CJI ने माँगा जवाब- दुष्कर्म पीड़िता का पत्र मुझ तक पहुंचने में इतनी देरी क्यों?

Written by sabrang india | Published on: July 31, 2019
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता का मामला दिन पर दिन और पेचीदा होता जा रहा है। हाल ही में हुए सड़क हादसे के बाद यह खबर सामने आई कि पीड़िता ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से मिल रही धमकियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को चिट्ठी लिखी थी। इस पर CJI ने बुधवार को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से सवाल किया कि ‘दुष्कर्म पीड़िता के पत्र को मेरे सामने आने में इतनी देर कैसे हुई?’ इसके साथ ही, CJI रंजन गोगोई ने एक सप्ताह के भीतर रजिस्ट्री से जवाब माँगा है।  

सूत्रों के अनुसार, 12 जुलाई को CJI रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र में पीड़िता ने कहा कि ‘उन लोगों पर एक्शन लिया जाए, जो उसे धमकाते हैं। लोग घर आकर केस वापस लेने की धमकी देने के साथ कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं किया तो झूठे केस में फंसा-कर जिंदगी भर जेल में बंद करवा देंगे।’ इस पत्र के सामने आने पर CJI रंजन गोगोई ने बुधवार को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से सवाल कर पत्र देर से उन तक पहुँचने का कारण पूछा है। 

ग़ौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश सरकार की सिफ़ारिश के बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच CBI को सौंप दी है। उत्तर प्रदेश सरकार की सिफ़ारिश के बाद केंद्र सरकार ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी है। जांच एजेंसी ने कुलदीप सेंगर समेत 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 20 अन्य लोगों के खिलाफ भी हत्या, हत्या का प्रयास और आपराधिक साज़िश की धारा में मामला दर्ज हुआ है।

बता दें कि, रायबरेली में सड़क दुर्घटना में उन्नाव रेप केस की पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई है। डॉक्टरों के अनुसार पीड़िता को वेंटीलेटर में रखा गया है। वहीं, पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पीड़िता की चाची का शव बुधवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए उन्नाव स्थित पैतृक गांव माखी लाया गया और हाईकोर्ट से पीड़िता के चाचा को दिन भर के लिए बेल दी गई है। इसे देखते हुए गांव में मीडिया और पुलिसबलों का जमावड़ा लगा हुआ है। लेकिन गांव के स्थानीय लोग मीडिया के सवालों से बचने के लिए अपने घरों में दुबके हुए हैं। 

फिलहाल इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक दिवसीय उपवास का ऐलान किया है। कमेटी की माँग है कि आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को बीजेपी से बाहर निकाला जाए और पीड़िता के वकील को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए। इसके साथ ही,पीड़िता के परिवार को तुरंत आर्थिक मदद देने व उसके चाचा को जेल से 1 महीने की परोल पर रिहा करने की भी माँग की है, ताकि वह अपने परिवार की देखभाल कर सके। 

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