रुपिया न रोजगार बढ़ल, मजदूरी न दिहाड़ी हो, हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल ब दाढ़ी हो

Written by Mithun Prajapati | Published on: September 17, 2020
रुपिया न रोजगार बढ़ल, मजदूरी न दिहाड़ी हो
हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल ब दाढ़ी हो



घर-घर लोगवा मरते बाटे, ई महंगाई गर्दन काटे
खाना दाना नाहीं चबैना, कहें खियाईब तोहका छेना
लगी नौकरियां छूट गइल बा, लोगवा देवे गारी हो
हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल बा दाढ़ी हो।

लोटा थरिया बचल न भाई, चूल्हा झाड़ू सब बिकि जाइ
चूल्हा तरसे अगिया खोजे, चौका बेलना राम भरोसे
सूट सिलाकर नाम गुदावें, यही तो  है कलाकारी हो
हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल ब दाढ़ी हो।

धरम अफिमिया सब में बाटे, बोलने वाले लाठी खाते
गुंडे मावली चेले उनके, एक्टिविस्ट से जेल हैं भरते
तुइटर पे उहे फॉलो पावे, गरियावे जे बहिन महतारी हो
हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल ब दाढ़ी हो।

रुपिया न रोजगार बढ़ल, मजदूरी न दिहाड़ी हो
हमरे राजा तेल मलें, खाली बढ़ल ब दाढ़ी हो।

बाकी ख़बरें