इसरो ने अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट छोड़कर एक नया किर्तामान बना दिया है लेकिन ये इसरो के लिए ये राह इतनी आसान नहीं थी। साइकिल और बैलगाड़ी से लादकर राकेट को लाचिंग स्टेशन तक पहुंचाने का काम किया गया है।
प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने आज अपने सम्बोंधन में सबसे पहले इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसके अलावा अमिताभ बच्चन ने इसरो की इस कामयाबी पर कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है।
इसरो ने अंतरिक्ष में अब तक की सबसे लंबी उड़ान बुधवार को भरी। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से पीएसएलवी-सी37 लॉन्च किया गया। 9 बजकर 28 मिनट पर 104 सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण हुआ। भारत के इसरो ने आज मेगा मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड बना लिया है. PSLV के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट का सफल लॉन्च किया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया जाना है जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है। विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं। इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए।
भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन होगा। अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है।
मंगलयान की कामयाबी के बाद इसरो की कमर्शल इकाई ‘अंतरिक्ष’ को लगातार विदेशी सैटलाइट्स लॉन्च करने के ऑर्डर मिल रहे हैं। इसरो पिछले साल जून में एक साथ 20 सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका है। इनको पीएसएलवी-सी34 की मदद से छोड़ा गया था।
प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने आज अपने सम्बोंधन में सबसे पहले इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसके अलावा अमिताभ बच्चन ने इसरो की इस कामयाबी पर कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया जाना है जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है। विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं। इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए।
भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन होगा। अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है।
मंगलयान की कामयाबी के बाद इसरो की कमर्शल इकाई ‘अंतरिक्ष’ को लगातार विदेशी सैटलाइट्स लॉन्च करने के ऑर्डर मिल रहे हैं। इसरो पिछले साल जून में एक साथ 20 सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका है। इनको पीएसएलवी-सी34 की मदद से छोड़ा गया था।