इसमें कहा गया है कि वह “इजराइल के पक्ष की कवरेज” करने और इजराइल को जवाबदेह ठहराते समय “बुनियादी पत्रकारिता सिद्धांत” को बनाए रखने में विफल रहा।
साभार : मकतूब मीडिया
बीबीसी के 100 से ज़्यादा कर्मचारियों ने मीडिया हाउस पर गाजा नरसंहार पर अपनी रिपोर्टिंग में इजराइल के पक्ष के कवरेज का आरोप लगाया है।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेबोरा टर्नेस को भेजे गए एक पत्र में बीबीसी की आलोचना की गई है। इसमें कहा गया है कि वह “इजराइल के पक्ष की कवरेज” करने और इजराइल को जवाबदेह ठहराते समय “बुनियादी पत्रकारिता सिद्धांत” को बनाए रखने में विफल रहा।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 230 लोग शामिल थे जिनमें 100 अज्ञात बीबीसी कर्मचारी के साथ मीडिया पेशेवर, पत्रकार, अभिनेता और शिक्षाविद शामिल थे।
इस पत्र में लिखा गया कि, “अपर्याप्त कवरेज के परिणाम अहम हैं। हर टेलीविजन रिपोर्ट, लेख और रेडियो साक्षात्कार जो इजराइल के दावों को मजबूती से चुनौती देने में विफल रहा है, उसने व्यवस्थित रूप से फिलिस्तीनियों को अमानवीय बना दिया है।”
इस पत्र में करदाताओं द्वारा वित्तपोषित पब्लिक ब्रॉडकास्टर के रूप में बीबीसी के "उच्च स्तर के भरोसे" पर जोर दिया गया है तथा चेतावनी दी गई है कि गाजा युद्ध की इसकी कवरेज इसकी "निष्पक्षता" को कमजोर कर सकती है तथा इसकी "स्वतंत्रता को भारी जोखिम में डाल सकती है।"
पत्रकारों ने बीबीसी से संपादकीय प्रतिबद्धताओं को लागू करने का आग्रह किया, जैसे कि "इस बात को दोहराना कि इजराइल बाहरी पत्रकारों को गाजा में प्रवेश नहीं देता है; जब इजराइल के दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों तो यह स्पष्ट करना; लेख के हेडलाइन्स में स्पष्ट करना कि इजराइल कहां अपराधी है; इसमें अक्टूबर 2023 से पहले का नियमित ऐतिहासिक संदर्भ शामिल हो; तथा सभी साक्षात्कारों में इजराइल सरकार और सैन्य प्रतिनिधियों को मजबूती से चुनौती देना।"
ज्ञात हो कि पिछले साल से शुरू हुए इजराइल-फिलिस्तीन हमले में अब तक करीब 43 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। मरने वालों में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं की तादाद ज्यादा है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लाखों लोग इस हमले में बेघर हो गए हैं।
साभार : मकतूब मीडिया
बीबीसी के 100 से ज़्यादा कर्मचारियों ने मीडिया हाउस पर गाजा नरसंहार पर अपनी रिपोर्टिंग में इजराइल के पक्ष के कवरेज का आरोप लगाया है।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेबोरा टर्नेस को भेजे गए एक पत्र में बीबीसी की आलोचना की गई है। इसमें कहा गया है कि वह “इजराइल के पक्ष की कवरेज” करने और इजराइल को जवाबदेह ठहराते समय “बुनियादी पत्रकारिता सिद्धांत” को बनाए रखने में विफल रहा।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 230 लोग शामिल थे जिनमें 100 अज्ञात बीबीसी कर्मचारी के साथ मीडिया पेशेवर, पत्रकार, अभिनेता और शिक्षाविद शामिल थे।
इस पत्र में लिखा गया कि, “अपर्याप्त कवरेज के परिणाम अहम हैं। हर टेलीविजन रिपोर्ट, लेख और रेडियो साक्षात्कार जो इजराइल के दावों को मजबूती से चुनौती देने में विफल रहा है, उसने व्यवस्थित रूप से फिलिस्तीनियों को अमानवीय बना दिया है।”
इस पत्र में करदाताओं द्वारा वित्तपोषित पब्लिक ब्रॉडकास्टर के रूप में बीबीसी के "उच्च स्तर के भरोसे" पर जोर दिया गया है तथा चेतावनी दी गई है कि गाजा युद्ध की इसकी कवरेज इसकी "निष्पक्षता" को कमजोर कर सकती है तथा इसकी "स्वतंत्रता को भारी जोखिम में डाल सकती है।"
पत्रकारों ने बीबीसी से संपादकीय प्रतिबद्धताओं को लागू करने का आग्रह किया, जैसे कि "इस बात को दोहराना कि इजराइल बाहरी पत्रकारों को गाजा में प्रवेश नहीं देता है; जब इजराइल के दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों तो यह स्पष्ट करना; लेख के हेडलाइन्स में स्पष्ट करना कि इजराइल कहां अपराधी है; इसमें अक्टूबर 2023 से पहले का नियमित ऐतिहासिक संदर्भ शामिल हो; तथा सभी साक्षात्कारों में इजराइल सरकार और सैन्य प्रतिनिधियों को मजबूती से चुनौती देना।"
ज्ञात हो कि पिछले साल से शुरू हुए इजराइल-फिलिस्तीन हमले में अब तक करीब 43 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। मरने वालों में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं की तादाद ज्यादा है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लाखों लोग इस हमले में बेघर हो गए हैं।