जारी रहेगा किसान आंदोलन, बॉर्डर पर आने लगे कूलर

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 16, 2021
नई दिल्ली। कड़कड़ाती सर्दियों में आंदोलन पर आए किसान अब गर्मियों में भी यहीं रुकेंगे, अगर सरकार नहीं मानी तो। इस बीच यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में गर्मी से निपटने की तैयारी में किसान जुट गए हैं। किसानों की तरफ से गर्मी से बचने के लिए कूलर मंगाए जा रहे हैं। वहीं, बिजली व्यवस्था के लिए किसान अस्थाई कनेक्शन के लिए विद्युत निगम में आवेदन करेंगे। विद्युत निगम से कनेक्शन नहीं मिलता है तो किसान आंदोलन स्थल पर जनरेटरों की व्यवस्था करेंगे।



यूपी गेट पर 82 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं। सर्दी तो किसानों ने किसी तरह काट ली लेकिन अब गर्मी शुरू हो गई है। तेज धूप से बचने के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है। आंदोलन स्थल पर हर कैंप में कूलर की व्यवस्था की जाएगी। किसानों की तरफ से कूलर के ऑर्डर दिए जा रहे हैं। कुछ दिनों में कूलर आंदोलन स्थल पर पहुंचने लगेंगे। विद्युत निगम से सौ किलोवाट का अस्थाई कनेक्शन आंदोलन स्थल पर देने की मांग की जाएगी। कनेक्शन लेने में आने वाला खर्च और बिल का भुगतान किसान कमेटी की तरफ से किया जाएगा। अगर विद्युत निगम की तरफ से कनेक्शन नहीं दिया जाता है तो किसानों की तरफ से आंदोलन स्थल पर जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी। 

राकेश टिकैत का कहना है कि गर्मी बढ़ रही है। गर्मी में आंदोलन स्थल पर कूलर भी चलेंगे। कनेक्शन के लिए विद्युत निगम को आवेदन किया जाएगा। कनेक्शन नहीं मिला तो जनरेटरों की व्यवस्था की जाएगी। गर्मी बढ़ने के साथ ही दिन में तेज धूप में किसानों का बैठना मुश्किल हो रहा है। गर्मी की वजह से किसान मंच के सामने बहुत ही कम संख्या में बैठ रहे हैं। इधर-उधर छाया में किसान खड़े रहते है। यह देख एक दो दिन में मंच के सामने टेंट लगाया जाएगा। इसके साथ ही पंखों की व्यवस्था की जाएगी। 
 
ढाई माह से अधिक समय से किसान आंदोलन को धार दे रहे राकेश टिकैत सोमवार को गाजीपुर बार्डर पर नई भूमिका में नजर आए। टिकैत ने आंदोलन स्थल पर चल रही सावित्रीबाई फुले पाठशाला में जाकर जाकर न सिर्फ बच्चों को पढ़ाया, बल्कि डेढ़ माह से इस पाठशाला में आ रहे बच्चों ने क्या सीखा, इस बात की भी जानकारी ली। उन्होंने बच्चों को गिनती और पहाड़ों का अभ्यास तो कराया ही, साथ-साथ उनका टेस्ट भी लिया। बच्चों ने टिकैत के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। टिकैत ने कहा कि सरकारी नीतियों की खामी है कि देश के भविष्य के लिए स्कूल तक नहीं हैं। अमीर का बच्चा वातानुकूलित स्कूलों में पढ़ता है गरीब के बच्चे को टाट-पट्टी वाला स्कूल भी नसीब नहीं है। 

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