CAG रिपोर्ट: द्वारका एक्सप्रेस-वे में 18.20 करोड़ के अप्रूवल पर खर्च हुए 251 करोड़

Written by sabrang india | Published on: August 16, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात की लेकिन देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने विभिन्न योजनाओँ में करोड़ों रुपये की अनियमितता (स्कैम) पकड़ा है। एक मामला भारतमाला परियोजना के चरण- I (BPP-I) के प्रोजेक्ट में देखा गया है। इस परियोजना पर 2017-18 से 2020-21 की दौरान की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने 14-लेन सड़क परियोजना पर कई टिप्पणियां की हैं। 



ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की एक रिपोर्ट ने दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे को लेकर पास किए गए बजट पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।  CAG के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे को कैबिनेट कमेटी ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स (CCEA) की तरफ से 18.20 करोड़ प्रति किमी. के बजट का अप्रूवल मिला था, लेकिन नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसका कुल बजट 7287.29 करोड़ रुपये कर दिया। इसका मतलब 18.20 करोड़ प्रति किमी. की जगह 250.77 करोड़ रुपये प्रति किमी का खर्च सामने आया है।  

भारतमाला परियोजना के चरण- I के प्रोजेक्ट पर 2017-18 से 2020-21 की दौरान की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने 14-लेन सड़क परियोजना पर कई टिप्पणियां की हैं। जिससे कई सवाल उठते हैं।

ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की एक रिपोर्ट ने दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे को लेकर पास किए गए बजट पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।  CAG के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे को कैबिनेट कमेटी ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स (CCEA) की तरफ से 18.20 करोड़ प्रति किमी. के बजट का अप्रूवल मिला था, लेकिन नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसका कुल बजट 7287.29 करोड़ रुपये कर दिया। इसका मतलब 18.20 करोड़ प्रति किमी. की जगह 250.77 करोड़ रुपये प्रति किमी का खर्च सामने आया है।  

भारतमाला परियोजना के चरण- I के प्रोजेक्ट पर 2017-18 से 2020-21 की दौरान की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने 14-लेन सड़क परियोजना पर कई टिप्पणियां की हैं। जिससे कई सवाल उठते हैं।

ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की एक रिपोर्ट ने दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे को लेकर पास किए गए बजट पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।  CAG के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे को कैबिनेट कमेटी ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स (CCEA) की तरफ से 18.20 करोड़ प्रति किमी. के बजट का अप्रूवल मिला था, लेकिन नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसका कुल बजट 7287.29 करोड़ रुपये कर दिया। इसका मतलब 18.20 करोड़ प्रति किमी. की जगह 250.77 करोड़ रुपये प्रति किमी का खर्च सामने आया है।  

भारतमाला परियोजना के चरण- I के प्रोजेक्ट पर 2017-18 से 2020-21 की दौरान की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने 14-लेन सड़क परियोजना पर कई टिप्पणियां की हैं। जिससे कई सवाल उठते हैं।



आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) में भारी घोटाला

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की लोकसभा में पेश रिपोर्ट में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसमें बताया गया है कि योजना के करीब 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं। इस मोबाइल नंबर में सभी 10 नंबर में 9 का अंक (9999999999) है। खास बात ये है कि जिस मोबाइल नंबर से ये करीब 7.5 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, वो नंबर भी गलत था, यानी उस नंबर का कोई भी सिम कार्ड नहीं है। बेनिफिशियरी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (BIS) डेटाबेस के एनालिसिस से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ। ऐसा ही एक दूसरे मामले का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है, जिसमें बताया गया है कि करीब 1 लाख 39 हजार 300 लोग एक दूसरे नंबर 8888888888 से जुड़े हुए हैं, वहीं 96,046 अन्य लोग 90000000 नंबर से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा ऐसे ही करीब 20 नंबर भी सामने आए हैं, जिनसे 10 हजार से लेकर 50 हजार लाभार्थी जुड़े हुए हैं।

