एंटीजन टेस्ट को अमेरिका के सेन डियागो स्थित क्यूडेल कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। जैसा कि आप जानते ही है कि कोरोना की सारी कड़ियां बिल गेट्स से जाकर जुड़ती है वैसे ही इस बार भी है। क्यूडेल कॉरपोरेशन को फंडिंग देने वाली संस्थाओं में बिल गेट्स मेलिंडा फाउंडेशन का नाम प्रमुख है।
मई 2020 में ही इस टेस्ट को अमेरिकी FDA में स्वीकृति दी गयी है और उसके महीने भर में ही भारत की ICMR द्वारा इसे स्वीकृत कर लिया गया। लेकिन पहले समझते है कि ऐंटीबॉडी टेस्ट ओर एंटीजन टेस्ट किस तरह से अलग है।
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में ख़ून के नमूने लिए जाते हैं और उसमें उस प्रोटीन या एन्ज़ाइम की जांच की जाती है जो शरीर में किसी अनजान तत्व जैसे बैक्टेरिया, वायरस आदि की प्रतिक्रिया में सामने आते हैं। लेकिन एंटीजन टेस्ट इससे अलग है एंटीजन टेस्ट में सीधे नाक से स्वाब लेकर 15 मिनट में वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगाया जाता है। स्वाब के नमूने को रासायनों के साथ मिलाकर परखनली में डाला जाता है। फिर ई-रीडिंग डिवाइस में डालकर एंटीबॉडी युक्त टेस्टिंग किट के जरिये पता लगाया जाता है कि नमूना पॉजिटिव है या निगेटिव। इस एंटीजन टेस्ट के नतीजे 15 मिनट में ही देखे जा सकते है ( पहले मुझे भी इन दोनों टेस्ट के बारे में कन्फ्यूजन था )
आप यह जो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मे कोरोना टेस्ट की बढ़ती हुई संख्या देख रहे हैं यह इसी रैपिड टेस्ट का परिणाम है। अब इसे उतर प्रदेश में भी इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दे दी गई है। RT-PCR टेस्ट जहाँ 4500 का पड़ता है और उसमे समय भी अधिक लगता है। वही एंटीजन टेस्ट सस्ता है इस टेस्ट की कीमत 450 तय की गई है। अभी यह किट खासकर हॉट स्पॉट और कंटेनमेंट जोन में भेजी जा रही है। भारत मे इसकी सप्लाई मानेसर में स्थित SD बायोसेन्सर कर रही है जो साउथ कोरिया की कम्पनी बताई जा रही है लेकिन इसका सीधा कनेक्शन कही न कही अमेरिका से जरूर ही है।
अब यह टेस्ट किस तरह से आफ्टर कोविड 19 विश्व को बदलने की काबलियत रखता है वह समझिए .....विशेषज्ञों ने लाखों अमेरिकियों को वापस कामकाज पर लाने, स्कूल-कॉलेज खोलने के लिए इस टेस्ट को अत्यावश्क बताया है। कुछ दिनो बाद सुरक्षा जाँच में इस टेस्ट को शामिल कर लिया जाएगा एयरपोर्ट पर बड़े मॉल्स में रेलवे स्टेशनों पर इस टेस्ट किट को रखा जाएगा यदि आप निगेटिव पाए गए तभी आपको अंदर प्रवेश की इजाजत मिलेगी।
अभी इस टेस्ट में नाक के जरिए स्वैब का सैम्पल लिया जाता है जिसमे ट्रेंड आदमी चाहिए लेकिन अब अमेरिका की ओराश्योर टैक्नोलॉजी ने अमेरिकी सरकार से 70 करोड़ डॉलर की डील की है। यह लार आधारित एंटीजन टेस्ट तैयार करने की दिशा में बढ़ रही है, जिसे बिना किसी पेशेवर और उपकरण के 20-30 मिनट में अंजाम दिया जा सकेगा।
यानी सीधे लार गिराइए ओर टेस्ट का रिजल्ट कुछ ही देर में।पाइए तभी आपको कही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। ओरश्योर को यह काम करने के बिल गेट्स मेलिंडा फाउंडेशन से बड़ी फंडिंग हासिल है यह फाउंडेशन दरअसल इससे भी आगे की प्लानिंग कर चुका है 29 जनवरी, 2020 की खबर है कि सॉफ्टवेयर कंपनी विजुअलडैक्स ने एक डिसिजन सपोर्ट टूल विकसित करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से अनुदान प्राप्त किया है जो स्मार्टफ़ोन के माध्यम से अफ्रीका में संक्रामक रोगों के ऑफ़लाइन निदान को सक्षम बनाता है। यह टूल आपमे मौजूद इंफेक्शन डिसीज के डायग्नोस्टिक करने की क्षमता रखने में सक्षम होगा।
