MSP: 6 मार्च को देशभर से बिना ट्रैक्टर दिल्ली कूच करेंगे किसान, शंभू व खनौरी बॉर्डर पर जारी रहेगा आंदोलन

Written by Navnish Kumar | Published on: March 4, 2024
"किसान अब  6 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली कूच का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हरियाण व पंजाब के किसान खनौरी व शंभू बॉर्डर पर ही आंदोलन चलाएंगे, जबकि देश के बाकी हिस्सों से किसान 6 मार्च के दिन दिल्ली पहुंचेंगे। किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर ने कहा- 6 मार्च को हरियाणा और पंजाब को छोड़ कर दूसरे राज्यों के किसान अपने अपने तरीके से दिल्ली पहुंचें। चाहे वे ट्रेन से पहुंचें या फिर पैदल। सरकार कहती है कि किसान ट्रेन या बस से दिल्ली पहुंच सकते हैं, जबकि दिल्ली जा रहे बिहार व कर्नाटक के किसानों को पुलिस ने ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा- 6 मार्च के कूच से साफ हो जाएगा कि सरकार किसानों को बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के भी दिल्ली आने देना चाहती है या नहीं।"



न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि वे छह मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। इसके बाद किसान 10 मार्च को दोपहर 12 से चार बजे तक देश भर में ट्रेनें रोकेंगे। गौरतलब है कि किसान पिछले तीन हफ्ते से पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनके प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस की कार्रवाई में युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई, जिसकी वजह से किसानों ने अंतिम अरदास तक के लिए दिल्ली कूच टाल दिया था। रविवार 3 मार्च को शुभकरण सिंह की अंतिम अरदास का आयोजन किया गया था। वहीं पर बठिंडा में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली कूच का ऐलान किया और दूसरी योजनाएं बताईं। 

रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 6 मार्च को देशभर से किसान, मजदूर, आदिवासी दिल्ली कूच करेंगे। ये कूच ट्रेनों और बसों से होगा। सरकार कहती है कि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के आए, इसलिए हमने फैसला किया है कि जहां के साथी ट्रेनों और बसों से दिल्ली आने वाले थे वो अब दिल्ली कूच करें।

पंधेर ने कहा कि हरियाणा-पंजाब के किसान खनौरी व शंभू बॉर्डर पर ही आंदोलन चलाएंगे, जबकि देश के बाकी हिस्सों से किसान उस दिन दिल्ली पहुंचेंगे। किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर ने कहा- छह मार्च को हरियाणा और पंजाब को छोड़ कर दूसरे राज्यों के किसान अपने अपने तरीके से दिल्ली पहुंचे। चाहे वे ट्रेन से आएं या फिर पैदल। सरकार कहती है कि किसान ट्रेन या बस से दिल्ली पहुंच सकते हैं, जबकि दिल्ली जा रहे बिहार व कर्नाटक के किसानों को पुलिस ने ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा- छह मार्च के कूच से साफ हो जाएगा कि सरकार किसानों को बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के भी दिल्ली आने देना चाहती है या नहीं। दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 10 मार्च को देशभर में 'रेल रोको' प्रदर्शन किया जाएगा, रेल रोकने का ये प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक का रहेगा।

सरकार से आगे की वार्ता को लेकर अनिश्चय की स्थिति!

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को घोषणा की कि वे 6 मार्च (बुधवार) को राष्ट्रीय राजधानी तक अपना मार्च फिर से शुरू करेंगे। खास है कि एक सप्ताह पहले चंडीगढ़ में हुई चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी, जिसके बाद किसानों को अपना 'दिल्ली कूच' आंदोलन फिर से शुरू करना पड़ा। बीते बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की तत्काल कोई योजना नहीं है, लेकिन वह जल्द ही कोई समाधान निकालेगी। मुंडा ने कहा, "बातचीत फिर से शुरू करने की तत्काल कोई योजना नहीं है, लेकिन सरकार जल्द ही किसानों की चिंताओं का समाधान ढूंढ लेगी।" उधर, किसान नेताओं ने सरकार के MSP पर कपास, दालों और मक्के की 5 साल की सुनिश्चित खरीद के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि यह प्रस्ताव उनके हित में नहीं है, उन्होंने कहा कि वे सिर्फ दालों, मक्का और कपास के लिए नहीं बल्कि सभी 23 फसलों के लिए कानूनी एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। यही नहीं, युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसानों ने अंतिम अरदास 3 मार्च तक के लिए अपने "दिल्ली कूच" को भी रोक दिया था, लेकिन किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर रुके हुए थे।

टेनी को टिकट देकर मोदी ने किया सजा से मुक्त घोषित!

