UP में अब 5 वर्ष की संविदा से शुरू होगी सरकारी नौकरी, अखिलेश-प्रियंका ने दी चेतावनी

Written by sabrang india | Published on: September 14, 2020
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर अपने फैसलों से विवादों में आ गयी है। दरअसल सरकार ने समूह 'ख' और समूह 'ग' की भर्ती में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। सरकार समूह  'ख' और समूह 'ग' के तहत चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति शुरूआती पांच वर्षों तक संविधा के आधार पर रखेगी। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। पांच साल के बाद संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच जाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। 



खबरों के मुताबिक शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशविरा शुरू कर दिया गया है।

वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों पर लोगों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है। इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं। इस दौरान वह वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं। 

नियमित होने पर वह नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पर, प्रस्तावित पांच वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह 'ख' व 'ग' की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा। इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे। जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी।

प्रस्तावित नियमावली सरकार के समस्त सरकारी विभागों के समूह ख व समूह ग के पदों पर लागू होगी। यह सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 पर भी लागू होगी। इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा के पद ही बाहर होंगे।

वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रस्ताव को युवा विरोधी करार दिया है। उन्होंने सरकार 2022 में सबक सिखाने की चेतावनी दी है। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा केवल अपने राजनीतिक विस्तार और सत्ता पर एकाधिकार को ही विकास मानती है। यही कारण है कि प्रदेश में विकास कार्य अवरुद्ध हैं और युवाओं के प्रति तो उसका रवैया शुरू से ही संवेदनाशून्य रहा है। बयान जारी कर उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की गलत नीतियों के चलते प्रदेश पिछड़ता ही जा रहा है। परेशान हाल नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। समूह ख व ग की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है, जिससे सरकारी नौकरियों में भी ठेका प्रथा लागू हो जाएगी।

कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने भी दो टूक कहा है कि युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे। प्रियंका ने कहा कि युवा नौकरी की माँग करते हैं और यूपी सरकार भर्तियों को 5 साल के लिए संविदा पर रखने का प्रस्ताव ला देती है। ये जले पर नमक छिड़ककर युवाओं को चुनौती दी जा रही है। गुजरात में यही फिक्स पे सिस्टम है। वर्षों सैलरी नहीं बढ़ती, परमानेंट नहीं करते। युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे।


 

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