आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में धांधली को लेकर छात्रों का गुस्सा थमता नहीं दिख रहा है। छात्रों ने शुक्रवार 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। छात्रों के बंद को राजद समेत महागठबंधन के सभी दलों ने समर्थन देने का ऐलान किया है।
महागठबंधन की ओर से गुरुवार को संयुक्त रूप से राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में बंद को समर्थन देने की घोषणा की गई। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में महागठबंधन के सभी घटक दल के नेता प्रेस कान्फ्रेंस में शामिल हुए। इनमें कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा माले के नेता प्रमुख है।
इस मौके पर महागठबंधन के नेताओ ने छात्रों की मांगों को जायज बताया और उन मांगों पर त्वरित निर्णय लेने की मांग की। जगदानंद सिंह ने रेलवे को कमजोर करने और उसे निजीकरण की ओर धकेलने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हिंसा की ओर छात्रों को न मजबूर किया जाए। 2 करोड़ 42 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में महागठबंधन सक्रिय रूप से शामिल होगा।
माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि पिछले सात वर्षों में भाजपा के राज में छात्र अपने को लगातार छला महसूस कर रहे हैं। बिहार की डबल इंजन सरकार ने भी 19 लाख रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि रेलवे द्वारा जारी रिजल्ट कई गड़बड़ियां हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने केंद्र व राज्य सरकार पर छात्रों के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। सभी दलों ने मांग की कि स्नातक स्तरीय परीक्षा में रिजल्ट जारी हो।
ग्रुप डी में केवल एक परीक्षा ली जाए और छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। मौके पर भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव व अन्य मौजूद थे।
परीक्षा को लेकर छात्र पिछले चार दिनों से आंदोलनरत हैं। मंगलवार को आंदोलन हिंसक भी हो गया। बुधवार को गया में पैसेंजर ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी गई। देर रात पटना में छापेमारी भी की गई।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने खुद मीडिया के सामने आकर छात्रों को समझाने की कोशिश की और मामले की जांच का आश्वासन भी दिया। एक कमेटी भी बनाने का ऐलान किया। इसके बाद भी छात्रों का आंदोलन जारी है।
महागठबंधन की ओर से गुरुवार को संयुक्त रूप से राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में बंद को समर्थन देने की घोषणा की गई। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में महागठबंधन के सभी घटक दल के नेता प्रेस कान्फ्रेंस में शामिल हुए। इनमें कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा माले के नेता प्रमुख है।
इस मौके पर महागठबंधन के नेताओ ने छात्रों की मांगों को जायज बताया और उन मांगों पर त्वरित निर्णय लेने की मांग की। जगदानंद सिंह ने रेलवे को कमजोर करने और उसे निजीकरण की ओर धकेलने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हिंसा की ओर छात्रों को न मजबूर किया जाए। 2 करोड़ 42 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में महागठबंधन सक्रिय रूप से शामिल होगा।
माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि पिछले सात वर्षों में भाजपा के राज में छात्र अपने को लगातार छला महसूस कर रहे हैं। बिहार की डबल इंजन सरकार ने भी 19 लाख रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि रेलवे द्वारा जारी रिजल्ट कई गड़बड़ियां हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने केंद्र व राज्य सरकार पर छात्रों के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। सभी दलों ने मांग की कि स्नातक स्तरीय परीक्षा में रिजल्ट जारी हो।
ग्रुप डी में केवल एक परीक्षा ली जाए और छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। मौके पर भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव व अन्य मौजूद थे।
परीक्षा को लेकर छात्र पिछले चार दिनों से आंदोलनरत हैं। मंगलवार को आंदोलन हिंसक भी हो गया। बुधवार को गया में पैसेंजर ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी गई। देर रात पटना में छापेमारी भी की गई।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने खुद मीडिया के सामने आकर छात्रों को समझाने की कोशिश की और मामले की जांच का आश्वासन भी दिया। एक कमेटी भी बनाने का ऐलान किया। इसके बाद भी छात्रों का आंदोलन जारी है।