उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती सोमवार को भी जारी रही। भारी तैयारियों के बावजूद चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा रुझानों में लड़खड़ाने लगी थी। गोरखपुर आदि में पार्टी प्रत्याशियों पर निर्दलीय भारी पड़े तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में सपा व रालोद से मुकाबला चला। यही नहीं, सबसे खास भगवान राम की नगरी अयोध्या में 40 में से 24 पर सपा जीत चुकी या आगे चलती रही।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को, यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। जिसके मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चौंकाने वाले रुझान हैं। योगीराज में राम मंदिर निर्माण शुरू होना विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए बड़ी जीत माना जा रहा था। इससे न केवल अयोध्या बल्कि यूपी में बीजेपी को वोटों में फसल काटने की उम्मीद थी। परंतु, पंचायत चुनाव के रुझानों में कुछ और ही तस्वीर नजर आ रही है। राम नगरी अयोध्या में 40 में से 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे चल रही है या जीत चुकी हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी केवल 6-7 सीटों पर बढ़त बनाए है। बसपा 5 सीटों पर जीती है। ओवरऑल भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली तस्वीर है।
3051 जिला पंचायतों में से 2100 के करीब के रुझानों में 702 पर बीजेपी आगे चल रही थी। सपा 504 पर, तो बसपा 132 पर बढ़त लिए थी। वहीं, कांग्रेस 62 सीटों के साथ आगे थी, जबकि अन्य 608 के साथ आगे चले। वहीं, पश्चिमी यूपी के रुझान यह इशारे कर रहे हैं कि बीजेपी ने किसान आंदोलन के बाद अपना काफी कुछ खो दिया है। जानकारी के मुताबिक बागपत की ज्यादातर सीटों पर आरएलडी बीजेपी को पटखनी देती दिखाई नजर आई।
रही सही कसर बागी व निर्दलीय प्रत्याशी पूरा कर दे रहे हैं और पार्टी प्रत्याशियों पर भारी पड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे व मुलायम सिंह यादव की भतीजी व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन सहित अनेक सूरमाओं व रिश्तेदारों को पराजय का सामना करना पड़ा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को, यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। जिसके मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चौंकाने वाले रुझान हैं। योगीराज में राम मंदिर निर्माण शुरू होना विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए बड़ी जीत माना जा रहा था। इससे न केवल अयोध्या बल्कि यूपी में बीजेपी को वोटों में फसल काटने की उम्मीद थी। परंतु, पंचायत चुनाव के रुझानों में कुछ और ही तस्वीर नजर आ रही है। राम नगरी अयोध्या में 40 में से 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे चल रही है या जीत चुकी हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी केवल 6-7 सीटों पर बढ़त बनाए है। बसपा 5 सीटों पर जीती है। ओवरऑल भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली तस्वीर है।
3051 जिला पंचायतों में से 2100 के करीब के रुझानों में 702 पर बीजेपी आगे चल रही थी। सपा 504 पर, तो बसपा 132 पर बढ़त लिए थी। वहीं, कांग्रेस 62 सीटों के साथ आगे थी, जबकि अन्य 608 के साथ आगे चले। वहीं, पश्चिमी यूपी के रुझान यह इशारे कर रहे हैं कि बीजेपी ने किसान आंदोलन के बाद अपना काफी कुछ खो दिया है। जानकारी के मुताबिक बागपत की ज्यादातर सीटों पर आरएलडी बीजेपी को पटखनी देती दिखाई नजर आई।
रही सही कसर बागी व निर्दलीय प्रत्याशी पूरा कर दे रहे हैं और पार्टी प्रत्याशियों पर भारी पड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे व मुलायम सिंह यादव की भतीजी व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन सहित अनेक सूरमाओं व रिश्तेदारों को पराजय का सामना करना पड़ा है।