तमिलनाडु: वन्नियार लड़की से मिलने पर दलित लड़के की पिटाई, कपड़े उतारे और जातिसूचक गालियां दीं

Written by sabrang india | Published on: September 15, 2025
"लड़के को बुरी तरह पीटा गया और अपमानित किया गया। सरवनन ने उसके खिलाफ जातिसूचक गालियां दीं।" किशोर का अब किलपौक मेडिकल कॉलेज (केएमसी) अस्पताल में इलाज चल रहा है।"



चेन्नई पुलिस ने शुक्रवार 12 सितंबर को सचिवालय कॉलोनी में एक लड़की से मिलने उसके रिश्तेदार के घर गए 17 वर्षीय दलित लड़के को कथित तौर पर नंगा करने, पीटने और गाली-गलौज करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों की पहचान सरवनन (जो भाजपा का पूर्व पदाधिकारी बताया जा रहा है) और उसके भाई लोगेश के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, लड़की के रिश्तेदारों ने लड़के को एक कमरे में बंद कर दिया और फिर सरवनन को बुलाया। जब वह पहुंचा तो सरवनन और उसके भाई ने कथित तौर पर लड़के के साथ मारपीट की, उसे नंगा किया और जातिसूचक गालियां दीं।

अनुसूचित जाति (आदि द्रविदड़) समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह लड़का, अति पिछड़ा वर्ग (वन्नियार) समुदाय की लड़की का वर्षों से दोस्त है। अलग-अलग स्कूलों में जाने के बाद भी वे सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "लड़के को बुरी तरह पीटा गया और अपमानित किया गया। सरवनन ने उसके खिलाफ जातिसूचक गालियां दीं।" किशोर का अब किलपौक मेडिकल कॉलेज (केएमसी) अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें अश्लील कृत्य, जानबूझकर चोट पहुंचाना, हत्या का प्रयास और आपराधिक धमकी के आरोप शामिल हैं।

दलितों के साथ क्रूरता की यह कोई अकेली घटना नहीं है, देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के नौशेरा गांव में उस समय तनाव फैल गया, जब 24 वर्षीय दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या की खबर सामने आई। लोको पायलट के रूप में कार्यरत दुर्गेश को कथित रूप से छह लोगों ने पीटा और उसे जहर पीने के लिए मजबूर किया। यह विवाद गांव की एक लड़की के साथ उसके संबंधों को लेकर बताया गया।

दुर्गेश के छोटे भाई अजीत कुमार के हवाले से मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों में से एक, ज्ञानेंद्र मिश्रा ने उसे फोन कर “मामला सुलझाने” के बहाने बुलाया। जब दुर्गेश वहां पहुंचा, तो गणेश यादव, अजय यादव, श्रवण यादव, शेरू यादव, गोविंद यादव और ज्ञानेंद्र मिश्रा ने उसे घेर लिया। बाद में सामने आए एक वीडियो क्लिप में देखा गया कि दुर्गेश को थप्पड़ मारे जा रहे हैं, जमीन पर दबोचकर गिराया गया और कई लोग मिलकर उसकी पिटाई कर रहे हैं।

अजीत ने कहा, "उसने किसी तरह जेब में छिपाकर रखे एक दूसरे मोबाइल से मुझे फोन किया। उसने पिटाई की पूरी घटना बताई और हमलावरों के नाम भी बताए। जब मैं वहां पहुंचा, तो तुरंत उसे अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टरों ने कुछ ही मिनटों में उसे मृत घोषित कर दिया।”

कुछ दिनों पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण बुरी तरह पीटा गया और पेड़ से उल्टा लटका दिया गया।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा कि बच्चा शुक्रवार को अपने गांव भाखरपुरा में खेल रहा था। तभी दो लोग—नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत—ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ।

पिछले महीने गुजरात के जूनागढ़ में भी एक दलित युवक के साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जो यह दिखाता है कि स्वतंत्रता के दशकों बाद भी समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं।

यह घटना 16 अगस्त की दोपहर उस समय हुई, जब पीड़ित युवक अपने एक दोस्त से मिलने गया था। उसी दौरान एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि उसके भाई को कहीं ले जाया जा रहा है। पीड़ित युवक और उसका मित्र उसकी सहायता के इरादे से स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान तक पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी और उन्हें फंसाया गया।

गत अप्रैल में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में भी एक दलित छात्र के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। शिक्षक की बोतल से पानी पीने पर गुस्साए शिक्षक ने छात्र को बुरी तरह पीटा। पिटाई से उसकी उंगलियां टूट गईं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल के कमरे में बंद कर पीटा और जातिसूचक गालियां दीं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।

आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र के हरीपुर गांव स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था।

सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के लगभग 97.7% मामले 13 राज्यों में दर्ज किए गए, जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मामले सामने आए।

वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत, अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अत्याचार के ज्यादातर मामले भी इन्हीं 13 राज्यों में केंद्रित थे, जहां 2022 में कुल मामलों का 98.91% दर्ज किया गया। 

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