फिलीपींस की प्रसिद्ध पत्रकार ने तीस्ता सेतलवाड़, मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को बताया 'शॉकिंग'

Written by Sabrangindia Staff | Published on: July 1, 2022
'रैपलर' की संस्थापक ने द वायर को बताया कि जो कुछ हुआ है यह चौंकाने वाला है। इसका विरोध करने के लिए पत्रकारों को एक साथ आना होगा।



मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार व समाजसेवी तीस्ता सेतलवाड़ और फेक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बात हो रही है। इन दोनों को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया है उसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी रिहाई की मांग की जा रही है। 

द् वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने इस मामले पर फिलीपींस की नोबेल पुरस्कार विजेता पत्रकार मारिया रेसा बात की। रेसा ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ और फेक्ट चेक जर्नलिस्ट मोहम्मद जुबैर की भारत में गिरफ्तारी को 'चौंकाने वाला' बताया है।
 
हवाई के ईस्ट-वेस्ट सेंटर में एक मीडिया सम्मेलन से इतर द वायर को दिए 10 मिनट के साक्षात्कार में रेसा ने कहा कि जो कुछ हुआ है उसका विरोध करने के लिए सभी पत्रकारों को एक साथ आना चाहिए। "मुझे लगता है ... भारतीय पत्रकार, और आपको एकजुट होना चाहिए ... हर किसी को इसके बारे में बात करनी चाहिए, हर किसी को इसके बारे में लिखना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा कि आप जानती हैं, ये बातें...मैं अपने अनुभव से कहूंगी...जब मैं गिरफ्तार हुई, पत्रकार...लोग मैदान में कूदना नहीं चाहते। आप समझ सकती हैं? आंशिक रूप से स्वार्थ के कारण। लेकिन आप सभी को एक साथ कैसे लाते हैं? आप सभी से बात करें। आप लोगों को एक साथ खींचें हैं। यहीं पर कार्यकर्ता पत्रकारों से बेहतर हैं। हम इस पर थोड़े बुरे हैं...। 'क्योंकि हमें लगता है कि कहानी को कहानी कहनी चाहिए, है ना? लेकिन यह चौंकाने वाला है और इसे और सुर्खियां मिलनी चाहिए।

आरफा के साथ रेसा की पूरी बातचीत यहां सुनी जा सकती है:


 
ग्रीन्स, फिनलैंड से यूरोपीय संसद की सदस्य, अल्विना अलामेत्सा ने भी तीस्ता सेतलवाड़ की रिहाई की मांग की है। ट्विटर पर एक बयान में उन्होंने कहा, ''मैं भारत में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति से दुखी हूं। यूरोपीय संघ को भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत करने में सक्षम होने के लिए, देश को मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और हाल ही में गिरफ्तार किए गए तीस्ता जैसे राजनीतिक कैदियों को रिहा करना चाहिए।''



तीस्ता के खिलाफ कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने भी उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है। 



ओएचसीएचआर ने तीस्ता सेतलवाड़ को गिरफ्तार किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'भारत : हम तीस्ता सेतलवाड़ एवं दो पूर्व पुलिस अधिकारियों की हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं। उनकी सक्रियता एवं 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए उनका उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए।'
 
इससे पहले मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने सेतलवाड़ की रिहाई की मांग करते हुए कहा था, "तीस्ता नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज है। मानवाधिकारों की रक्षा करना कोई अपराध नहीं है।"



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