किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का ऐलान- फूट डालना चाहती है सरकार, वार्ता मंजूर नहीं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 1, 2020
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी। कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली। ऐसे में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बातचीत की अगुवाई करेंगे। किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। लेकिन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की तरफ से इस वार्ता पर ऐतराज जताया गया है। 



किसानों का कहना है कि MSP और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लिखित गारंटी चाहिए। किसान संगठनों को डर है कि नया कानून जैसे ही जमीन पर उतरेगा, MSP धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। यही कारण है कि MSP हमेशा के लिए बनी रहे, वो इस बात को कानून में शामिल करवाना चाहते हैं। 

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव ने कहा, “कल देर रात सरकार से चिट्ठी आई, जिसमें पंजाब के 32 किसान संगठनों को बातचीत का न्योता दिया गया। देश के सभी संगठनों को बुलावा नहीं भेजा गया। यह देश के किसानों में फूट डालने वाली बात है। हमने बैठक में नहीं जाने का फैसला किया है।”

पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा समूह हैं, लेकिन सरकार ने सिर्फ 32 समूहों को बातचीत के लिए न्योता दिया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता।

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तीखा प्रहार
राहुल गांधी ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।

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