उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बांगरमऊ पुलिस की हिरासत में शुक्रवार को सब्जी बेचने वाले युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। गुस्साए परिजनों के साथ लोग पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए शव लेकर सड़क उतर आए। राहगीरों के अलावा मीडियाकर्मियों को मारपीट कर खदेड़ दिया। भीड़ मुआवजे के साथ घर के एक सदस्य को नौकरी और पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ी रही।
एएसपी शशिशेखर सिंह ने देर रात बांगरमऊ थाने के दो सिपाहियों और एक होमगार्ड के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया और एफआईआर की कॉपी परिजनों को दिखाई। तब रात 11 बजे परिजनों ने जाम खोला और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। इससे पहले एएसपी हार्टअटैक से मौत बता रहे थे। तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भटपुरी का फैसल एक पेड़ के नीचे सब्जी की दुकान लगाता था। फैसल कर्फ्यू के दौरान सब्जी बेच रहा था, तभी कोतवाली के दो सिपाही बाइक से पहुंचे और उसे कर्फ्यू का हवाला देकर दुकान समटने को कहा। इस पर फैसल से नोकझोंक हो गई। बताया जाता है कि पुलिस कर्मियों ने उसकी डंडे से पिटाई कर दी और बाइक पर बैठाकर कोतवाली ले आए। तब एएसपी शशिशेखर सिंह ने दावा किया था कि कोतवाली लाते समय ही फैसल की तबीयत खराब हो गई। उसे एक दिन पहले से बुखार आ रहा था। बाइक पर बैठने पर चक्कर आ गया और कोतवाली पहुंचते ही बाइक से गिर गया। उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने हार्टअटैक बताया। बेहतर इलाज के लिए उसे रेफर कराया जा रहा था कि उसकी मौत हो गई।
उधर, सब्जी विक्रेता की मौत की खबर पर गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए और घंटों बवाल किया। स्ट्रेचर पर शव रखकर पुलिस पर पीटने का आरोप लगा नारेबाजी करने लगे। कर्फ्यू के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ से पुलिस के हाथपांव फूलने लगे। पुलिस ने आसपास के थानों को फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया। देररात तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा सका था। परिजनों और पब्लिक के दबाव पुलिस बैकफुट पर आई और पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्जकर जाम खुलवाया।
एएसपी शशिशेखर सिंह ने देर रात बांगरमऊ थाने के दो सिपाहियों और एक होमगार्ड के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया और एफआईआर की कॉपी परिजनों को दिखाई। तब रात 11 बजे परिजनों ने जाम खोला और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। इससे पहले एएसपी हार्टअटैक से मौत बता रहे थे। तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भटपुरी का फैसल एक पेड़ के नीचे सब्जी की दुकान लगाता था। फैसल कर्फ्यू के दौरान सब्जी बेच रहा था, तभी कोतवाली के दो सिपाही बाइक से पहुंचे और उसे कर्फ्यू का हवाला देकर दुकान समटने को कहा। इस पर फैसल से नोकझोंक हो गई। बताया जाता है कि पुलिस कर्मियों ने उसकी डंडे से पिटाई कर दी और बाइक पर बैठाकर कोतवाली ले आए। तब एएसपी शशिशेखर सिंह ने दावा किया था कि कोतवाली लाते समय ही फैसल की तबीयत खराब हो गई। उसे एक दिन पहले से बुखार आ रहा था। बाइक पर बैठने पर चक्कर आ गया और कोतवाली पहुंचते ही बाइक से गिर गया। उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने हार्टअटैक बताया। बेहतर इलाज के लिए उसे रेफर कराया जा रहा था कि उसकी मौत हो गई।
उधर, सब्जी विक्रेता की मौत की खबर पर गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए और घंटों बवाल किया। स्ट्रेचर पर शव रखकर पुलिस पर पीटने का आरोप लगा नारेबाजी करने लगे। कर्फ्यू के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ से पुलिस के हाथपांव फूलने लगे। पुलिस ने आसपास के थानों को फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया। देररात तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा सका था। परिजनों और पब्लिक के दबाव पुलिस बैकफुट पर आई और पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्जकर जाम खुलवाया।