आंदोलनकारी किसान फैक्ट्री कंपाउंड में घुस गए और कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले बिल्डिंग मैटीरियल में तोड़फोड़ की। लाठीचार्ज के बाद उग्र हुई भीड़ ने करीब 10 गाड़ियों में आग लगा दी और तीन बुलडोज़र को नुकसान पहुंचाया।

फोटो साभार : द हिंदू
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी में बुधवार, 10 दिसंबर को इथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने फैक्ट्री परिसर के पास हुई ‘महापंचायत’ में किसानों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस हिंसा को लेकर 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और गुरुवार, 11 दिसंबर को उनमें से 40 लोगों को हिरासत में ले लिया। प्लांट साइट के पास रहने वाले करीब 30 परिवार डर की वजह से अपने घर छोड़कर चले गए।
प्रदर्शनकारी किसान फैक्ट्री परिसर में घुस गए और निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बिल्डिंग मैटीरियल में तोड़फोड़ की। लाठीचार्ज के बाद उग्र भीड़ ने लगभग 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया और तीन बुलडोज़र को नुकसान पहुंचाया।
घायलों में संगरिया से कांग्रेस MLA और स्टेट यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया भी शामिल हैं। मौके पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी मेमोरियल जिला अस्पताल रेफर किया गया।
यह ‘महापंचायत’ टिब्बी के पास राठीखेड़ा ग्राम पंचायत में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा 450 करोड़ रुपये की लागत से लगाए जा रहे इथेनॉल प्लांट के खिलाफ आयोजित की गई थी। किसान एक साल से अधिक समय से इस फैक्ट्री के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे इलाके में वायु प्रदूषण और पानी की विषाक्तता बढ़ेगी।
11 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को जिला प्रशासन से बातचीत की। उन्होंने फैक्ट्री का निर्माण रोकने, हिंसा की न्यायिक जांच कराने और प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की। हनुमानगढ़ कलेक्टर खुशाल यादव ने कहा कि मांग पत्र राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
ऑल इंडिया किसान सभा के नेता मंगेज चौधरी ने कहा कि इस फैक्ट्री से स्थानीय किसानों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।
हालांकि, चंडीगढ़ में पंजीकृत कंपनी ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड—जो राठीखेड़ा गांव में 450 करोड़ रुपये की लागत से 40 MW का अनाज-आधारित इथेनॉल प्लांट स्थापित कर रही है—का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केंद्र के इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को समर्थन देगा।
वहीं किसान संगठनों ने घोषणा की है कि जब तक प्लांट को पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय लोगों की सहमति नहीं मिल जाती, वे फैक्ट्री को चलने नहीं देंगे।
उधर श्रीगंगानगर के सांसद कुलदीप इंदौरा, भद्रा के पूर्व MLA बलवान पूनिया, CPI(M) नेता मंगेज चौधरी और हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों के साथ पड़ोसी पंजाब के कई किसान संगठनों के नेता ‘महापंचायत’ में शामिल हुए। प्रशासन ने 18 नवंबर से टिब्बी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर रखी है।
झड़प तब हुई जब किसान निर्माणाधीन फैक्ट्री की ओर बढ़े और उसकी दीवार तोड़ दी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस की कार्रवाई से अफरा-तफरी मच गई और कई लोग घायल हो गए। टिब्बी में बाजार बंद कर दिए गए और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गईं।
किसान नेताओं का कहना है कि फैक्ट्री से पर्यावरण प्रदूषित होगा और जमीन बंजर हो जाएगी। उनके अनुसार इससे स्थानीय किसानों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए उन्होंने प्लांट को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग की निंदा की। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भाजपा सरकार का अहंकार चरम पर है। कल टिब्बी में किसानों ने अपनी आवाज उठाई और जवाब में आज सरकार ने श्री रूपिंदर सिंह कुन्नर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। किसानों की बात सुनने के बजाय उनका दमन करना और तानाशाही चलाना—यही वह मॉडल है जिस पर प्रदेश की भाजपा सरकार चल रही है। कांग्रेस पार्टी टिब्बी ही नहीं, पूरे प्रदेश के किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।”

