भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे देश के शीर्ष पहलवानों ने अब सरकार द्वारा अनदेखी किए जाने पर बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है।
विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई शीर्ष प्रदर्शनकारी पहलवान गंगा में अपने मेडल बहाने जा रहे हैं। सभी पहलवार हरिद्वार के लिए निकल गए हैं। बता दें कि शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
बता दें कि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने संसद की नई इमारत के समीप उसी दिन (28 मई) महिला महापंचायत का आह्वान किया था जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था। रविवार को पहलवानों ने बैरिकेड को तोड़कर जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया जिसके बाद उनके और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पहलवानों को हिरासत में लिया गया और दिल्ली में अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया।
इस घटना के बाद पहलवानों के सामने बहुत विकल्प नहीं बचे हैं कि आखिर उनका विरोध किस स्तर तक जाएगा। सरकारी अनदेखी और बृजभूषण सिंह को संरक्षण से परेशान पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में विसर्जित कर इंडिया गेट पर आमरण अनशन करने का फैसला किया है।
रेसलर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मेडल्स गंगा में प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे। साक्षी ने लिखा- हमने पवित्रता से इन मेडल को हासिल किया था। इन मेडल को पहनाकर तेज सफेदी वाला तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है। फिर हमारा शोषण करता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली।
पहलवानों द्वारा ट्विटर पर साझा किया गया पत्र यहां पढ़ सकते हैं:
इस बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है। इसमें संत भाग लेंगे। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा। अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे।
रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।
जींद में खापों व किसानों ने पंचायत कर ऐलान किया कि दिल्ली में दूध, सब्जी, फल और अन्य सामान की सप्लाई को बंद करेंगे। किसान आंदोलन की तरह दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया जाएगा।
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बता दें कि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने संसद की नई इमारत के समीप उसी दिन (28 मई) महिला महापंचायत का आह्वान किया था जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था। रविवार को पहलवानों ने बैरिकेड को तोड़कर जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया जिसके बाद उनके और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पहलवानों को हिरासत में लिया गया और दिल्ली में अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया।
इस घटना के बाद पहलवानों के सामने बहुत विकल्प नहीं बचे हैं कि आखिर उनका विरोध किस स्तर तक जाएगा। सरकारी अनदेखी और बृजभूषण सिंह को संरक्षण से परेशान पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में विसर्जित कर इंडिया गेट पर आमरण अनशन करने का फैसला किया है।
रेसलर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मेडल्स गंगा में प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे। साक्षी ने लिखा- हमने पवित्रता से इन मेडल को हासिल किया था। इन मेडल को पहनाकर तेज सफेदी वाला तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है। फिर हमारा शोषण करता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली।
पहलवानों द्वारा ट्विटर पर साझा किया गया पत्र यहां पढ़ सकते हैं:
इस बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है। इसमें संत भाग लेंगे। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा। अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे।
रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।
जींद में खापों व किसानों ने पंचायत कर ऐलान किया कि दिल्ली में दूध, सब्जी, फल और अन्य सामान की सप्लाई को बंद करेंगे। किसान आंदोलन की तरह दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया जाएगा।
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