भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली से सांसद और पंजाबी गायक हंसराज हंस ने जेएनयू को लेकर नया सुझाव दिया है। हंस ने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर एमएनयू रखा जाना चाहिए। वह जेएनयू में एबीवीपी की ओर से आयोजित 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम में सिरकत करने पहुंचे थे। वहीं उन्होंने यह बात कही।
खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को बेअसर करने के फैसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर एमएनयू रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुआ करो सब अमन से रहें, बम न चले…हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं हम भुगत रहे हैं…मैं कहता हूं इसका नाम एमएनयू कर दो, मोदीजी के नाम पर भी कुछ होना चाहिए।’
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर के संबंध में कहा कि वह जवाहर लाल नेहरू थे, जिन्होंने पूर्व में गलतियां की। बता दें, 1969 स्थापित होने वाली जवाहर लाल नेहरू का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर रखा गया है।
उनकी इस टिप्पणी पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं जेएनयू पहली बार आया हूं…जेएनयू के बारे में काफी कुछ सुना था लेकिन अब मोदी के प्रयासों के कारण काफी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए काफी कुछ किया है और उनके काम के कारण ही मैंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर ‘मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी’ रखा जाना चाहिए।’
हंसराज के साथ ही कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी ऐसी ही इच्छा जताई। तिवारी ने कहा कि हम यहां पर एक सकारात्मक जेएनयू देख रहे हैं। पहले कुछ लोग यूनिवर्सिटी में भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा देते थे लेकिन समय के साथ इस यूनिवर्सिटी ने विकास किया है और बदला है।
जेएनयू का नाम बदलने के हंसराज के बयान पर तिवारी ने कहा कि कई बार उत्साह में हम कई चीजें कह जाते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम वह करने जा रहे हैं। हंसराज जी ने वह कहा, जो वह महसूस करते हैं। उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि वह मोदीजी के प्रशंसक हैं।
खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को बेअसर करने के फैसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर एमएनयू रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुआ करो सब अमन से रहें, बम न चले…हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं हम भुगत रहे हैं…मैं कहता हूं इसका नाम एमएनयू कर दो, मोदीजी के नाम पर भी कुछ होना चाहिए।’
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर के संबंध में कहा कि वह जवाहर लाल नेहरू थे, जिन्होंने पूर्व में गलतियां की। बता दें, 1969 स्थापित होने वाली जवाहर लाल नेहरू का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर रखा गया है।
उनकी इस टिप्पणी पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं जेएनयू पहली बार आया हूं…जेएनयू के बारे में काफी कुछ सुना था लेकिन अब मोदी के प्रयासों के कारण काफी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए काफी कुछ किया है और उनके काम के कारण ही मैंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर ‘मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी’ रखा जाना चाहिए।’
हंसराज के साथ ही कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी ऐसी ही इच्छा जताई। तिवारी ने कहा कि हम यहां पर एक सकारात्मक जेएनयू देख रहे हैं। पहले कुछ लोग यूनिवर्सिटी में भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा देते थे लेकिन समय के साथ इस यूनिवर्सिटी ने विकास किया है और बदला है।
जेएनयू का नाम बदलने के हंसराज के बयान पर तिवारी ने कहा कि कई बार उत्साह में हम कई चीजें कह जाते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम वह करने जा रहे हैं। हंसराज जी ने वह कहा, जो वह महसूस करते हैं। उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि वह मोदीजी के प्रशंसक हैं।