अमेरिका और चीन के व्यापार युद्ध में भारतीय किसानों के उत्पादों का निर्यात हुआ कम

Written by Ravish Kumar | Published on: July 27, 2019
अमरीका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है, इससे यहाँ के किसानों के उत्पादों का निर्यात काफी कम हो गया है। चीन ने आयात पर रोक लगा दी है। अमरीका सरकार ने तय किया है कि किसानों की भरपाई करेगी। जगह और इस साल उत्पादन के अनुमान के हिसाब से किसी किसान को 50 डॉलर प्रति एकड़ तो किसी को 150 डॉलर प्रति एकड़ दिया जाएगा। सरकार 1600 करोड़ यानि 16 बिलियन डॉलर खर्च करने जा रही है। 



चीन के आयात घटा देने से सोयाबीन का निर्यात 75 % कम हो गया है। किसानो को चेक से पैसा दिया जाएगा। जिन किसानों को बाढ़ और बारिश से नुकसान हुआ है उन्हें 15 डॉलर अलग से मिलेंगे बशर्ते बीमा का दावा ना मिला हो। भारत के किसान ऐसी ख़बरों पर ध्यान दें। हिन्दू मुस्लिम की राजनीति और बहस से दूर रहें। तभी किसान सरकार से और हासिल कर पाएंगे।

भारत के किसान युवाओं से स्मार्ट होने लगे हैं। चुनाव करीब आया तो सरकारों पर दबाव डाल कर साल का 6000 रुपये हासिल कर लिया । तेलंगाना और ओड़िसा के किसानों ने भी ऐसी स्कीम हासिल की। वहां भी पैसे लिए। बीमा स्कीम ली। युवा लोग बग़ैर नौकरी और शिक्षा के सवाल के सिर्फ व्हाट्स अप्प मैसेज और टीवी की हिन्दू मुस्लिम बहस में ही लगे रहे। इस चुनाव में प्रेस से कहते रहे कि रोज़गार हमारा मुद्दा नहीं है। जो जितना टीवी देखेगा वो उतना उल्लू बनेगा। रोज़गार अब मुद्दा नहीं रहा। 

भारत के युवाओं ने दुनिया को बताया कि बेरोज़गारी उनके लिए मुद्दा नहीं है। चुनाव बीतने के बाद इनबॉक्स कर रहे हैं कि उनकी नौकरी नहीं हो रही, इम्तेहान के रिजल्ट नहीं आ रहे हैं, जॉइनिंग नहीं हो रही है, पोस्ट कम किये जा रहे हैं। इन युवाओं को मेरी तरफ से एक सन्देश है, वे अपने सांसदों से विनम्र निवेदन करें कि सर हमने आपको रोज़गार के लिए वोट नहीं दिया लेकिन क्या आप अपने ख़ाली समय में हमारे रोज़गार का मुद्दा उठा सकते हैं।         

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