महात्मा गांधी से नफरत की इंतेहां: धोती लपेटे वृद्ध को कंफर्म टिकट के बावजूद TTE ने ट्रेन से उतारा

Written by sabrang india | Published on: July 6, 2019
नई दिल्ली। 7 जून 1893 को दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ट्रेन से धक्के मारकर सिर्फ इसलिए उतार दिया गया था क्योंकि वह अश्वेत थे। ठीक ऐसी ही घटना 126 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश के इटावा जंक्शन पर घटी जो अब चर्चा का केंद्र बन गई है। 

इटावा जंक्शन पर शुक्रवार को एक वृद्ध यात्री को शताब्दी एक्सप्रेस से उतार दिया गया। शताब्दी एक्सप्रेस का कन्फर्म टिकट होने के बाद भी कोच कंडक्टर ने एक वृद्ध को कोच में सिर्फ इसलिए प्रवेश नहीं करने दिया क्योंकि उसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह धोती को अपने शरीर से लपेट रखा था और उसने पैर में रबर की चप्पल धारण कर रखी थी। बुजुर्ग ने इस अपमान को रेलवे की शिकायत पुस्तिका में दर्ज कराकर बस से गंतव्य को रवाना हुए।

दरअसल, बाराबंकी के मूसेपुर थुरतिया के रहने वाले बाबा रामअवध दास ने इटावा जंक्शन से गाजियाबाद के लिए गुरुवार 4 जुलाई को कानपुर से नई दिल्ली के लिए शताब्दी एक्सप्रेस (12033) में ऑनलाइन टिकट बुक करवाया था। ट्रेन के C-2 कोच में 72 नंबर सीट कंफर्म थी, ट्रेन जब सुबह 7।40 बजे इटावा आई तो वह निर्धारित कोच में चढऩे लगे तभी गेट पर मौजूद सिपाही ने उनको रोक लिया। इस दौरान कोच कंडक्टर ने बाबा को ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया।

नाराज बुजुर्ग ने कहा, 'मैं इस घटना की शिकायत रेलमंत्री से करूंगा। इसके बाद ट्रेन के बजाय बस से गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए।' इस मामले पर अभी तक टीटीई के खिलाफ कार्रवाई की खबर नहीं आई है। हालांकि हाल के दौर में गांधी से नफरत करने वालों की बाढ़ आई हुई है। अलीगढ़ में हिंदू महासभा ने गांधी के पुतले पर प्रतीकात्मक रूप से गोली चलाई थी। 
 

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