पीएम के दौरे से पहले असम में मोरान समुदाय के हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन, ST दर्जे की मांग तेज

Written by sabrang india | Published on: September 12, 2025
तिनसुकिया की सड़कों पर उमड़ा 20,000 से ज़्यादा लोगों का हुजूम, मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा के लिए बुलंद की आवाज़।


Courtesy : timesnownews

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे से कुछ दिन पहले ही तिनसुकिया में बुधवार को मोरान समुदाय ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान समुदाय ने एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को उठाया। उन्होंने अपनी मांग में कहा कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, मोरान स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में 20,000 से ज्यादा लोगों की भारी भीड़ शामिल हुई। यह शांतिपूर्ण रैली बोरगुरी के आईटीआई मैदान से शुरू हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों से जुड़ी तख्तियां उठा रखी थीं और जोरदार नारेबाजी कर रहे थे।

इस अवसर पर भीड़ को संबोधित करते हुए मोरान स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष पालिंद्र बोराह और महासचिव जयकांत मोरान ने कहा कि मोरान समुदाय असम के सबसे पुराने स्वदेशी समुदायों में शामिल है, जो अपने अधिकारों की मान्यता और संरक्षण की मांग कर रहा है। उन्होंने अपनी जमीन, पहचान और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को लेकर गहरी चिंता जताई और यह स्पष्ट किया कि समुदाय के अस्तित्व और सम्मान को बनाए रखने के लिए संवैधानिक सुरक्षा बेहद जरूरी है।

छात्र संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती, तब तक यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन से संवाद की प्रक्रिया शुरू करने और एक सार्थक समाधान तलाशने का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने दोहराया कि उनका यह आंदोलन पूरी तरह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों पर आधारित है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऊपरी असम में इतने बड़े स्तर पर हुई यह लामबंदी इस बात का संकेत है कि मोरान समुदाय अपनी मांगों को लेकर बेहद गंभीर है। यह प्रदर्शन उनके इस दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है कि वे संवैधानिक दायरे में रहकर अपनी पहचान, अधिकार और सुरक्षा की मान्यता प्राप्त करना चाहते हैं।

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