नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को जमानत दे दी। दविंदर सिंह को इस साल की शुरुआत में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

दविंदर सिंह के वकील एमएस खान ने कहा कि अदालत ने सिंह और मामले के एक अन्य आरोपी इरफान शफी मीर को जमानत दे दी। दोनों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दायर एक मामले में अदालत द्वारा राहत दी गई है, जो एनआईए द्वारा देखे जा रहे आतंकियों को ले जाने वाले मामले से अलग है। इस मामले को लेकर सिंह को कस्टडी में ही रखा जाएगा।
खान ने कहा कि कानून के अनुसार जांच एजेंसी गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करने में विफल रही। उन्हें एक लाख रुपये के निजी बॉन्ड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर यह राहत दी गयी।
ज्ञात हो कि बीते दिनों दविंदर सिंह ने जमानत के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था। दोनों आरोपियों ने दावा किया था कि कानून के अनुसार 90 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा आरोप पत्र अब तक दायर नहीं किया जा सका है।
इस मामले के लिए सिंह के वकील के द्वारा मार्च में दायर आवेदन में कहा गया था कि इस केस में जांच के लिए अब उनकी जरूरत नहीं है।दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा सिंह को जम्मू कश्मीर की हीरा नगर जेल से दिल्ली लाया गया था।
पीटीआई के अनुसार वे विभिन्न इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर अन्य आरोपियों और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों से बात किया करते थे और यह मामला ‘दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमलों की योजना और अमल से जुड़ा हुआ है।’
इससे पहले पुलिस ने अदालत को बताया था कि शोपियां में हिजबुल के कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली और देश के अलग-अलग हिस्सों में हमले और सुरक्षा प्राप्त लोगों को मारने की योजना बना रहे थे।
इस बारे में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी और इसी मामले में दविंदर सिंह को हिरासत में लिया गया था।
इस एफआईआर में माफिया डी कंपनी और छोटा शकील का नाम भी था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को यह सूचना मिली थी कि दाऊद इब्राहिम द्वारा चलाई जा रही डी कंपनी द्वारा पंजाब में खालिस्तान समर्थकों को फंडिंग दी जा रही थी।
वहीं एनआईए ने कहा है कि आतंकी मामले में उनके पास दविंदर सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जल्द ही इस मामले की चार्जशीट दाखिल की जाएगी। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी द्वारा दाखिल मामले में सिंह न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
एनआईए ने एक बयान में कहा, ‘हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और कुछ समय में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।’मालूम हो कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने 11 जनवरी में सिंह को दो आतंकियों के साथ श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में जाते वक्त पकड़ा था। एनआईए ने 18 जनवरी को आतंकी मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
सिंह के अलावा दो अन्य आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू तथा रफी अहमद राठेर को गिरफ्तार किया गया।

दविंदर सिंह के वकील एमएस खान ने कहा कि अदालत ने सिंह और मामले के एक अन्य आरोपी इरफान शफी मीर को जमानत दे दी। दोनों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दायर एक मामले में अदालत द्वारा राहत दी गई है, जो एनआईए द्वारा देखे जा रहे आतंकियों को ले जाने वाले मामले से अलग है। इस मामले को लेकर सिंह को कस्टडी में ही रखा जाएगा।
खान ने कहा कि कानून के अनुसार जांच एजेंसी गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करने में विफल रही। उन्हें एक लाख रुपये के निजी बॉन्ड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर यह राहत दी गयी।
ज्ञात हो कि बीते दिनों दविंदर सिंह ने जमानत के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था। दोनों आरोपियों ने दावा किया था कि कानून के अनुसार 90 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा आरोप पत्र अब तक दायर नहीं किया जा सका है।
इस मामले के लिए सिंह के वकील के द्वारा मार्च में दायर आवेदन में कहा गया था कि इस केस में जांच के लिए अब उनकी जरूरत नहीं है।दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा सिंह को जम्मू कश्मीर की हीरा नगर जेल से दिल्ली लाया गया था।
पीटीआई के अनुसार वे विभिन्न इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर अन्य आरोपियों और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों से बात किया करते थे और यह मामला ‘दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमलों की योजना और अमल से जुड़ा हुआ है।’
इससे पहले पुलिस ने अदालत को बताया था कि शोपियां में हिजबुल के कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली और देश के अलग-अलग हिस्सों में हमले और सुरक्षा प्राप्त लोगों को मारने की योजना बना रहे थे।
इस बारे में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी और इसी मामले में दविंदर सिंह को हिरासत में लिया गया था।
इस एफआईआर में माफिया डी कंपनी और छोटा शकील का नाम भी था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को यह सूचना मिली थी कि दाऊद इब्राहिम द्वारा चलाई जा रही डी कंपनी द्वारा पंजाब में खालिस्तान समर्थकों को फंडिंग दी जा रही थी।
वहीं एनआईए ने कहा है कि आतंकी मामले में उनके पास दविंदर सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जल्द ही इस मामले की चार्जशीट दाखिल की जाएगी। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी द्वारा दाखिल मामले में सिंह न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
एनआईए ने एक बयान में कहा, ‘हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और कुछ समय में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।’मालूम हो कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने 11 जनवरी में सिंह को दो आतंकियों के साथ श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में जाते वक्त पकड़ा था। एनआईए ने 18 जनवरी को आतंकी मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
सिंह के अलावा दो अन्य आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू तथा रफी अहमद राठेर को गिरफ्तार किया गया।