भिलाई। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के विरोध में देशभर के वे सभी लोग एकजुट हो रहे हैं जिनका देश के संविधान में विश्वास है, जो समानता और बराबरी वाला समाज बनान चाहते हैं। CAB का पूरे देश भर में ऐसे लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि सरकार की गोद में बैठी मेन स्ट्रीम मीडिया से इन खबरों को जानबूझकर गायब रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के अलग अलग इलाकों में भी लोगों ने इस विधेयक का खुलकर विरोध किया है।
11 दिसंबर की शाम भिलाई के शहीद शंकर गुहा नियोगी चौक पर छत्तीसगढ़ मुक्तिमोर्चा की मजदूर कार्यकर्ता समिति ने CAB और NRC के खिलाफ़ जमकर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन मे मौजूद मजदूर नेता कलादास डाहरिया ने कहा कि कई पीढ़ियों से असम में रह रहे लोगों को असंवैधानिक तरीके से NRC से बाहर कर दिया गया है, इनमें 70 से 90 वर्ष कि उम्र के बुजुर्ग भी शामिल हैं। वहां जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है ताकि देश में हिन्दू-मुस्लिम अलगाव का ज़हर फैलाया जा सके।
कलादास ने कहा कि ये भेदभाव हमारे देश की संस्कृति नहीं है इस देश मे हमेशा से ही सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर रहे हैं लेकिन आरएसएस और भाजपा की विभाजनकारी सोच हमारे देश की संस्कृति को बर्बाद करने पर तुली हुई है। आंदोलन के दौरान असम मे चल रहे अमानवीय यातनागृहों की भी निंदा की गई।
आंदोलन मे मौजूद लोगों ने कहा कि आज देश मे लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था नही है, युवाओँ को मुस्लिमो के खिलाफ भड़का कर आतंक फैलाया जा रहा है, इस व्यवस्था में बेटियों की सुरक्षा के लिए योजना नही है, सँविधान में प्रदत्त मौलीक अधिकारों को कुचला जा रहा है। जो सँविधान को तार-तार कर रहे हैं वे देश भक्त कहे जा रहे हैं और जो भारतीय मानवता की संस्कृति को मानने वाले लोग हैं उन्हें देशद्रोही कह कर फंसाया जा रहा है। CAB और NRC को लागू करना मुस्लिमो की गर्दन पर तलवार चलाना बहुसंख्यक दलित शोषित पीड़ित जनता के दमन का हथियार है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ मुक्तिमोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति CAB और NRC का पुरज़ोर विरोध करती है।
बिलासपुर के वकील व छात्रों ने भी किया विरोध
इसी शाम बिलासपुर शहर मे भी CAB के विरोध मे लोग एकजुट हुए। बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष शहर के अनेक वलील, छात्र व दलित समुदाय के लोग बड़ी संख्या मे जमा हुए। बैनर पोस्टर गीत और नारों के साथ उन्होने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया।
11 दिसंबर की शाम भिलाई के शहीद शंकर गुहा नियोगी चौक पर छत्तीसगढ़ मुक्तिमोर्चा की मजदूर कार्यकर्ता समिति ने CAB और NRC के खिलाफ़ जमकर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन मे मौजूद मजदूर नेता कलादास डाहरिया ने कहा कि कई पीढ़ियों से असम में रह रहे लोगों को असंवैधानिक तरीके से NRC से बाहर कर दिया गया है, इनमें 70 से 90 वर्ष कि उम्र के बुजुर्ग भी शामिल हैं। वहां जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है ताकि देश में हिन्दू-मुस्लिम अलगाव का ज़हर फैलाया जा सके।
कलादास ने कहा कि ये भेदभाव हमारे देश की संस्कृति नहीं है इस देश मे हमेशा से ही सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर रहे हैं लेकिन आरएसएस और भाजपा की विभाजनकारी सोच हमारे देश की संस्कृति को बर्बाद करने पर तुली हुई है। आंदोलन के दौरान असम मे चल रहे अमानवीय यातनागृहों की भी निंदा की गई।
आंदोलन मे मौजूद लोगों ने कहा कि आज देश मे लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था नही है, युवाओँ को मुस्लिमो के खिलाफ भड़का कर आतंक फैलाया जा रहा है, इस व्यवस्था में बेटियों की सुरक्षा के लिए योजना नही है, सँविधान में प्रदत्त मौलीक अधिकारों को कुचला जा रहा है। जो सँविधान को तार-तार कर रहे हैं वे देश भक्त कहे जा रहे हैं और जो भारतीय मानवता की संस्कृति को मानने वाले लोग हैं उन्हें देशद्रोही कह कर फंसाया जा रहा है। CAB और NRC को लागू करना मुस्लिमो की गर्दन पर तलवार चलाना बहुसंख्यक दलित शोषित पीड़ित जनता के दमन का हथियार है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ मुक्तिमोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति CAB और NRC का पुरज़ोर विरोध करती है।
बिलासपुर के वकील व छात्रों ने भी किया विरोध
इसी शाम बिलासपुर शहर मे भी CAB के विरोध मे लोग एकजुट हुए। बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष शहर के अनेक वलील, छात्र व दलित समुदाय के लोग बड़ी संख्या मे जमा हुए। बैनर पोस्टर गीत और नारों के साथ उन्होने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया।