नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 3 दिसंबर, 2023 को एक रिपोर्ट जारी की। 'क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022' (Crime in India Report 2022) नाम की इस रिपोर्ट में भारत में साल 2022 में हुए अपराधों का विस्तृत डेटा है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 केस दर्ज हैं। हर एक घंटे पर 51 एफआईआर दर्ज की जाती हैं। एनसीआरबी डाटा के अनुसार, 2021 में 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 से अधिक मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 66.4 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने की दर 75.8 थी।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता के तहत महिलाओं के खिलाफ ज्यादातर अपराध पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (31.4 प्रतिशत) के थे, इसके बाद महिलाओं का अपहरण (19.2 प्रतिशत), महिलाओं पर उनकी नम्रता को भंग करने के इरादे से हमला (18.7 प्रतिशत) और दुष्कर्म (7.1 प्रतिशत) के मामले शामिल हैं।
देश में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ कई किए अपराध सबसे अधिक हैं। 2022 में 14,247 मामले दर्ज किए गए। मामलों के हिसाब से अपराध की उच्चतम दर 144.4 दर्ज की गई, जो देश की औसत दर 66.4 से काफी अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में ऐसे मामले 2021 में 14,277 और 2020 में 10,093 थे।
महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े
20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 महानगरों में महिला अपराध के 48,755 मामले दर्ज हुए हैं जबिक 2021 में यह आंकड़ा 43,43414 ही था। इससे पता चलता है कि अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत जैसे महानगर महिला सुरक्षा के हिसाब से संवेदनशील हो गए हैं।
अनुसूचित जाति (SC) के लोगों के साथ अपराध के कुल 57 हजार 582 मामले दर्ज किए गए। ये साल 2021 में दर्ज 50 हजार 900 मामलों की तुलना में 13.1 फीसदी ज्यादा है।
अनुसूचित जनजातियों (ST) के लोगों के साथ अपराध के कुल 10 हजार 064 मामले दर्ज किए गए। ये साल 2021 में दर्ज 8 हजार 802 मामलों की तुलना में 14.3 फीसदी ज्यादा हैं।
बच्चों के खिलाफ हिंसा में 8.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी
साल 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1 लाख 62 हजार 449 मामले दर्ज किए गए। ये संख्या साल 2021 के 1 लाख 49 हजार 404 मामलों की तुलना में 8.7 फीसदी ज्यादा है। साल 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के तहत आने वाले कुल मामलों में अपहरण के 45.7 फीसदी मामले थे, जबकि बलात्कार सहित POCSO एक्ट के तहत 39.7 फीसदी मामले दर्ज हुए। वहीं साल 2022 में किशोरों के खिलाफ कुल 30 हजार 555 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2021 (31 हजार 170 मामले) की तुलना में 2 फीसदी की गिरावट दिखाता है।
यूपी में दर्ज किए गए हत्या के सबसे अधिक मामले
साल 2022 में हत्या के मामलों में सबसे अधिक प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में इन मामलों में 3,491 प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) में प्राथमिकी दर्ज की गईं। देशभर में हत्या के कुल मामलों में से इन शीर्ष 5 राज्यों में 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
नॉर्थ ईस्ट के इन राज्यों में हत्या के सबसे कम मामले आए
एनसीआरबी के अनुसार, जिन राज्यों में हत्या के मामलों की सबसे कम प्राथमिकी दर्ज की गईं उनमें सिक्किम (9), नगालैंड (21), मिजोरम (31), गोवा (44), और मणिपुर (47) शामिल हैं।
दिल्ली में पिछले साल मर्डर के 509 मामले हुए दर्ज
केंद्र शासित प्रदेशों में आपराधिक मामलों की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जम्मू-कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव (16), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (7), लद्दाख (7) और लक्षद्वीप में (शून्य) मामले दर्ज किए गए।
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एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 केस दर्ज हैं। हर एक घंटे पर 51 एफआईआर दर्ज की जाती हैं। एनसीआरबी डाटा के अनुसार, 2021 में 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 से अधिक मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 66.4 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने की दर 75.8 थी।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता के तहत महिलाओं के खिलाफ ज्यादातर अपराध पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (31.4 प्रतिशत) के थे, इसके बाद महिलाओं का अपहरण (19.2 प्रतिशत), महिलाओं पर उनकी नम्रता को भंग करने के इरादे से हमला (18.7 प्रतिशत) और दुष्कर्म (7.1 प्रतिशत) के मामले शामिल हैं।
देश में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ कई किए अपराध सबसे अधिक हैं। 2022 में 14,247 मामले दर्ज किए गए। मामलों के हिसाब से अपराध की उच्चतम दर 144.4 दर्ज की गई, जो देश की औसत दर 66.4 से काफी अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में ऐसे मामले 2021 में 14,277 और 2020 में 10,093 थे।
महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े
20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 महानगरों में महिला अपराध के 48,755 मामले दर्ज हुए हैं जबिक 2021 में यह आंकड़ा 43,43414 ही था। इससे पता चलता है कि अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत जैसे महानगर महिला सुरक्षा के हिसाब से संवेदनशील हो गए हैं।
अनुसूचित जाति (SC) के लोगों के साथ अपराध के कुल 57 हजार 582 मामले दर्ज किए गए। ये साल 2021 में दर्ज 50 हजार 900 मामलों की तुलना में 13.1 फीसदी ज्यादा है।
अनुसूचित जनजातियों (ST) के लोगों के साथ अपराध के कुल 10 हजार 064 मामले दर्ज किए गए। ये साल 2021 में दर्ज 8 हजार 802 मामलों की तुलना में 14.3 फीसदी ज्यादा हैं।
बच्चों के खिलाफ हिंसा में 8.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी
साल 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1 लाख 62 हजार 449 मामले दर्ज किए गए। ये संख्या साल 2021 के 1 लाख 49 हजार 404 मामलों की तुलना में 8.7 फीसदी ज्यादा है। साल 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के तहत आने वाले कुल मामलों में अपहरण के 45.7 फीसदी मामले थे, जबकि बलात्कार सहित POCSO एक्ट के तहत 39.7 फीसदी मामले दर्ज हुए। वहीं साल 2022 में किशोरों के खिलाफ कुल 30 हजार 555 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2021 (31 हजार 170 मामले) की तुलना में 2 फीसदी की गिरावट दिखाता है।
यूपी में दर्ज किए गए हत्या के सबसे अधिक मामले
साल 2022 में हत्या के मामलों में सबसे अधिक प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में इन मामलों में 3,491 प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) में प्राथमिकी दर्ज की गईं। देशभर में हत्या के कुल मामलों में से इन शीर्ष 5 राज्यों में 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
नॉर्थ ईस्ट के इन राज्यों में हत्या के सबसे कम मामले आए
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दिल्ली में पिछले साल मर्डर के 509 मामले हुए दर्ज
केंद्र शासित प्रदेशों में आपराधिक मामलों की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जम्मू-कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव (16), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (7), लद्दाख (7) और लक्षद्वीप में (शून्य) मामले दर्ज किए गए।
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