इज़रायली सेना ने गाजा पट्टी की ओर मानवीय सहायता लेकर जा रहे 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' पर कार्रवाई करते हुए उसमें सवार कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में मशहूर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं। इस कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

साभार : क्यूएनएन
इजरायली सेना ने 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' में शामिल कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है, जिनमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं।
यह फ्लोटिला गाजा पट्टी की तरफ जा रहा था, जहां इजरायल की तरफ से जरूरी मानवीय सहायता पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बताया जा रहा है कि बीते दो वर्षों से इजरायल इस क्षेत्र में जमीनी और हवाई हमलों के जरिए लगातार सैन्य कार्रवाई कर रहा है, जिसे कई लोग नरसंहार के रूप में देख रहे हैं।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ने अब तक 13 नावों को रोक लिया है, जबकि मानवीय सहायता लेकर जा रहे करीब दो दर्जन कार्यकर्ताओं के जहाज अब भी घेरे में पड़े गाजा की तरफ बढ़ रहे हैं।
कुद्स न्यूज नेटवर्क के एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया गया है कि एक जहाज, माइकेनो, ऐतिहासिक घटनाक्रम में पहली बार इजरायली नाकाबंदी को सफलतापूर्वक तोड़कर फिलिस्तीनी जलक्षेत्र में पहुंच गया है।
द वायर ने लिखा, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने दो घंटे पहले अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से बताया, ‘हमास-सुमुद के यात्री अपनी नौकाओं पर सुरक्षित और शांतिपूर्वक इजरायल पहुंच रहे हैं, जहां से उन्हें यूरोप भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। यात्री सुरक्षित और स्वस्थ हैं।’
"ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, ब्राजील और पाकिस्तान उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने इजरायल की इस हालिया कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। वहीं, स्पेन ने विरोध दर्ज कराते हुए मैड्रिड में इजरायल के शीर्ष राजनयिक को तलब किया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इस्तांबुल के मुख्य अभियोजक कार्यालय ने गाजा सहायता बेड़े में सवार तुर्की नागरिकों की इजरायली नौसैनिक कमांडो द्वारा गिरफ्तारी के बाद इस घटना की जांच शुरू कर दी है।
फिलिस्तीनी सरकार ने भी 'ग्लोबल सुमुद फ़्लोटिला' पर इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है। सरकार ने इस कार्रवाई को समुद्री कानून से संबंधित कन्वेंशन, मानवीय सिद्धांतों और जहाज में सवार लोगों के मानवाधिकारों सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन बताया है।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' एक शांतिपूर्ण और नागरिक नेतृत्व वाली पहल है, जिसका उद्देश्य गाजा पट्टी पर इजरायल की अमानवीय और अवैध नाकेबंदी को तोड़ना है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह पहल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इजरायल की भूखमरी की नीति और नरसंहार को समाप्त करने की कोशिश है।
इस बीच, कुद्स न्यूज नेटवर्क ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, मध्य गाजा के डेर अल-बलाह स्थित अल-अक्सा शहीद अस्पताल में दो बच्चों की मौत की जानकारी दी गई है, जो इजरायली घेराबंदी के कारण गंभीर कुपोषण के कारण मारे गए हैं।”
वहीं इसके पहले थ्रेड में लिखा गया, दक्षिणी गाजा शहर के अल-सबरा इलाके में नागरिकों के एक समूह को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले में छह नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए।
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साभार : क्यूएनएन
इजरायली सेना ने 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' में शामिल कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है, जिनमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं।
यह फ्लोटिला गाजा पट्टी की तरफ जा रहा था, जहां इजरायल की तरफ से जरूरी मानवीय सहायता पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बताया जा रहा है कि बीते दो वर्षों से इजरायल इस क्षेत्र में जमीनी और हवाई हमलों के जरिए लगातार सैन्य कार्रवाई कर रहा है, जिसे कई लोग नरसंहार के रूप में देख रहे हैं।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ने अब तक 13 नावों को रोक लिया है, जबकि मानवीय सहायता लेकर जा रहे करीब दो दर्जन कार्यकर्ताओं के जहाज अब भी घेरे में पड़े गाजा की तरफ बढ़ रहे हैं।
कुद्स न्यूज नेटवर्क के एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया गया है कि एक जहाज, माइकेनो, ऐतिहासिक घटनाक्रम में पहली बार इजरायली नाकाबंदी को सफलतापूर्वक तोड़कर फिलिस्तीनी जलक्षेत्र में पहुंच गया है।
द वायर ने लिखा, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने दो घंटे पहले अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से बताया, ‘हमास-सुमुद के यात्री अपनी नौकाओं पर सुरक्षित और शांतिपूर्वक इजरायल पहुंच रहे हैं, जहां से उन्हें यूरोप भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। यात्री सुरक्षित और स्वस्थ हैं।’
"ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, ब्राजील और पाकिस्तान उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने इजरायल की इस हालिया कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। वहीं, स्पेन ने विरोध दर्ज कराते हुए मैड्रिड में इजरायल के शीर्ष राजनयिक को तलब किया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इस्तांबुल के मुख्य अभियोजक कार्यालय ने गाजा सहायता बेड़े में सवार तुर्की नागरिकों की इजरायली नौसैनिक कमांडो द्वारा गिरफ्तारी के बाद इस घटना की जांच शुरू कर दी है।
फिलिस्तीनी सरकार ने भी 'ग्लोबल सुमुद फ़्लोटिला' पर इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है। सरकार ने इस कार्रवाई को समुद्री कानून से संबंधित कन्वेंशन, मानवीय सिद्धांतों और जहाज में सवार लोगों के मानवाधिकारों सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन बताया है।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' एक शांतिपूर्ण और नागरिक नेतृत्व वाली पहल है, जिसका उद्देश्य गाजा पट्टी पर इजरायल की अमानवीय और अवैध नाकेबंदी को तोड़ना है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह पहल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इजरायल की भूखमरी की नीति और नरसंहार को समाप्त करने की कोशिश है।
इस बीच, कुद्स न्यूज नेटवर्क ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, मध्य गाजा के डेर अल-बलाह स्थित अल-अक्सा शहीद अस्पताल में दो बच्चों की मौत की जानकारी दी गई है, जो इजरायली घेराबंदी के कारण गंभीर कुपोषण के कारण मारे गए हैं।”
वहीं इसके पहले थ्रेड में लिखा गया, दक्षिणी गाजा शहर के अल-सबरा इलाके में नागरिकों के एक समूह को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले में छह नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए।
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