इतिहास
August 8, 2017
भारत छोड़ो आंदोलन का नारा यूसुफ मेहर अली ने मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में दिया था। इस नारे के बाद ग्वालिया टैंक मैदान का नाम अगस्त क्रांति मैदान रख दिया गया।
आज से 112 वर्षों पहले और भारत छोड़ो आंदोलन से 37 साल पहले बंगाल की गलियों और सड़कों पर रविंद्रनाथ टैगोर की राखी संगीत गुनगुनाए जाते थे और इस दौरान बंगाल के हिंदू और मुस्लिम बंगाल विभाजन के खिलाफ सड़कों पर निकले और इस...
August 7, 2017
महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने 7वीं और 9वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तकों में मुस्लिम शासकों से जुड़े तथ्यों में संशोधन कर दिया है। अब यहां इतिहास की पुस्तकों में मराठा साम्राज्य पर काफी ज्यादा फोकस किया गया है। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक 7वीं कक्षा की किताब में से उन अध्यायों को हटा दिया गया है जिनमें मुगल साम्राज्य तथा सल्तनत कालीन शाशकों का जिक्र किया गया। इनमें से रजिया सुल्ताना और मोहम्मद...
August 2, 2017
1943 में बाबसाहेब श्रम मंत्री थे और पी डब्ल्यू डी विभाग भी उन्हीं के पास था। डॉ अम्बेडकर के इस विभाग का प्रमुख बनने से पहले इस विभाग का सालाना बजट एक करोड़ रूपये का था जो डॉ अम्बेडकर के प्रमुख बनने के बाद पचास करोड़ रूपये सालाना का हो गया था क्यूंकि दिल्ली का विकास करना था और डॉ अम्बेडकर को इसलिए मुखिया बनाया गया था क्योंकि वह एक, शिक्षित, बुद्धिमान, ईमानदार और उच्च चरित्र के आदरणीय व्यक्ति...
August 1, 2017
क्या ये प्रेमचंद हमारे जमाने की जरूरत नहीं हैं?
वैसे, हमारे वक्त में प्रेमचंद का क्या काम?
जाहिर है, ऐसा लग सकता है। प्रेमचंद का इंतकाल 1936 में यानी आज से 81 साल पहले हुआ था। जो भी लिखा 81 साल पहले ही लिखा। उस वक्त देश गुलाम था। अंग्रेजों का राज था। आजादी की लड़ाई तरह-तरह से लड़ी जा रही थी। आँखों में नया भारत बनाने का ख्वाब था। जाहिर है, उस वक्त की समाजी-सियासी जरूरत कुछ और ही रही...
July 25, 2017
( सन 1917 मे जब गांधी जी पहली बार मोतीहारी गए और चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के समय मोतीहारी मे रुके तो कोठी वाला (ब्रिटिशर ) ने उन्हे मारने कि कोशिश की | सौ साल बाद जब मै 7 जुलाई 2017 को अपनी मित्र के साथ गांधी के चंपारण आंदोलन को समझने व उसके प्रभाव को देखने मोतीहारी, भीतिहरवा, बोकाने कलाँ बेतिया, नरकटिया गंज आदि जगहो पर गई और लोगो से मिली तो इस दौरान एक वयोवृद्ध गांधीवादी नारायण मुनि से भेट...
July 21, 2017
व्हॉट्सएप यूनिवर्सिटी का पोस्टमॉर्टम
- राष्ट्रीय सत्यशोधक समाज (RSS)
(इधर संघी प्रोपोगेंडा गॉयबल्स का नया संदेश व्हॉट्सएप पर वायरल है, जो भगत सिंह की फांसी को लेकर है। इसकी पोल-खोल है, आज के संघी झूठ के पोस्टमॉर्टम में।)
शहीदे आजम भगतसिंह को फाँसी कब दी गई,क्यों दी गई ?
उनकी विचारधारा क्या थी ऐसी ढेर सारी बातें उनलोगों को नहीं मालूम जिन्हें यह पता है कि महात्मा गांधी...
July 13, 2017
सम्पादकीय टिप्पणी – लेखक और कवि अशोक कुमार पांडेय, समकालीन हिंदी के अहम युवा हस्ताक्षरों में से हैं। वह न केवल साहित्यकार, बल्कि एक्टिविस्ट के तौर पर भी पहचाने जाते हैं। लेकिन एक सम्पादक के तौर पर मेरे मुताबिक उनका सबसे अहम काम, यह पुस्तक है; जिसके अंश आप सबरंग की इस साप्ताहिक श्रृंखला में नियमित तौर पर पढ़ेंगे। अशोक कुमार पांडेय की आने वाली पुस्तक हिंदी में संभवतः अपनी तरह की पहली क़िताब...
July 12, 2017
अमरनाथ का ज़िक्र छठी शताब्दी मे लिखे नीलमत पुराण से लेकर कल्हण द्वारा रचित राजतरंगिणी मे भी पाया जाता है जहाँ यह कथा नाग शुर्श्रुवास से जुड़ती है जिसने अपनी विवाहित पुत्री के अपहरण का प्रयास करने वाले राजा नर के राज्य को जला कर खाक कर देने के बाद दूध की नदी जैसे लगने वाली शेषनाग झील मे शरण ली और कल्हण के अनुसार अमरेश्वर की तीर्थयात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को इसका दर्शन होता है। सोलहवीं सदी मे...
July 5, 2017
1. 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद के चरम के समय बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया. पहला तथ्य संख्या को लेकर. कश्मीरी पंडित समूह और कुछ हिन्दू दक्षिणपंथी यह संख्या चार लाख से सात लाख थी. लेकिन यह संख्या वास्तविक संख्या से बहुत अधिक है. असल में कश्मीरी पंडितों की आख़िरी गिनती 1941 में हुई थी और उसी से 1990 का अनुमान लगाया जाता है. इसमें 1990 से पहले रोज़गार तथा...
June 17, 2017
बापू का आश्रम आज सौ साल का हो गया। इस मौके पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। सौ साल पहले महात्मा गांधी आज ही के दिन अपने साथियों के साथ कोचरब से साबरमती आश्रम स्थानांतरित हुए थे। साबरमती आश्रम गुजरात के अहमदाबाद के नजदीक साबरमती नदी के किनारे स्थित है। बापू जब अपने 25 साथियों के साथ दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तो 1917 में अहमदाबाद में कोचरब स्थान पर ‘...