केंद्र की मोदी सरकार-2 संस्थाओं के निजीकरण की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है। शुक्रवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैने गुरूप्रसाद महापात्रा ने कहा कि देश के 6 हवाई अड्डों के निजीकरण के बाद सरकार जल्द इसका दूसरा चरण शुरू करने जा रही है। महापात्रा ने कहा कि अगले चरण में देश के 2-25 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा।

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पिछले साल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डे का संचालन, प्रबंधन और विकास का जिम्मा निजी हाथों में देने का फैसला किया था। फरवरी में हुई नीलामी प्रक्रिया में इन 6 में से 5 हवाई अड्डों का ठेका अडानी ग्रुप को मिला था।
महापात्रा का कहना है कि अगले चरण में हम जिन 20-25 हवाई अड्डों के निजीकरण की योजना बना रहे हैं उनमें वह मुख्य हवाई अड्डे शामिल हैं जिनकी क्षमता सालाना 10 से 15 लाख यात्रियों की है।
महापात्रा 1 अगस्त से मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के सचिव का पद संभालने जा रहे हैं।

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पिछले साल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डे का संचालन, प्रबंधन और विकास का जिम्मा निजी हाथों में देने का फैसला किया था। फरवरी में हुई नीलामी प्रक्रिया में इन 6 में से 5 हवाई अड्डों का ठेका अडानी ग्रुप को मिला था।
महापात्रा का कहना है कि अगले चरण में हम जिन 20-25 हवाई अड्डों के निजीकरण की योजना बना रहे हैं उनमें वह मुख्य हवाई अड्डे शामिल हैं जिनकी क्षमता सालाना 10 से 15 लाख यात्रियों की है।
महापात्रा 1 अगस्त से मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के सचिव का पद संभालने जा रहे हैं।