इसे लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

बाजीराव ने कहा, ‘वायरस के चक्र को तोड़ने के लिए हमने कंपनी से गुजारिश की कि 10-15 दिनों के लिए प्लांट को अस्थायी रूप से बंद किया जाए, लेकिन उन्होंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि लोग सामाजिक कार्यक्रमों के लिए इकट्ठा होते रहेंगे।’

33 लाख से अधिक मोटरबाइक और अन्य वाहनों की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ वालुज प्लांट भारत में बजाज की कुल मैन्युफैक्चरिंग का 50 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी रखता है।

इससे पहले बजाज ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है, ‘अगर कोई कर्मचारी कंपनी द्वारा कहे जाने के बावजूद किसी कारण से कार्यालय या प्लांट में अनुपस्थित रहता है, तो उसका 100 प्रतिशत वेतन काटा जाएगा।’

मजदूरों और यूनियन के नेताओं का कहना है कि बजाज ने अपनी बसों में अलग बैठने की व्यवस्था करने और कर्मचारियों के लिए मास्क और सैनिटाइटर उपलब्ध कराने के अलावा फैक्ट्री और कैफेटेरिया में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। लेकिन वे कहते हैं कि यह पर्याप्त नहीं है।

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