देश की जानी मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार तीस्ता सेतलवाड़ की रिहाई के लिए जन समर्थन बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को सोनभद्र के दुद्धी तहसील पर अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन के बैनर तले आदिवासी महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन कर, तीस्ता की रिहाई की मांग की। कहा कि हम सब तीस्ता सेतलवाड़ के साथ हैं। लड़ेंगे और जीतेंगे। सरकार को महिलाओं से पंगा लेना भारी पड़ेगा। जीत हमारी ही होगी।
अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुकालो गोंड ने इंकलाब जिंदाबाद के साथ शुरू किए अपने संबोधन में कहा कि हम सब, पूरी यूनियन के लोग तीस्ता जी के साथ खड़े हैं। उनके लिए जहां भी लड़ना पड़ेगा, जो भी करना पड़ेगा, करेंगे और जीतेंगे। गुजरात प्रशासन की इस कार्यवाही की निंदा करते हुए सुकालो गोंड ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है। सरकार के साथ आर पार की लड़ाई है जिसमें जीत हमारी ही होगी। सुकालो ने कहा कि 2015 और 2018 में जब हम जेल गए थे तो और ज्यादा ताकतवर होकर जेल से लौटे थे। तीस्ता जी भी और ज्यादा ताकतवर होकर बाहर आएंगी। कोई डर या शंका नहीं है। ना ही किसी को डरना है और आगे पीछे देखना है। हम कभी हारे भी नहीं हैं। सभी यूनियन के लोग मिलकर लड़ेंगे और जीत हमारी ही होगी।
सुकालो ने कहा हमारी साथी (तीस्ता सेतलवाड़) गरीब, वंचित का उत्पीड़न हो या फिर वनाधिकार और मानवाधिकार का मामला हो, हर किसी की लड़ाई लड़ने का काम कर रही हैं। देश और दुनिया में उनकी जो पहचान है वो हारने वाली महिला की नहीं हैं। जीत हमारी ही होगी। शासन को महिलाओं से पंगा लेना भारी पड़ेगा।
एसडीएम को ज्ञापन देने के पहले महिलाओं ने तीस्ता को रिहा करो व लड़ेंगे और जीतेंगे आदि के नारे भी लगाए। इस दौरान आदिवासी महिला नेत्री राजकुमारी ने तीस्ता की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए, उनकी अविलंब रिहाई की मांग की है। इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।
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सुकालो ने कहा हमारी साथी (तीस्ता सेतलवाड़) गरीब, वंचित का उत्पीड़न हो या फिर वनाधिकार और मानवाधिकार का मामला हो, हर किसी की लड़ाई लड़ने का काम कर रही हैं। देश और दुनिया में उनकी जो पहचान है वो हारने वाली महिला की नहीं हैं। जीत हमारी ही होगी। शासन को महिलाओं से पंगा लेना भारी पड़ेगा।
एसडीएम को ज्ञापन देने के पहले महिलाओं ने तीस्ता को रिहा करो व लड़ेंगे और जीतेंगे आदि के नारे भी लगाए। इस दौरान आदिवासी महिला नेत्री राजकुमारी ने तीस्ता की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए, उनकी अविलंब रिहाई की मांग की है। इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।
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