शुभकरण के अंतिम अरदास कार्यक्रम में बोलते हुए संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को वहां से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर सजा से मुक्त घोषित किया है, हम उसकी निंदा करते हैं और देश इसे देख रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को लखीमपुर खीरी से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर सजा से मुक्त घोषित किया है, हम उसकी निंदा करते हैं और देश इसे देख रहा है। देश इन चीजों के लिए कभी माफ नहीं करेगा और मोदी सरकार को सबक सिखाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को भी अपनी अंतरात्मा को जगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ दलाल मीडिया का जोर यह साबित करने पर है कि संघर्ष कुछ संगठनों का है, जबकि SKM गैर-राजनीतिक और KMM देश के दो सौ से अधिक संगठनों का देशव्यापी आंदोलन है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की आईटी सेल सोशल मीडिया पर दो समूह बनाकर और दूसरे को गाली देते हुए इसे कांग्रेस, अकाली, आप पार्टी का बताकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

इस मौके पर बोलते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि आज के शहादत समारोह के लिए पूरे भारत और पंजाब से लोगों की भीड़ को देखकर मोदी सरकार की आंखें खुलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों और मजदूरों पर आंसू गैस का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया और जिस तरह से हजारों लोग अस्थमा, सीने में दर्द और आंखों की समस्याओं से पीड़ित हैं, जैसे रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया गया, 12 बोर की राइफल का इस्तेमाल किया गया, एसएलआर का इस्तेमाल किया गया, जिससे एक किसान शहीद हो गया, एक की आंख चली गई, प्रितपाल सिंह को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उनके पैर तोड़े गए। 500 से अधिक लोग घायल हो गए। यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार अपने हक मांगने वाले किसानों और मजदूरों के साथ दुश्मन देश की सेना की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और देश में तानाशाही स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन देश की जनता ऐसा नहीं होने देगी। 

पंधेर ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा- आज तक इतिहास में कभी आंदोलन में ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। सरकार ने बाहर से ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागे। हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर सरकार ने पाकिस्तान और चीन बॉर्डर बना दिए। उन बॉर्डरों पर तार होती है, लेकिन सरकार ने पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर दीवारें ही खड़ी कर दीं। उन्होंने कहा- भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन बॉर्डर पर भी कानून होते हैं, लेकिन हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर कोई कानून नहीं है। केंद्र सरकार ने 70 हजार फोर्स का इस्तेमाल किया। 

उन्होंने कहा कि शहीद शुभकरण सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP और फसल खरीद गारंटी अधिनियम, स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन, किसानों की पूर्ण ऋण माफी और मांगों के पूरे चार्टर का समाधान नहीं होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के मुख्य नेताओं को एमएसपी देने के बजाय एमएसपी और खरीद गारंटी पर कानून बनाने की बात करनी चाहिए।

"... तो वह 140 करोड़ लोगों के अभिशाप का शिकार हो जाएंगे" 

उन्होंने कहा कि मोदी कह रहे हैं कि उनके सिर पर 140 करोड़ लोगों का हाथ है, लेकिन जिस तरह से उनकी सरकार ने देश के लोगों पर अत्याचार किया है, अगर वह देश के लोगों की आवाज का सम्मान नहीं करेंगे, तो वह 140 करोड़ लोगों के अभिशाप का शिकार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज का आंदोलन हरियाणा और पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में फैल गया है और आने वाले दिनों में किसान नेता इस अभियान को अन्य राज्यों में भी ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज आंदोलन की आवाज विदेशों की संसद में गूंज रही है।

इन मांगों को लेकर भी किया ऐलान-

केंद्र अथवा हरियाणा से गोली चलाने का निर्देश देने और उसका पालन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम FIR में शामिल कर उनको गिरफ्तार किया जाए। 
उत्तर भारत में कल हुई ओलावृष्टि, भारी बारिश और तूफान से हुए नुकसान की सरकारें तुरंत गिरदावरी करवाकर मुआवजा दें। 

आंदोलन में सहयोग का किया आह्वान

वहीं, शहीद शुभकरण जी ने जिस मकसद के लिए शहादत दी है उन मांगों को पूरा करने के लिए खन्नौरी गोलीकांड के दोषियों को जेल में डालने के लिए सारे देश के किसान, मजदूर और मुलाजिम संगठन इस आंदोलन को सफल करने के लिए जोर लगाए। इस दौरान सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल के अलावा सुरजीत सिंह फूल, अमरजीत सिंह राडा, सतनाम सिंह सानी, इंद्रजीत सिंह कोटबुड़ा, शुखजीत सिंह हरदोझंडे, मंजीत सिंह घुमाना, सतनाम सिंह बगाड़ियां, बलवंत सिंह बेहरामके, शुखजिंद्र सिंह, रणबीर सिंह राणा, गुरिंदर सिंह पंघु, दलबाग सिंह हरिगढ़, हरसुरिंदेर सिंह ढिल्लों, अमरजीत सिंह मोहड़ी, अभिमन्यु कुहाड़, मंजीत सिंह राय, लखविंदर सिंह सिरसा, पीटी जॉन, शुखदेव सिंह भोजराज, केरला रवींद्रन (तमिलनाडु), गुरदास सिंह लक्खड़वाली, जरनैल सिंह चहल, रमनदीप सिंह मान, आत्माराम लोहड़, अनीश खटकड़, संदीप सिंह, सुखपाल सिंह डप्पड़, गुरतयां सिंह पनेधी, सोनू औलख, जुझार सिंह, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, गुरप्रीत सिंह चीना, परमजीत सी (बिहार), इंदरजीत सिंह आदि मौजूद रहे। खास है कि युवा किसान के पैतृक गांव बल्लों, भठिंडा में अंतिम अरदास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने शहीद के प्रति आभार और श्रद्धांजलि व्यक्त की।

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