फरवरी 2020 हिंसा के मामले में पुलिस ने प्रो. अपूर्वानंद से की 5 घंटे तक पूछताछ, मोबाइल फोन भी किया जब्त

Written by sabrang india | Published on: August 4, 2020
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर अपूर्वानंद से दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 के दंगों के संबंध में पांच घंटे तक पूछताछ की। प्रोफेसर अपूर्वानंद से उनका फोन भी जब्त कर लिया गया। बता दें कि अपूर्वानंद सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलनों के खिलाफ मुखरता से आवाज उठाते रहे हैं। 



प्रो. अपूर्वानंद ने एक बयान जारी कर कहा कि 'फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा से संबंधित एफआईआर 59/20 के तहत दिल्ली पुलिस की विशेष स्पेशल सेल द्वारा मुझे 3 अगस्त, 2020 को जांच के सिलसिले में बुलाया गया। वहाँ मैंने पाँच घंटे बिताए। दिल्ली पुलिस ने आगे की जांच हेतु मेरा मोबाइल फोन ज़ब्त करना ज़रूरी समझा।' 

'पुलिस अथॉरिटी के अधिकार क्षेत्र और घटना की पूर्ण रूप से निष्पक्ष जांच के विशेषाधिकार का सम्मान करते हुए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस पूरी तफ़्शीस का उद्देश्य शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के निर्दोष वाशिंदों के खिलाफ हिंसा भड़काने और उसकी साजिश रचने वालों को पकड़ना होगा।'



उन्होंने आगे कहा, 'इस जांच का मकसद नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA, 2019), भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीयन (NRC) के खिलाफ संवैधानिक अधिकारों और तरीकों से देश भर में अपना विरोध दर्ज़ करने वाले प्रदर्शनकारियों व उनके समर्थकों का उत्पीड़न करना नहीं होना चाहिए।'

'यह परेशान करने वाली बात है कि एक ऐसा सिद्धान्त रचा जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारियों को ही हिंसा का स्रोत बताया जा रहा है। मैं पुलिस से यह अर्ज़ करना चाहता हूँ और यह उम्मीद करता हूँ उनकी जांच पूरी तरह से निष्पक्ष और न्यायसंगत हो ताकि सच सामने आए।'
 

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