हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के छात्रों ने JNU छात्रों के समर्थन में निकाला मार्च

Written by sabrang india | Published on: November 20, 2019
हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने जेएनयू के छात्रों पर लाठीचार्ज, उन्नाव किसानों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज और फातिमा लतीफ की संस्थानिक हत्या को लेकर एक समर्थन मार्च निकाला। यह मार्च गांधी हिल से शुरू होकर विश्वविद्यालय के गेट तक पहुंचा। इस दौरान पीड़ित छात्रों और किसानों के समर्थन में नारे लगाए गए। विवि के गेट पर पहुंच कर छात्रों ने इन मुद्दों पर बारी बारी से अपनी बात रखी और किसानों और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की भत्सर्ना की।



एम ए समाजकार्य के विद्यार्थी तुषार ने कहा कि जेएनयू के छात्रों पर पड़ी एक एक लाठी इस छात्र विरोधी सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी। वहीं एम ए भाषा अभियांत्रिकी की छात्रा कनुप्रिया ने कहा कि छात्रों को अपने अधिकारों के लिए उठ खड़ा होना चाहिए वर्ना वह दिन दूर नहीं जब सरकार पब्लिक संस्थानों को खत्म कर देगी।

गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के शोधार्थी शुभम जायसवाल ने  फीस वृद्धि को ग़लत बताते हुए कहा कि देश की लगभग सत्तर फीसदी आबादी किसानों, कर्मचारियों, छोटे-मझोले उद्योग धंधे करने वाले व्यापारियों की है। उनके बच्चे पब्लिक फंडेड यूनिवर्सिटीज में पढ़के गरिमापूर्ण जीवन जी सकते हैं। इससे उनमें राज्य की व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है और वे अच्छे नागरिक बनते हैं।



वहीं, मानवविज्ञान के शोधार्थी पलाश किशन ने कहा कि जहां एकतरफ योगी सरकार उत्तर प्रदेश में फैले जंगलराज को खत्म नहीं कर पा रही है बलात्कारियों हत्यारों का साथ दे रही है, वहीं दूसरी तरफ उन्नाव के किसानों द्वारा गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य मागने भर से उनके ऊपर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज करवा रही है योगी सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य न देकर उन्हें लाठी दे रही है। यह बेहद घृणित है।

कार्यक्रम की अगली कड़ी में समाजकार्य विभाग के शोधार्थी रवि ने कहा कि यह सरकार मनुवादी कुलपतियों को देश के विश्वविद्यालयों में भेज रही है, जो कि विश्वविद्यालय में मनमाने कानून थोप रहे हैं, जिसके कारण रोहित वेमुला, पायल तड़वी, फातिमा जैसों की सांस्थानिक हत्या की जा रही है।



इसके हिंदी विभाग से परास्नातक कर रहे सतीश छिम्पा ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम के अंत में तुषार और उनके साथियों ने एक जनवादी गीत गाकर कार्यक्रम का समापन किया। धन्यवाद ज्ञापन साथी चंदन सरोज ने किया।

कार्यक्रम में बहुत से हिन्दीविश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राएं शामिल हुए थे जिनमें तुषार, कनुप्रिया, देवेंद्र, अजय, प्रेम, रवि, वैभव, चंदन, शुभम तन्मय, शुभम जायसवाल, अहमद, पलाश, ऋषभ, निखिल, सपना, आदर्श, केशव, अप्पू, अजय गौतम राजेश आदि प्रमुख थे।

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