Anti CAA Protest: आखिर जेल से छूटे रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुएब

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 16, 2020
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब एडवोकेट को जमानत दे दी है। लखनऊ पुलिस ने उन्हें 19 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उन्हें 18 दिसंबर की रात में ही उनके घर में नजरबंद कर दिया था।



मोहम्मद शुएब 19 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ होने वाले विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होने वाले थे। रिहाई मंच मानवाधिकारों के क्षेत्र में काम करता है। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद भी उनके घर वालों को इसकी जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद उनके परिजनों ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।

इसके पहले लखनऊ की ही एक अदालत ने कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी को 4 जनवरी को जमानत दी थी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा को अदालत ने 7 जनवरी को जमानत दी थी। जाफर को लखनऊ पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वो सीएए के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन का वीडियो बना रही थीं। वहीं पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी को एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर गिरफ्तार किया था। 

रॉबिन वर्मा को पुलिस ने हजरतगंज के एक रेस्टोरेंट से अंग्रेजी अखबार 'दी हिंदू' के पत्रकार उमर राशिद के साथ 20 दिसंबर को उठाया था। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने राशिद को छोड़ दिया था। लेकिन पुलिस ने रॉबिन को गिरफ्तार दिखा दिया था। उन्हें मंगलवार को जेल से रिहा किया गया।

20 दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में इतने लोगों की गिरफ्तारी का काफी विरोध हो रहा था। 

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार अमानवीयता की हदें पार कर दी हैं।
प्रियंका गांधी ने 28 दिंसबर को एसआर दारापुरी के घर जाकर उनकी बीमार पत्नी से मुलाकात की थी। दारापुरी के घर से जाने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने काफी कोशिशें कीं। लेकिन वो प्रियंका को रोक नहीं पाई थी। 

 

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