कोलकाता। आईआईटी खड़गपुर के शोधार्थियों के एक समूह ने गुरुवार को दावा किया कि परिसर में नागरिकता के मुद्दे पर चर्चा के लिए एक कार्यक्रम की अनुमति देने के बाद उसे रद्द कर दिया गया है।
शोधार्थी समूह ‘एजूकेशन ग्रुप’ की एक प्रवक्ता ने बताया कि परिसर के भीतर आईआईटी कर्मियों के क्लब में उन्हें 12 फरवरी को कार्यक्रम की अनुमति दी गई थी। उन्होंने बताया कि क्लब ने अचानक मंगलवार को बताया गया कि ‘‘कुछ कारणों’’ के चलते अनुमति वापस ले ली गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया कि आईआईटी खड़गपुर के उच्च अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार इस तरह के विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा परिसर क्षेत्र के भीतर नहीं हो सकती है।’’
आईआईअी खड़गपुर के अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन संकाय के एक सदस्य ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि इस फैसले का ‘‘केन्द्र समर्थित’’ या ‘‘केन्द्र के खिलाफ’’ होने से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति ऐसे किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देती जो परिसर के भीतर तनाव, विभाजन और अप्रिय घटना को बढ़ावा दे। शोधकर्ता परिसर के बाहर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
शोधार्थी समूह ‘एजूकेशन ग्रुप’ की एक प्रवक्ता ने बताया कि परिसर के भीतर आईआईटी कर्मियों के क्लब में उन्हें 12 फरवरी को कार्यक्रम की अनुमति दी गई थी। उन्होंने बताया कि क्लब ने अचानक मंगलवार को बताया गया कि ‘‘कुछ कारणों’’ के चलते अनुमति वापस ले ली गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया कि आईआईटी खड़गपुर के उच्च अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार इस तरह के विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा परिसर क्षेत्र के भीतर नहीं हो सकती है।’’
आईआईअी खड़गपुर के अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन संकाय के एक सदस्य ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि इस फैसले का ‘‘केन्द्र समर्थित’’ या ‘‘केन्द्र के खिलाफ’’ होने से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति ऐसे किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देती जो परिसर के भीतर तनाव, विभाजन और अप्रिय घटना को बढ़ावा दे। शोधकर्ता परिसर के बाहर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’