यानी बिल गेट्स जो अब जल्द ही दुनिया के बिग बॉस बनने वाले हैं वो चाहते हैं कि आपके स्मार्टफोन से ही आपके स्वास्थ्य की आपके संक्रमित होने या न होने की जानकारी मिल जाए।
मई 2020 में ही इस टेस्ट को अमेरिकी FDA में स्वीकृति दी गयी है और उसके महीने भर में ही भारत की ICMR द्वारा इसे स्वीकृत कर लिया गया। लेकिन पहले समझते है कि ऐंटीबॉडी टेस्ट ओर एंटीजन टेस्ट किस तरह से अलग है।
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में ख़ून के नमूने लिए जाते हैं और उसमें उस प्रोटीन या एन्ज़ाइम की जांच की जाती है जो शरीर में किसी अनजान तत्व जैसे बैक्टेरिया, वायरस आदि की प्रतिक्रिया में सामने आते हैं। लेकिन एंटीजन टेस्ट इससे अलग है एंटीजन टेस्ट में सीधे नाक से स्वाब लेकर 15 मिनट में वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगाया जाता है। स्वाब के नमूने को रासायनों के साथ मिलाकर परखनली में डाला जाता है। फिर ई-रीडिंग डिवाइस में डालकर एंटीबॉडी युक्त टेस्टिंग किट के जरिये पता लगाया जाता है कि नमूना पॉजिटिव है या निगेटिव। इस एंटीजन टेस्ट के नतीजे 15 मिनट में ही देखे जा सकते है ( पहले मुझे भी इन दोनों टेस्ट के बारे में कन्फ्यूजन था )
आप यह जो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मे कोरोना टेस्ट की बढ़ती हुई संख्या देख रहे हैं यह इसी रैपिड टेस्ट का परिणाम है। अब इसे उतर प्रदेश में भी इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दे दी गई है। RT-PCR टेस्ट जहाँ 4500 का पड़ता है और उसमे समय भी अधिक लगता है। वही एंटीजन टेस्ट सस्ता है इस टेस्ट की कीमत 450 तय की गई है। अभी यह किट खासकर हॉट स्पॉट और कंटेनमेंट जोन में भेजी जा रही है। भारत मे इसकी सप्लाई मानेसर में स्थित SD बायोसेन्सर कर रही है जो साउथ कोरिया की कम्पनी बताई जा रही है लेकिन इसका सीधा कनेक्शन कही न कही अमेरिका से जरूर ही है।
अब यह टेस्ट किस तरह से आफ्टर कोविड 19 विश्व को बदलने की काबलियत रखता है वह समझिए .....विशेषज्ञों ने लाखों अमेरिकियों को वापस कामकाज पर लाने, स्कूल-कॉलेज खोलने के लिए इस टेस्ट को अत्यावश्क बताया है। कुछ दिनो बाद सुरक्षा जाँच में इस टेस्ट को शामिल कर लिया जाएगा एयरपोर्ट पर बड़े मॉल्स में रेलवे स्टेशनों पर इस टेस्ट किट को रखा जाएगा यदि आप निगेटिव पाए गए तभी आपको अंदर प्रवेश की इजाजत मिलेगी।
अभी इस टेस्ट में नाक के जरिए स्वैब का सैम्पल लिया जाता है जिसमे ट्रेंड आदमी चाहिए लेकिन अब अमेरिका की ओराश्योर टैक्नोलॉजी ने अमेरिकी सरकार से 70 करोड़ डॉलर की डील की है। यह लार आधारित एंटीजन टेस्ट तैयार करने की दिशा में बढ़ रही है, जिसे बिना किसी पेशेवर और उपकरण के 20-30 मिनट में अंजाम दिया जा सकेगा।
यानी सीधे लार गिराइए ओर टेस्ट का रिजल्ट कुछ ही देर में।पाइए तभी आपको कही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। ओरश्योर को यह काम करने के बिल गेट्स मेलिंडा फाउंडेशन से बड़ी फंडिंग हासिल है यह फाउंडेशन दरअसल इससे भी आगे की प्लानिंग कर चुका है 29 जनवरी, 2020 की खबर है कि सॉफ्टवेयर कंपनी विजुअलडैक्स ने एक डिसिजन सपोर्ट टूल विकसित करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से अनुदान प्राप्त किया है जो स्मार्टफ़ोन के माध्यम से अफ्रीका में संक्रामक रोगों के ऑफ़लाइन निदान को सक्षम बनाता है। यह टूल आपमे मौजूद इंफेक्शन डिसीज के डायग्नोस्टिक करने की क्षमता रखने में सक्षम होगा।
यानी बिल गेट्स जो अब जल्द ही दुनिया के बिग बॉस बनने वाले हैं वो चाहते हैं कि आपके स्मार्टफोन से ही आपके स्वास्थ्य की आपके संक्रमित होने या न होने की जानकारी मिल जाए।