राजकोट: गुजरात मॉडल के नाम पर मोदी 2014 में केंद्र की सत्ता में आए थे। लेकिन गुजरात का जातिवादी मॉडल किस कदर घिनौनै है यहां से दलित उत्पीड़न की लगातार सामने आती घटनाएं इसका उदाहरण है। राज्य के सीआईडी क्राइम ने खुलासा किया है कि अपने पिता के हत्यारों में से एक की जमानत रद्द करवाने का प्रयास कर रहे एक दलित युवक की 22 मई को हत्या कर दी गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक साल पहले मारे गए दलित आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे राजेश सोंडर्वा की 22 मई को राजकोट में क्षत्रीय जाति के एक समूह ने कथित तौर पर हत्या कर दी। सीआईडी क्राइम ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि राजेश अपने पिता के हत्यारों में से एक की जमानत रद्द कराने का प्रयास कर रहा था और पुराने मुकदमों में समझौता करने को तैयार नहीं था।
इस बीच गोंडल टाउन की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को राजेश की हत्या के मामले में आठ में से चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जांच के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, राजेश ने देखा कि उसके पिता के हत्यारों में से एक गांव में खुलेआम घूम रहा है जबकि उसे इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह जिले में प्रवेश नहीं करेगा। इसके बाद राजेश ने अदालत का रुख किया और इसी वजह से आरोपी ने राजेश की हत्या कर दी।
22 मई की तड़के सुबह 19 वर्षीय दलित युवक राजेश को कथित तौर पर रास्ते में घेरकर तब मौत घाट उतार दिया गया था जब वह राजकोट शहर से अपने दोस्त मिलन परमार के साथ वापस कोटदा सांगनी तालुका के मानेकवाड़ा गांव में स्थित अपने घर वापस आ रहा था।
मानेकवाड़ा गांव में विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने और आरोपियों के आपराधिक पूर्वजों का ब्यौरा मांगने के बाद, 9 मार्च, 2018 को राजेश के पिता नानजी सोंडर्वा की भी कथित तौर पर क्षत्रिय समुदाय के लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में पुलिस ने मानेकवाड़ा-निवासी महेन्द्रसिंह भीखुभा जडेजा, अजयसिंह जडेजा, जितेन्द्रसिंह चंदूभा जडेजा, जितेन्द्रसिंह निर्मलसिंह जडेजा, नरेंद्रसिंह जडेजा और जगभाई भारवाड़ पर नानजी की हत्या के लिए मामला दर्ज किया था और उन सभी को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। बता दें कि महेन्द्रसिंह कोटडा सांगानी तालुका पंचायत की मौजूदा कांग्रेस सदस्य बेनाबा जडेजा के पति हैं और माणेकवाड़ा गांव के सरपंच भीखुभा जडेजा के बेटे हैं।
सोंडर्वा समुदाय के लोगों ने कहा कि जितेंद्रसिंह चंदूभा को इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह राजकोट जिले में प्रवेश नहीं करेगा। हालांकि, उसे गांव और गोंडल शहर में खुलेआम घूमते देखा गया।
राजेश की हत्या के मामले में पुलिस ने राजेश के छोटे भाई अजय की शिकायत पर हरदीपसिंह जडेजा, महेंद्रसिंह और उनके बेटे दिव्यराजसिंह, यशपाल सिंह और उनके भाई दीपेंद्रसिंह, ध्रुवराजसिंह, अजयसिंह और हरदीपसिंह बहादुरसिंह गोहिल पर मामला दर्ज किया है।
इस मामले में अब तक हरदीपसिंह, दिव्यराजसिंह, यशपालसिंह, ध्रुवराजसिंह, महेंद्रसिंह, अजयसिंह, दीपेंद्रसिंह और हरदीपसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि महेंद्रसिंह और अजयसिंह नानजी और उनके बेटे राजेश दोनों की हत्या के मामेल में आरोपी हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी दलितों को उनके साथ समझौता करने के लिए मजबूर कर रहे थे लेकिन वे सफल नहीं हुए।