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फोटो साभार : द हिंदू
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी में बुधवार, 10 दिसंबर को इथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने फैक्ट्री परिसर के पास हुई ‘महापंचायत’ में किसानों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस हिंसा को लेकर 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और गुरुवार, 11 दिसंबर को उनमें से 40 लोगों को हिरासत में ले लिया। प्लांट साइट के पास रहने वाले करीब 30 परिवार डर की वजह से अपने घर छोड़कर चले गए।
प्रदर्शनकारी किसान फैक्ट्री परिसर में घुस गए और निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बिल्डिंग मैटीरियल में तोड़फोड़ की। लाठीचार्ज के बाद उग्र भीड़ ने लगभग 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया और तीन बुलडोज़र को नुकसान पहुंचाया।
घायलों में संगरिया से कांग्रेस MLA और स्टेट यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया भी शामिल हैं। मौके पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी मेमोरियल जिला अस्पताल रेफर किया गया।
यह ‘महापंचायत’ टिब्बी के पास राठीखेड़ा ग्राम पंचायत में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा 450 करोड़ रुपये की लागत से लगाए जा रहे इथेनॉल प्लांट के खिलाफ आयोजित की गई थी। किसान एक साल से अधिक समय से इस फैक्ट्री के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे इलाके में वायु प्रदूषण और पानी की विषाक्तता बढ़ेगी।
11 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को जिला प्रशासन से बातचीत की। उन्होंने फैक्ट्री का निर्माण रोकने, हिंसा की न्यायिक जांच कराने और प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की। हनुमानगढ़ कलेक्टर खुशाल यादव ने कहा कि मांग पत्र राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
ऑल इंडिया किसान सभा के नेता मंगेज चौधरी ने कहा कि इस फैक्ट्री से स्थानीय किसानों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।
हालांकि, चंडीगढ़ में पंजीकृत कंपनी ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड—जो राठीखेड़ा गांव में 450 करोड़ रुपये की लागत से 40 MW का अनाज-आधारित इथेनॉल प्लांट स्थापित कर रही है—का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केंद्र के इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को समर्थन देगा।
वहीं किसान संगठनों ने घोषणा की है कि जब तक प्लांट को पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय लोगों की सहमति नहीं मिल जाती, वे फैक्ट्री को चलने नहीं देंगे।
उधर श्रीगंगानगर के सांसद कुलदीप इंदौरा, भद्रा के पूर्व MLA बलवान पूनिया, CPI(M) नेता मंगेज चौधरी और हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों के साथ पड़ोसी पंजाब के कई किसान संगठनों के नेता ‘महापंचायत’ में शामिल हुए। प्रशासन ने 18 नवंबर से टिब्बी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर रखी है।
झड़प तब हुई जब किसान निर्माणाधीन फैक्ट्री की ओर बढ़े और उसकी दीवार तोड़ दी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस की कार्रवाई से अफरा-तफरी मच गई और कई लोग घायल हो गए। टिब्बी में बाजार बंद कर दिए गए और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गईं।
किसान नेताओं का कहना है कि फैक्ट्री से पर्यावरण प्रदूषित होगा और जमीन बंजर हो जाएगी। उनके अनुसार इससे स्थानीय किसानों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए उन्होंने प्लांट को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग की निंदा की। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भाजपा सरकार का अहंकार चरम पर है। कल टिब्बी में किसानों ने अपनी आवाज उठाई और जवाब में आज सरकार ने श्री रूपिंदर सिंह कुन्नर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। किसानों की बात सुनने के बजाय उनका दमन करना और तानाशाही चलाना—यही वह मॉडल है जिस पर प्रदेश की भाजपा सरकार चल रही है। कांग्रेस पार्टी टिब्बी ही नहीं, पूरे प्रदेश के किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।”

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