सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के प्रति जहर उगलने को लेकर लेखिका मधु किश्वर के खिलाफ एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दिल्ली पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराई है। मधु किश्वर ने हाल ही में मुस्लिमों को लेकर ट्विटर पर जमकर भड़काऊ ट्वीट किए थे जिसके चलते साकेत गोखले ने पुलिस की शरण ली।
गोखले ने अपनी लिखित शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज करने की अपील करते हुए लिखा है कि सभी मानते हैं कि आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। ऐसे में कुछ लोग हेट स्पीच के जरिए सार्वजनिक व्यवस्था और सद्भाव पर भारी प्रभाव डालते हैं। वे लोग धर्म के आधार पर एक विशेष समुदाय को लक्षित करने वाली हेट स्पीच से समाज में शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिकता पैदा करने का काम करते हैं। ऐसे में उनपर उचित कार्रवाई कर सकारात्मक संदेश दिया जाए।
पूरी शिकायत यहां पढ़ें:
बता दें कि मधु किश्वर पहले भी कई बार फेक न्यूज शेयर कर सुर्खियों में रही हैं। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने पिछले साल उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। प्रशांत भूषण ने कहा था कि मधु किश्वर अपने ट्विटर हैंडल से झूठी और भ्रामक जानकारी प्रसारित करती हैं। प्रशांत भूषण ने लगातार फेक न्यूज फैलाने, सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करने पर मधु किश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 505 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।
उनके हालिया ट्वीट जिनके आधार पर साकेत गोखले ने शिकायत दर्ज कराई है, यहां देखे जा सकते हैं:
सबरंगइंडिया से एक्सक्लूसिव बात करते हुए गोखले ने कहा, "मधु किश्वर जैसे लोगों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण प्राप्त होता है, इसीलिए इन्हें अपराधी नहीं माना जाता। ऐसे लोग निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक भेदभाव के हिमायती हैं और ऐसा महसूस करते हैं कि वे अजेय हैं और कानून से ऊपर हैं। जबकि, प्रशांत योगी के खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए प्रशांत कनौजिया को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। हालांकि, मैं किसी भी तरह से, उसे (मधु किश्वर की) बोलने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का इरादा नहीं रखता, लेकिन अगर वह वास्तव में यह कहती हैं कि वह जो कह रही हैं वह कानूनी और उचित है, तो उन्हें कानून की अदालत में बचाव करने में सक्षम होना चाहिए। "
गोखले ने अपनी लिखित शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज करने की अपील करते हुए लिखा है कि सभी मानते हैं कि आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। ऐसे में कुछ लोग हेट स्पीच के जरिए सार्वजनिक व्यवस्था और सद्भाव पर भारी प्रभाव डालते हैं। वे लोग धर्म के आधार पर एक विशेष समुदाय को लक्षित करने वाली हेट स्पीच से समाज में शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिकता पैदा करने का काम करते हैं। ऐसे में उनपर उचित कार्रवाई कर सकारात्मक संदेश दिया जाए।
पूरी शिकायत यहां पढ़ें:
बता दें कि मधु किश्वर पहले भी कई बार फेक न्यूज शेयर कर सुर्खियों में रही हैं। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने पिछले साल उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। प्रशांत भूषण ने कहा था कि मधु किश्वर अपने ट्विटर हैंडल से झूठी और भ्रामक जानकारी प्रसारित करती हैं। प्रशांत भूषण ने लगातार फेक न्यूज फैलाने, सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करने पर मधु किश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 505 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।
उनके हालिया ट्वीट जिनके आधार पर साकेत गोखले ने शिकायत दर्ज कराई है, यहां देखे जा सकते हैं:
सबरंगइंडिया से एक्सक्लूसिव बात करते हुए गोखले ने कहा, "मधु किश्वर जैसे लोगों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण प्राप्त होता है, इसीलिए इन्हें अपराधी नहीं माना जाता। ऐसे लोग निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक भेदभाव के हिमायती हैं और ऐसा महसूस करते हैं कि वे अजेय हैं और कानून से ऊपर हैं। जबकि, प्रशांत योगी के खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए प्रशांत कनौजिया को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। हालांकि, मैं किसी भी तरह से, उसे (मधु किश्वर की) बोलने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का इरादा नहीं रखता, लेकिन अगर वह वास्तव में यह कहती हैं कि वह जो कह रही हैं वह कानूनी और उचित है, तो उन्हें कानून की अदालत में बचाव करने में सक्षम होना चाहिए। "