आरएसएस के लोगों पर महात्मा गाँधी की हत्या के राहुल गाँधी के आरोप और चल रहे मुकदमे के बीच गाँधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के परिवार ने दावा किया है कि गोडसे आरएसएस का कट्टर सदस्य तो था ही, साथ ही संघ से वह न कभी अलग हुआ और न ही संघ ने उसे कभी निकाला।
नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे के नाती सात्यिकी सावरकर ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया है कि उनके परिवार के पास नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के सभी लेख सुरक्षित रखे हैं और उनसे ये स्पष्ट होता है कि नाथूराम गोडसे 1930 के दशक की शुरुआत तक तो नाथूराम गोडसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य था। इसके बाद भी वह संघ का सदस्य रहा लेकिन संघ की कट्टरता में कमी देखकर उसने कुछ दूरी बना ली थी। इसके बाद भी संघ ने उसे कभी निकाला नहीं था।
गोडसे के परिवार से आया यह बयान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी का पक्ष मजबूत करता है जो गाँधीजी की हत्या को लेकर आरएसएस से जुड़े अपने बयान को लेकर मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। राहुल ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने गाँधीजी की हत्या के लिए आरएसएस के लोगों को दोषी बताया था। सात्यिकी के इस बयान से राहुल गाँधी के बयान की पुष्टि होती है।
सात्यिकी सावरकर गोपाल गोडसे की बेटी हिमानी सावरकर के बेटे हैं। वीर सावरकर की भंग संस्था अभिनव भारत की फिर से स्थापना के बाद वे इसकी अध्यक्ष भी बनाई गई थीं। सात्यिकी की माँ हिमानी वीर सावरकर के भाई नारायण सावरकर की पुत्रवधू भी थीं।
वीर सावरकर की बनाई हिंदू महासभा को फिर से पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे सात्यिकी सावरकर ने कहा कि नाथूराम को लग रहा था कि हिंदुओं पर अत्याचार होने के बावजूद संघ ने बहुत आक्रामक रवैया नहीं अपनाया और इस कारण उन्होंने संघ से कुछ दूरी बना ली थी, लेकिन संघ को छोड़ा नहीं था। 1938-39 में तो उन्होंने हैदराबाद के निजाम के खिलाफ मुक्ति संग्राम में आरएसएस के स्वयंसेवकों की तरफ से हिस्सा भी लिया था।