“आज एक तरफ हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं दूसरी तरफ इसी समय में वो सब किया जा रहा है जिसकी मुखालफत महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे, उनकी शारीरिक हत्या 30 जनवरी, 1948 को कर दी गयी थी अब उनके आत्मा की हत्या नागरिकता संशोधन कानून जैसे बदलाओं और इसके समर्थन में उन्हें मिस्कोट करके किया जा रहा है”. उपरोक्त बातें राज्यसभा सांसद एवं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा वरिष्ठ पत्रकार लज्जाशंकर हरदेनिया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर केन्द्रित पुस्तक के उर्दू संस्करण के लोकार्पण के अवसर पर कही गयीं.
दिग्विजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि कई जिलों में मुझे लोगों ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे आन्दोलनों में कांग्रेस के अधिकतर लोग साथ नहीं दे रहे हैं जिसका मुझे दुख है. यह संविधान बचाने की लड़ाई है जो आज के समय में कांग्रेस की बुनियादी लड़ाई होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी और सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे चुकी हैं कि वे इसके खिलाफ खुलकर सामने आयें. उन्होंने कहा कि मुझे मुस्लिम परस्त कहा जाता है लेकिन मैं हिन्दू या मुस्लिम परस्त नहीं बल्कि संविधान और इंसानियत परस्त हूँ, मेरा मानना है कि दोनों धर्मों में भड़काने वाले लोग हैं हमें उनसे सावधान रहना होगा.
इस अवसर पर अमृता सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह देश के लिये चुनौती भरा समय है साथ ही पत्रकारिता के लिये भी मुश्किल समय है ऐसे में पत्रकारों को संवैधनिक मूल्यों के साथ खड़े रहने की जरूरत है.
राष्ट्रीय सेक्युलर मंच के संयोजक लज्जाशंकर हरदेनिया ने बताया कि यह पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी में पहले ही आ चुकी है. अब इसका “एजेंडा आरएसएस का उसी की जुबानी” शीर्षक से उर्दू संस्करण प्रकाशित हुआ है जिसका अनुवाद प्रोफेसर मुख्तार शमीम द्वारा किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस किताब में आरएसएस के सन्दर्भों के माध्यम से उसके विचारधारा को सामने लाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि संघ की विचारधरा केवल अल्पसंख्यक विरोधी नहीं बल्कि दलितों, महिलाओं और राष्ट्र के विरोध में हैं. उनका अंतिम लक्ष्य भारत को राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बनाना है नागिरता संसोधन कानून और पूरे देश एनआरसी लागू करने को कोशिश इसी दिशा में उठाया गया कदम है.
इस अवसर पर विधायक आरिफ मसूद और प्रोफेसर मुख्तार शमीम द्वारा भी अपनी बात रखी गयी, राष्ट्रीय सेक्युलर मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र शैली और धन्यवाद ज्ञापन जावेद अनीस द्वारा दिया गया .
दिग्विजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि कई जिलों में मुझे लोगों ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे आन्दोलनों में कांग्रेस के अधिकतर लोग साथ नहीं दे रहे हैं जिसका मुझे दुख है. यह संविधान बचाने की लड़ाई है जो आज के समय में कांग्रेस की बुनियादी लड़ाई होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी और सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे चुकी हैं कि वे इसके खिलाफ खुलकर सामने आयें. उन्होंने कहा कि मुझे मुस्लिम परस्त कहा जाता है लेकिन मैं हिन्दू या मुस्लिम परस्त नहीं बल्कि संविधान और इंसानियत परस्त हूँ, मेरा मानना है कि दोनों धर्मों में भड़काने वाले लोग हैं हमें उनसे सावधान रहना होगा.
इस अवसर पर अमृता सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह देश के लिये चुनौती भरा समय है साथ ही पत्रकारिता के लिये भी मुश्किल समय है ऐसे में पत्रकारों को संवैधनिक मूल्यों के साथ खड़े रहने की जरूरत है.
राष्ट्रीय सेक्युलर मंच के संयोजक लज्जाशंकर हरदेनिया ने बताया कि यह पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी में पहले ही आ चुकी है. अब इसका “एजेंडा आरएसएस का उसी की जुबानी” शीर्षक से उर्दू संस्करण प्रकाशित हुआ है जिसका अनुवाद प्रोफेसर मुख्तार शमीम द्वारा किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस किताब में आरएसएस के सन्दर्भों के माध्यम से उसके विचारधारा को सामने लाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि संघ की विचारधरा केवल अल्पसंख्यक विरोधी नहीं बल्कि दलितों, महिलाओं और राष्ट्र के विरोध में हैं. उनका अंतिम लक्ष्य भारत को राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बनाना है नागिरता संसोधन कानून और पूरे देश एनआरसी लागू करने को कोशिश इसी दिशा में उठाया गया कदम है.
इस अवसर पर विधायक आरिफ मसूद और प्रोफेसर मुख्तार शमीम द्वारा भी अपनी बात रखी गयी, राष्ट्रीय सेक्युलर मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र शैली और धन्यवाद ज्ञापन जावेद अनीस द्वारा दिया गया .