अनुराधा भसीन कश्मीर की उन सीनियर पत्रकारों में से एक हैं जिन्हें पूरे भारत में जाना जाता है और पत्रकारिता से बाहर भी काफी सम्मानित महिला हैं। अनुराधा भसीन और उनका अखबार कश्मीर टाइम्स सत्ता का सच बताने के लिए जाना जाते हैं और हर कदम पर वह मीडिया की स्वतंत्रता के लिए खड़े होते हैं।
हालांकि एक महीने में दूसरी बार उनके कार्यालय पर छापेमारी की खबर अब खुद एक न्यूज का विषय बन गया है। सोमवार को सरकारी संपदा विभाग ने श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में 'कश्मीर टाइम्स' के कार्यालय को सील कर दिया। उन्होंने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पेज पर साझा किया।
भसीन ने जम्मू से फोन पर 'सबरंग इंडिया' को बताया, राज्य से लड़ना उनके और कश्मीर टाइम्स के लिए कोई नई बात नहीं है, उन्हें इस तरह के नोटिस, धमकियों का सामना करना पड़ा है और यहां तक कि विज्ञापन भी निकाले गए लेकिन वह अपनी जगह पर लगातार बने रहे। भसीन ने कहा, अगर इसे चुनौती नहीं दी जाती है तो श्रीनगर कार्यालय बंद होने का बाद में प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इससे टीम का मनोबल प्रभावित नहीं होगा। भसीन ने कहा, वे बिल्डिंग को सील कर सकते हैं। वे हमारी आवाज को नहीं रोक सकते।'
श्रीनगर संस्करण को कोविड -19 के मद्देनजर अस्थाई बंद कर दिया गया था और जम्मू संस्करण को हाल ही में लोअर प्रिंट के साथ फिर से शुरू किया गया था। फिर उनके निवास पर छापेमारी की गई और अब कार्यालय में छापेमारी की गई। भसीन का कहना है कि न तो उन्हें और न ही उनके स्टाफ को दोनों मामलों में रद्द करने की सूचना मिली है।
अभी दो हफ्ते पहले अनुराधा भसीन के वजरात रोड स्थित सरकार द्वारा आवंटित फ्लैट पर छापेमारी की गई थी और उसे कब्जे में ले लिया गया था। वह वहां देखने गईं तो उनका सामान, दुर्लभ किताबें, प्राचीन वस्तुएं और दशकों से परिवार द्वारा एकत्रित फर्नीचर चारों ओर बिखरे हुए थे और बिस्तर पर एक आदमी लेटा हुआ था। भसीन अपनी बहनों के घर से उसे देखने के लिए निकली थी जहां वह लॉकडाउन के दौरान रह रही थीं।
उनके बिस्तर पर जो आदमी लेटा हुआ था उसको अनुराधा ने पहचान लिया था जो पूर्व एमएलसी शहनाज गनाई का भाई इमरान गनाई था। गनाई कथित तौर पर वहां फ्लैट खाली करवाने और उसकी देखरेख करने के लिए वहां था।
भसीन ने कहा, इस बार निशाने पर यह कार्यालय है जिसे अधिकारियों ने सील कर दिया, इसे सरकार द्वारा आवंटित किया गया था। भसीन का कहना है कि उन्होंने नोटिस नहीं दिया और अब अचानक से कंप्यूटर और जेनरेटर समेत सभी उपकरण अंदर बंद कर दिए हैं। कानून की नियत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
टीम का मुख्यालय अब जम्मू में है, जहां संस्करण की छपाई फिर से शुरू हो गई है, और ऑनलाइन संस्करण जारी है।
भसीन का कहना है कि टीम मजबूत है और एक साथ खड़ी है और वह इस मुद्दे को कानूनी रूप से लड़ेंगी, क्योंकि उन पर रद्दीकरण या निष्कासन का कोई नोटिस नहीं दिया गया था, लिखित में कुछ भी नहीं दिया गया था।
हालांकि एक महीने में दूसरी बार उनके कार्यालय पर छापेमारी की खबर अब खुद एक न्यूज का विषय बन गया है। सोमवार को सरकारी संपदा विभाग ने श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में 'कश्मीर टाइम्स' के कार्यालय को सील कर दिया। उन्होंने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पेज पर साझा किया।
भसीन ने जम्मू से फोन पर 'सबरंग इंडिया' को बताया, राज्य से लड़ना उनके और कश्मीर टाइम्स के लिए कोई नई बात नहीं है, उन्हें इस तरह के नोटिस, धमकियों का सामना करना पड़ा है और यहां तक कि विज्ञापन भी निकाले गए लेकिन वह अपनी जगह पर लगातार बने रहे। भसीन ने कहा, अगर इसे चुनौती नहीं दी जाती है तो श्रीनगर कार्यालय बंद होने का बाद में प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इससे टीम का मनोबल प्रभावित नहीं होगा। भसीन ने कहा, वे बिल्डिंग को सील कर सकते हैं। वे हमारी आवाज को नहीं रोक सकते।'
श्रीनगर संस्करण को कोविड -19 के मद्देनजर अस्थाई बंद कर दिया गया था और जम्मू संस्करण को हाल ही में लोअर प्रिंट के साथ फिर से शुरू किया गया था। फिर उनके निवास पर छापेमारी की गई और अब कार्यालय में छापेमारी की गई। भसीन का कहना है कि न तो उन्हें और न ही उनके स्टाफ को दोनों मामलों में रद्द करने की सूचना मिली है।
अभी दो हफ्ते पहले अनुराधा भसीन के वजरात रोड स्थित सरकार द्वारा आवंटित फ्लैट पर छापेमारी की गई थी और उसे कब्जे में ले लिया गया था। वह वहां देखने गईं तो उनका सामान, दुर्लभ किताबें, प्राचीन वस्तुएं और दशकों से परिवार द्वारा एकत्रित फर्नीचर चारों ओर बिखरे हुए थे और बिस्तर पर एक आदमी लेटा हुआ था। भसीन अपनी बहनों के घर से उसे देखने के लिए निकली थी जहां वह लॉकडाउन के दौरान रह रही थीं।
उनके बिस्तर पर जो आदमी लेटा हुआ था उसको अनुराधा ने पहचान लिया था जो पूर्व एमएलसी शहनाज गनाई का भाई इमरान गनाई था। गनाई कथित तौर पर वहां फ्लैट खाली करवाने और उसकी देखरेख करने के लिए वहां था।
भसीन ने कहा, इस बार निशाने पर यह कार्यालय है जिसे अधिकारियों ने सील कर दिया, इसे सरकार द्वारा आवंटित किया गया था। भसीन का कहना है कि उन्होंने नोटिस नहीं दिया और अब अचानक से कंप्यूटर और जेनरेटर समेत सभी उपकरण अंदर बंद कर दिए हैं। कानून की नियत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
टीम का मुख्यालय अब जम्मू में है, जहां संस्करण की छपाई फिर से शुरू हो गई है, और ऑनलाइन संस्करण जारी है।
भसीन का कहना है कि टीम मजबूत है और एक साथ खड़ी है और वह इस मुद्दे को कानूनी रूप से लड़ेंगी, क्योंकि उन पर रद्दीकरण या निष्कासन का कोई नोटिस नहीं दिया गया था, लिखित में कुछ भी नहीं दिया गया था।