पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव से शुरू हुई बीजेपी और टीएमसी में तनातनी अब भी जारी है। कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद अब दोनों पार्टियां के बीच का विवाद अब धार्मिक रंग लेते हुए नज़र आ रहा है। हाल ही में बीजेपी के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर जुमे की नमाज पढ़ने को लेकर विरोध जाहिर किया। साथ ही, मंगलवार को सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदेश के हावड़ा में मंगलवार को देर रात, बाली खाल के पास बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश और प्रियंका शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके चलते कई घंटों तक रास्ता बंद रहा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस पर बातचीत करते हुए अध्यक्ष ओपी सिंह ने कहा कि, ‘शुक्रवार की नमाज़ के कारण जीटी रोड को बंद कर दिया जाता है। जिसकी वजह से कई बार रास्ते में मरीजों की मृत्यु हो जाती है और लोग समय पर ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “इसके विरोध में ही हमने हनुमान चालिसा का पाठ किया है। जब तक नमाज़ सड़क पर पढ़ी जाती रहेगी, तब तक हम भी हर मंगलवार को मुख्य मार्गों पर हनुमान मंदिरों के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते रहेंगे।’
फिलहाल बंगाल में अब भी ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ की लड़ाई ज़ारी है। शिक्षा, स्वास्थ, गरीबी के स्थान पर ‘मेरा धर्म, सर्वोत्तम’ के विषय में काम किया जा रहा है। वहीं जनता सोच रही होगी कि, उनकी समस्याओं के लिए कोई आवाज़ न उठाने के लिए , पार्टी पूजा के बीच में कैसे “भक्तों” से सवाल किया जाए?
प्रदेश के हावड़ा में मंगलवार को देर रात, बाली खाल के पास बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश और प्रियंका शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके चलते कई घंटों तक रास्ता बंद रहा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस पर बातचीत करते हुए अध्यक्ष ओपी सिंह ने कहा कि, ‘शुक्रवार की नमाज़ के कारण जीटी रोड को बंद कर दिया जाता है। जिसकी वजह से कई बार रास्ते में मरीजों की मृत्यु हो जाती है और लोग समय पर ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “इसके विरोध में ही हमने हनुमान चालिसा का पाठ किया है। जब तक नमाज़ सड़क पर पढ़ी जाती रहेगी, तब तक हम भी हर मंगलवार को मुख्य मार्गों पर हनुमान मंदिरों के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते रहेंगे।’
फिलहाल बंगाल में अब भी ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ की लड़ाई ज़ारी है। शिक्षा, स्वास्थ, गरीबी के स्थान पर ‘मेरा धर्म, सर्वोत्तम’ के विषय में काम किया जा रहा है। वहीं जनता सोच रही होगी कि, उनकी समस्याओं के लिए कोई आवाज़ न उठाने के लिए , पार्टी पूजा के बीच में कैसे “भक्तों” से सवाल किया जाए?