आजादी निश्चित तौर पर खुशी का कारण होती है, लेकिन हमें यह नही भूलना चाहिए कि आजादी ने हमें बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी है। आजादी का अर्थ है उस मौके को खो देना जब हर गलत चीज की जिम्मेदारी ब्रिटिश शासकों पर थोपी जा सकती थी। अगर अब कुछ गलत होता है ,तो उसके लिए कोई और नही, हम खुद जिम्मेदार होंगे। अब गलत होने का खतरा बहुत बड़ा है।
---- डा. अम्बेडकर (बाबा साहेब) के संविधान भाषण का अंश
आज 14 अप्रैल 2020 को बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती मनाई जा रही है, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए फिजीकल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना जरूरी है। इसीलिए बहुत सारे लोग इस बार डिजीटली कनेक्ट होकर अपनी बातें रख रहे हैं।
देश को संविधान की सौगात देने वाले भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर इस बार न कोई शोभायात्रा निकलेगी और नही कोई अन्य सार्वजनिक समारोह ही होगा। कोरोना संकट से उपजे लाकडाउन का पूरी तरह पालन करते हुए सभी संगठनों ने इस बार बाबा साहब की जयंती घरों में ही मनाए जाने की अपील की है।
इस अवसर पर बाबा साहब के समर्थक घरों में दीपक जलाएंगे, परिवार के बीच मोबाइल व लैपटाप आदि पर बाबा साहब के जीवन पर बनी फिल्में व गीत-संगीत के कार्यक्रम देखे जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह अनुपालन करते हुए जरूरतमंदों की मदद करेंगे।
राजधानी लखनऊ में अंबेडकर महासभा की ओर से विधान भवन के सामने स्थित महासभा परिसर में आयोजित होने वाला समारोह पहले ही टाल दिए जाने की घोषणा हो चुकी है। महासभा के अध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त डा.लालजी प्रसाद निर्मल ने महासभा के प्रदेश भर के प्रतिनिधियों व जिला इकाईयों से बाबा साहब की जयंती पर जरूरतमंदों की मदद की अपील की है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी देशवासियों से इस बार बाबा साहब की जयंती घरों में मनाए जाने की अपील की है।
इसी क्रम में कुछ अन्य संगठनों ने बाबा साहब की जयंती पर मंगलवार 14 अप्रैल को शाम 7.30 बजे अपने घर पर दीपक जला कर बाबा साहब की जयंती मनाने और घर के सदस्यों के बीच मोबाईल फोन, लैपटाप आदि माध्यमों पर इण्टरनेट के जरिये बाबा साहब के जीवन पर आधारित फिल्म, उन व्यक्तित्व पर संकलित गीत-संगीत का प्रदर्शन करने की भी सलाह दी है।
---- डा. अम्बेडकर (बाबा साहेब) के संविधान भाषण का अंश
आज 14 अप्रैल 2020 को बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती मनाई जा रही है, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए फिजीकल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना जरूरी है। इसीलिए बहुत सारे लोग इस बार डिजीटली कनेक्ट होकर अपनी बातें रख रहे हैं।
देश को संविधान की सौगात देने वाले भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर इस बार न कोई शोभायात्रा निकलेगी और नही कोई अन्य सार्वजनिक समारोह ही होगा। कोरोना संकट से उपजे लाकडाउन का पूरी तरह पालन करते हुए सभी संगठनों ने इस बार बाबा साहब की जयंती घरों में ही मनाए जाने की अपील की है।
इस अवसर पर बाबा साहब के समर्थक घरों में दीपक जलाएंगे, परिवार के बीच मोबाइल व लैपटाप आदि पर बाबा साहब के जीवन पर बनी फिल्में व गीत-संगीत के कार्यक्रम देखे जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह अनुपालन करते हुए जरूरतमंदों की मदद करेंगे।
राजधानी लखनऊ में अंबेडकर महासभा की ओर से विधान भवन के सामने स्थित महासभा परिसर में आयोजित होने वाला समारोह पहले ही टाल दिए जाने की घोषणा हो चुकी है। महासभा के अध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त डा.लालजी प्रसाद निर्मल ने महासभा के प्रदेश भर के प्रतिनिधियों व जिला इकाईयों से बाबा साहब की जयंती पर जरूरतमंदों की मदद की अपील की है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी देशवासियों से इस बार बाबा साहब की जयंती घरों में मनाए जाने की अपील की है।
इसी क्रम में कुछ अन्य संगठनों ने बाबा साहब की जयंती पर मंगलवार 14 अप्रैल को शाम 7.30 बजे अपने घर पर दीपक जला कर बाबा साहब की जयंती मनाने और घर के सदस्यों के बीच मोबाईल फोन, लैपटाप आदि माध्यमों पर इण्टरनेट के जरिये बाबा साहब के जीवन पर आधारित फिल्म, उन व्यक्तित्व पर संकलित गीत-संगीत का प्रदर्शन करने की भी सलाह दी है।