कारोबारियों के लिए ऐसे नियम हैं कि बिना कंप्यूटर काम ही न चले। आजकल वजन करने की मशीन से लेकर बिलिंग, लेजर आदि सब आधुनिक और ऑटोमेटिक हो गए हैं। डिजिटल भुगतान लेने के लिए चालू खाता और उसकी प्वाइंट ऑफ सेल मशीन जब जरूरी है। जीएसटी की अलग दरें और आधा केंद्र सरकार का आधा राज्य सरकार का - बिल बनाने के लिए मशीन जरूरी है और फिर रिटर्न का झंझट। मजबूरी में कारोबारी सब कर रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट से करवा रहा है। या फिर दुकान बंद करने को मजबूर है।
देश के हर जिले में छोटे बड़े दुकानदारों के लिए यह सब कारोबार के मार्ग में बाधक है। शुरुआती निवेश ही इतना बढ़ गया है कि पकौड़े बेचना भी आसान नहीं है। लाइसेंस अनुमति दुकान कमर्शियल कनेक्शन न जाने क्या क्या। पर अमेठी जैसे जिले में सरकारी नोट अभी भी हाथ से बन रहे हैं और लॉक डाउन में भी भौतिक रूप से भेजा गया होगा। यह स्कैन किया हुआ ई मेल तो नहीं लगता है। वैसे तो यह सब फोन से भी हो सकता है पर .... मेरा भारत महान।
सोशल मीडिया पर कल शाम से चर्चा है कि कांग्रेस कार्यालय पर छापा मारा गया था। आज इस पत्र के पता चला रहा है कि राजस्व और पूर्ति विभाग के कर्मचारी लाभार्थियों की सूची लेने कार्यालय गए थे। कर्मचारी क्या ऐसे ही चले गए होंगे? उन्हें किसी ने भेजा ही होगा या फिर उनके पास लॉत डाउन में कोई काम नहीं है जो टहलते हुए चले गए। कांग्रेस अपने पैसे से किसी सहायता दे रही है उसका सरकार से क्या मतलब?
अगर सरकार को मतलब भी है तो मेल भेजा जाना चाहिए था। फोन किया जा सकता था, जो कर्मचारी गया उसे चिट्ठी छोड़ कर या चस्पा करके आना था। जो भी हो, अपना देश चल ऐसे ही रहा है। डिजिटल हो या लालफीताशाही वाला। सादे कागज पर इस नोट को सरकारी मानने का कोई कारण नहीं है। राहत की बात इतनी ही है @DMAmethi के ब्लूटिक वाले हैंडल से जारी हुआ है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'अमेठी में कोरोना वायरस संकट पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है। गौरीगंज जिला कांग्रेस कार्यालय में बिना कारण और बिना वारंट प्रशासन छापा मारने पहुंचा।' 'शायद राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अमेठी की जनता को दी जा रही मदद योगी सरकार को हजम नही हुई। राजनीति छोड़ें, मिल कर मदद करें।' इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी है, जिसमें एक पुलिसकर्मी गौरीगंज में कांग्रेस के स्थानीय कार्यालय के बाहर सादे कपड़ों में कुछ लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
इसके जवाब में अमेठी से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया है, “आदरणीय @INCIndia कृपया fake news ना फैलाएँ। आपके कार्यकर्ता २५ मार्च से अमेठी में इसी प्रशासन के माध्यम से पास लेकर घूम रहें हैं राहत देने के नाम पर। आज तक इसी प्रशासन ने अमेठी को कोरोना मुक्त रखा है। इन्हें परेशान एवं बदनाम ना करें।" लाभार्थियों के नाम पूछने का मकसद इससे समझ आ रहा है।“ कहने की जरूरत नहीं है कि जिला प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए पास जारी किए हैं तो उससे पूछा जा सकता है कि राशन किसे बांटा जा रहा है।
देश के हर जिले में छोटे बड़े दुकानदारों के लिए यह सब कारोबार के मार्ग में बाधक है। शुरुआती निवेश ही इतना बढ़ गया है कि पकौड़े बेचना भी आसान नहीं है। लाइसेंस अनुमति दुकान कमर्शियल कनेक्शन न जाने क्या क्या। पर अमेठी जैसे जिले में सरकारी नोट अभी भी हाथ से बन रहे हैं और लॉक डाउन में भी भौतिक रूप से भेजा गया होगा। यह स्कैन किया हुआ ई मेल तो नहीं लगता है। वैसे तो यह सब फोन से भी हो सकता है पर .... मेरा भारत महान।
सोशल मीडिया पर कल शाम से चर्चा है कि कांग्रेस कार्यालय पर छापा मारा गया था। आज इस पत्र के पता चला रहा है कि राजस्व और पूर्ति विभाग के कर्मचारी लाभार्थियों की सूची लेने कार्यालय गए थे। कर्मचारी क्या ऐसे ही चले गए होंगे? उन्हें किसी ने भेजा ही होगा या फिर उनके पास लॉत डाउन में कोई काम नहीं है जो टहलते हुए चले गए। कांग्रेस अपने पैसे से किसी सहायता दे रही है उसका सरकार से क्या मतलब?
अगर सरकार को मतलब भी है तो मेल भेजा जाना चाहिए था। फोन किया जा सकता था, जो कर्मचारी गया उसे चिट्ठी छोड़ कर या चस्पा करके आना था। जो भी हो, अपना देश चल ऐसे ही रहा है। डिजिटल हो या लालफीताशाही वाला। सादे कागज पर इस नोट को सरकारी मानने का कोई कारण नहीं है। राहत की बात इतनी ही है @DMAmethi के ब्लूटिक वाले हैंडल से जारी हुआ है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'अमेठी में कोरोना वायरस संकट पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है। गौरीगंज जिला कांग्रेस कार्यालय में बिना कारण और बिना वारंट प्रशासन छापा मारने पहुंचा।' 'शायद राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अमेठी की जनता को दी जा रही मदद योगी सरकार को हजम नही हुई। राजनीति छोड़ें, मिल कर मदद करें।' इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी है, जिसमें एक पुलिसकर्मी गौरीगंज में कांग्रेस के स्थानीय कार्यालय के बाहर सादे कपड़ों में कुछ लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
इसके जवाब में अमेठी से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया है, “आदरणीय @INCIndia कृपया fake news ना फैलाएँ। आपके कार्यकर्ता २५ मार्च से अमेठी में इसी प्रशासन के माध्यम से पास लेकर घूम रहें हैं राहत देने के नाम पर। आज तक इसी प्रशासन ने अमेठी को कोरोना मुक्त रखा है। इन्हें परेशान एवं बदनाम ना करें।" लाभार्थियों के नाम पूछने का मकसद इससे समझ आ रहा है।“ कहने की जरूरत नहीं है कि जिला प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए पास जारी किए हैं तो उससे पूछा जा सकता है कि राशन किसे बांटा जा रहा है।