अधिकारी ने बताया कि दलित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ अत्याचार के लगभग आधा दर्जन अन्य मामले दर्ज किए थे। इससे शत्रुता बढ़ गई, जिससे राजेश की हत्या हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक साल पहले मारे गए दलित आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे राजेश सोंडर्वा की 22 मई को राजकोट में क्षत्रीय जाति के एक समूह ने कथित तौर पर हत्या कर दी। सीआईडी क्राइम ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि राजेश अपने पिता के हत्यारों में से एक की जमानत रद्द कराने का प्रयास कर रहा था और पुराने मुकदमों में समझौता करने को तैयार नहीं था।
इस बीच गोंडल टाउन की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को राजेश की हत्या के मामले में आठ में से चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जांच के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, राजेश ने देखा कि उसके पिता के हत्यारों में से एक गांव में खुलेआम घूम रहा है जबकि उसे इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह जिले में प्रवेश नहीं करेगा। इसके बाद राजेश ने अदालत का रुख किया और इसी वजह से आरोपी ने राजेश की हत्या कर दी।
22 मई की तड़के सुबह 19 वर्षीय दलित युवक राजेश को कथित तौर पर रास्ते में घेरकर तब मौत घाट उतार दिया गया था जब वह राजकोट शहर से अपने दोस्त मिलन परमार के साथ वापस कोटदा सांगनी तालुका के मानेकवाड़ा गांव में स्थित अपने घर वापस आ रहा था।
मानेकवाड़ा गांव में विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने और आरोपियों के आपराधिक पूर्वजों का ब्यौरा मांगने के बाद, 9 मार्च, 2018 को राजेश के पिता नानजी सोंडर्वा की भी कथित तौर पर क्षत्रिय समुदाय के लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में पुलिस ने मानेकवाड़ा-निवासी महेन्द्रसिंह भीखुभा जडेजा, अजयसिंह जडेजा, जितेन्द्रसिंह चंदूभा जडेजा, जितेन्द्रसिंह निर्मलसिंह जडेजा, नरेंद्रसिंह जडेजा और जगभाई भारवाड़ पर नानजी की हत्या के लिए मामला दर्ज किया था और उन सभी को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। बता दें कि महेन्द्रसिंह कोटडा सांगानी तालुका पंचायत की मौजूदा कांग्रेस सदस्य बेनाबा जडेजा के पति हैं और माणेकवाड़ा गांव के सरपंच भीखुभा जडेजा के बेटे हैं।
सोंडर्वा समुदाय के लोगों ने कहा कि जितेंद्रसिंह चंदूभा को इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह राजकोट जिले में प्रवेश नहीं करेगा। हालांकि, उसे गांव और गोंडल शहर में खुलेआम घूमते देखा गया।
राजेश की हत्या के मामले में पुलिस ने राजेश के छोटे भाई अजय की शिकायत पर हरदीपसिंह जडेजा, महेंद्रसिंह और उनके बेटे दिव्यराजसिंह, यशपाल सिंह और उनके भाई दीपेंद्रसिंह, ध्रुवराजसिंह, अजयसिंह और हरदीपसिंह बहादुरसिंह गोहिल पर मामला दर्ज किया है।
इस मामले में अब तक हरदीपसिंह, दिव्यराजसिंह, यशपालसिंह, ध्रुवराजसिंह, महेंद्रसिंह, अजयसिंह, दीपेंद्रसिंह और हरदीपसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि महेंद्रसिंह और अजयसिंह नानजी और उनके बेटे राजेश दोनों की हत्या के मामेल में आरोपी हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी दलितों को उनके साथ समझौता करने के लिए मजबूर कर रहे थे लेकिन वे सफल नहीं हुए।
अधिकारी ने बताया कि दलित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ अत्याचार के लगभग आधा दर्जन अन्य मामले दर्ज किए थे। इससे शत्रुता बढ़ गई, जिससे राजेश की हत्या हो गई।