रेवाड़ी: हरियाणा पुलिस और प्रदर्शनकारी किसान रविवार को रेवाड़ी-अलवर सीमा पर एक झड़प के करीब आ गए, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य आंदोलन में शामिल होने के लिए मार्च करना शुरू कर दिया। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने मार्च रोकने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे।
सूत्रों के मुताबिक, किसान आगे बढ़ने के लिए पुलिस घेरा और बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें एक स्थानीय ओवर-ब्रिज पर रोक दिया। रेवाड़ी पुलिस प्रमुख अभिषेक जोरवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, "हमने उन्हें मसानी में रोक दिया है।"
पिछले साल नवंबर में, पंजाब के हजारों किसानों पर पानी के तोप और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने उनके विरोध मार्च को दिल्ली तक रोकने की कोशिश की। रास्ते में कई झड़पों में दोनों पक्ष शामिल थे।
ग़ौरतलब है कि रेवाड़ी से होकर गुज़रने वाले दिल्ली जयपुर हाईवे पर मौजूद सांगरी चौक पर किसान पिछले कुछ दिनों से डेरा डाले हुए थे। ख़बरों के मुताबिक़, 2 जनवरी को ही हरियाणा के कई हिस्सों से किसान ट्रैक्टर और गाड़ी समेत आकर हाईवे के क़रीब जम गए। 3 जनवरी की शाम किसानों ने दिल्ली कूच करने का मन बनाया। शाम के 4 बज गए थे। हरियाणा पुलिस ने मसानी बैराज पर किसानों को कंटेनर लगाकर रोक दिया। इसके बाद किसान रोड डिवाइडर पार करके जयपुर वाली लेन में आ गए, यहीं पर हरियाणा पुलिस से किसानों की झड़प हुई।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक़, किसानों ने कहा है कि उनके ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में रखे गैस सिलिंडर फट सकते थे। बताया जा रहा है कि घटना के बाद भी बॉर्डर पर किसान भारी संख्या में डटे हुए हैं। मीडिया से बातचीत में किसान नेताओं ने कहा है कि वो फिर से दिल्ली जाने की जुगत करेंगे।
इसके पहले 31 दिसंबर को शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी ऐसी ही घटना सामने आयी थी, जब आक्रोशित किसानों के एक आक्रोशित जत्थे ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया था। इस समय भी हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार का प्रयोग किसानों को रोकने के लिए किया था।
सूत्रों के मुताबिक, किसान आगे बढ़ने के लिए पुलिस घेरा और बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें एक स्थानीय ओवर-ब्रिज पर रोक दिया। रेवाड़ी पुलिस प्रमुख अभिषेक जोरवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, "हमने उन्हें मसानी में रोक दिया है।"
पिछले साल नवंबर में, पंजाब के हजारों किसानों पर पानी के तोप और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने उनके विरोध मार्च को दिल्ली तक रोकने की कोशिश की। रास्ते में कई झड़पों में दोनों पक्ष शामिल थे।
ग़ौरतलब है कि रेवाड़ी से होकर गुज़रने वाले दिल्ली जयपुर हाईवे पर मौजूद सांगरी चौक पर किसान पिछले कुछ दिनों से डेरा डाले हुए थे। ख़बरों के मुताबिक़, 2 जनवरी को ही हरियाणा के कई हिस्सों से किसान ट्रैक्टर और गाड़ी समेत आकर हाईवे के क़रीब जम गए। 3 जनवरी की शाम किसानों ने दिल्ली कूच करने का मन बनाया। शाम के 4 बज गए थे। हरियाणा पुलिस ने मसानी बैराज पर किसानों को कंटेनर लगाकर रोक दिया। इसके बाद किसान रोड डिवाइडर पार करके जयपुर वाली लेन में आ गए, यहीं पर हरियाणा पुलिस से किसानों की झड़प हुई।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक़, किसानों ने कहा है कि उनके ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में रखे गैस सिलिंडर फट सकते थे। बताया जा रहा है कि घटना के बाद भी बॉर्डर पर किसान भारी संख्या में डटे हुए हैं। मीडिया से बातचीत में किसान नेताओं ने कहा है कि वो फिर से दिल्ली जाने की जुगत करेंगे।
इसके पहले 31 दिसंबर को शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी ऐसी ही घटना सामने आयी थी, जब आक्रोशित किसानों के एक आक्रोशित जत्थे ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया था। इस समय भी हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार का प्रयोग किसानों को रोकने के लिए किया था।