ईवीएम का घोटाला सामने आया; चुनाव धांधली के आरोपों में है दम

Written by सबरंगइंडिया स्टाफ | Published on: April 2, 2017
 यह वीडियो वायरल हो चुका है और इसमें कोई अचरज की बात नहीं है। पोस्ट ट्रूथ के इस जमाने में मुख्यधारा का मीडिया खोजबीन करने की अपनी मूल प्रवृति को खो चुका है। लिहाजा फेसबुक ने इस ईवीएम घोटाला का पर्दाफाश कर डाला। इस घटना ने हाल में हुए चुनावों के दौरान ईवीएम घोटाले के आरोपों को पुख्ता जमीन दे दी है।


चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के भिंड में एक ट्रायल के दौरान ईवीएम मशीन  के वीवीपीएटी (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल ) में सिर्फ बीजेपी के निशान वाली पर्ची निकलने के बाद जिला चुनाव अधिकारी से जवाब तलब किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह भिंड में उपचुनाव होने हैं और ईवीएम की डेमो रूटीन कवायद थी।

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आयोग ने इस संबंध में बातचीत की है और जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण दिया जाएगा। वीवीपीएटी वोटरों की नजर में सात सेकेंड तक रहता है । यह एक तरह उसकी पावती रसीद होती है। इससे पता चलता है कि उसका वोट किसे पड़ा है।

यह वीडियो वायरल हो चुका है और इसमें कोई अचरज की बात नहीं है। पोस्ट ट्रूथ के इस जमाने में मुख्यधारा का मीडिया खोजबीन करने की अपनी मूल प्रवृति को खो चुका है। लिहाजा फेसबुक ने इस ईवीएम घोटाला का पर्दाफाश कर डाला। इस घटना ने हाल में हुए चुनावों के दौरान ईवीएम घोटाले के आरोपों को पुख्ता जमीन दे दी है।

वीवीपीएटी वाले ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल भिंड के अटेर में 9 अप्रैल को होने वाले चुनाव में होगा। ये ईवीएम मशीनें इस तरह डिजाइन की गई थीं कि इसमें बटन दबाने पर सिर्फ बीजेपी की पक्ष में वोट पड़ रहे थे। क्या ऐसे दर्जनों, हजारों और लाखों मशीनों की इस तरह प्रोग्रामिंग की गई है कि किसी भी पार्टी के निशान के आगे बटन दबाएं। वोट बीजेपी के निशान कमल पर पड़ेगा। क्या महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात और पूर्वोत्तर में यही हुआ।

सबसे खराब बात यह रही कि चुनाव आयोग ने इस बात को दबाने और छिपाने की कोशिश की। वीडियो में यह दिखाया गया है कि मध्य प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह भिंड में ईवीएम की जांच कर रही हैं। उन्हें चारों तरफ से उनके अधिकारी घेरे हुए हैं और वो मशीन का मुआयना कर रही हैं। यह वीडियो वायरल हो गया है। इसमें सुश्री सिंह को लोग घेरे हुए हैं। चुनाव अधिकारी मशीन बटन दबा कर इसकी सटीकता चेक कर रहे हैं। एक वीवीपीएटी मशीन में चार नंबर का बटन दबाया जा रहा है। लेकिन बटन दबते सब यह देख कर आश्चर्यचकित हैं कि वोट बीजेपी के पक्ष में पढ़ रहा है जिसका चुनाव चिन्ह कमल है। और  यह चिन्ह एक नंबर के सामने है।

कहने का मतलब यह है कि चार नंबर बटन दबाने पर भी वोट एक नंबर के सामने अंकित चिन्ह कमल पर पड़ रहा है।

जब सलीना सिंह से इस  बारे में पूछा गया तो उन्होंने रिपोर्टरों से यह खबर न लिखने को कहा। उन्होंने रिपोर्टरों को धमकाया कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

बड़ा सवाल यह है कि क्या अब इस मामले की पुख्ता जांच होगी? क्या अफसरों से जवाब तलब किए जाएंगे? क्या सभी को न्याय मिलेगा?
 

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