दूसरी योजनाओं के प्रचार प्रसार में लगाया पेंशन योजनाओं का फंड

CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी पेंशन योजनाओं का फंड अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार में लगा दिया। ऑडिट के दौरान CAG ने पाया कि केंद्रीय मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने योजना के तहत आवंटित फंड में ‘हेराफेरी’ की है। रिपोर्ट में बताया गया कि जून 2017 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 39 लाख 15 हजार रुपये के फंड को मंत्रालय की बाकी योजनाओं के प्रचार अभियान में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी, जबकि ये पैसा पेंशन योजना के लिए था। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि अगस्त 2017 में 19 राज्यों के हर जिले में पांच होर्डिंग्स के माध्यम से ‘ग्राम समृद्धि, स्वच्छ भारत पखवाड़ा’ के प्रचार के लिए मंत्रालय ने 2 करोड़ 44 लाख रुपये इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रचार के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एडवरटाइजिंग (DAVP) को जो नोटिस जारी किया गया था, उसमें NSAP के तहत किसी भी योजना का जिक्र नहीं किया गया था। बल्कि ये प्रचार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए किए गए थे।

अयोध्या विकास परियोजना में ठेकेदारों को करोड़ों का अनुचित लाभ

CAG ने केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास परियोजना के कार्यान्वयन में ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने सहित कई अनियमितताएं पाई हैं। सीएजी ने जनवरी 2015 से मार्च 2022 तक स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत से इसका परफॉरमेंस ऑडिट किया है। बुधवार को लोकसभा में पेश की गई परफॉरमेंस ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, ठेकेदारों को छह राज्यों में छह परियोजनाओं/सर्किट में 19.73 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ दिया गया।

अयोध्या विकास परियोजना में ठेकेदारों को दिए गए अनुचित लाभ का विस्तृत विवरण देते हुए, सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है: 'कार्यान्वयन एजेंसी अर्थात उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा नियुक्त ठेकेदार को पांच प्रतिशत की दर से परफॉर्मेंस गारंटी जमा कराना जरूरी था जो अनुबंध धनराशि 62.17 करोड़ रुपये का 5 प्रतिशत यानि 3.11 करोड़ रुपये थी। हालांकि, ठेकेदार ने इसके नवीनीकरण (सितंबर 2021) के समय रिकॉर्ड पर बिना कारण बताए परफॉर्मेंस गारंटी की राशि यानी केवल 1.86 करोड़ रुपये जमा की।'

HAL BEL में करोड़ों रुपये का नुकसान

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को परियोजनाओं की दोषपूर्ण योजना के कारण 159.23 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीईएल के मामले में, उसने कहा कि 142 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड का स्वदेशीकरण नहीं किया जा सका। 

गुरुवार को संसद में प्रस्तुत मार्च 2020 को समाप्त वर्ष के लिए रक्षा पीएसयू पर अपनी 18वीं रिपोर्ट में, लेखा परीक्षकों ने आलोचनात्मक रूप से कहा कि “एचएएल ने परियोजना 1 से जुड़े जोखिमों की परिकल्पना नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप कई अनियोजित गतिविधियां शुरू हुईं। डी एंड डी (डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट) गतिविधियों की शुरुआत के बाद परियोजना का दायरा संशोधित किया गया था। इसके अलावा, एचएएल मूल रूप से नियोजित सामग्री की उपलब्धता में देरी का अनुमान लगाने में विफल रहा, जिसके कारण कोर इंजन 1 का निर्माण स्थानापन्न सामग्रियों का उपयोग करके किया गया था।

सीएजी के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप, एचएएल ने मूल रूप से नियोजित सामग्री के साथ दूसरा कोर इंजन 2 का निर्माण किया। लेखा परीक्षकों ने खुलासा किया, “मार्च 2022 तक किया गया ₹159.23 करोड़ का खर्च ख़राब था।”

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