वाराणसी: देश की सबसे हॉट सीट बनी वाराणसी लोकसभा की सीटें अब एक नया मोड़ आ गया है। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। दरअसल वाराणसी लोकसभा सीट के लिए गठबंधन के प्रत्याशी तेज बहादुर यादव को चुनाव आयोग ने स्क्रूटनी के बाद उनकी बर्खास्तगी को लेकर एविडेंस मांगे थे और आज सुबह 11 बजे तक दस्तावेज जमा करने का समय दिया था। लेकिन समय बीत जाने के बाद तेजबहादुर ने चुनाव आयोग ऑफिस बंद होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग का ऑफिस बंद होने की वजह से देर हुई और उनता नामांकन रद्द कर दिया गया। नामांकन रद्द होने की वजह से सेना के पूर्व जवान के समर्थकों ने चुनाव आयोग और बीजेपी के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की।
नामांकन रद्द होने को लेकर बुधवार को खुद तेज बहादुर यादव ने बताया कि निर्वाचन आयोग उनका नामांकन निरस्त कर दिया है। घंटों चले ड्रामा के बाद नामांकन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन करने से लेकर पर्चा निरस्त होने तक संस्पेंस ही रहा था। ऐन समय पर तेज बहादुर यादव ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत नामांकन किया था और काफी मंथन के बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है।
कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर आये तेज बहादुर यादव ने कहा कि उनका नामांकन निरस्त हो गया है और निर्वाचन अधिकारी से लिखित रुप में इसकी जानकारी मिल गयी है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिन दस्तावेजों के लिए नोटिस दी थी वह मंगा लिए गये थे इसके बाद भी उनका नामांकन निरस्त किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज देने के लिए आपको सुबह 11 बजे का समय दिया गया था निर्धारित समय तक दस्तावेज नहीं मिलने के चलते ही नामांकन खारिज किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि यहां के जिलाधिकारी पर उपर का दबाव बहुत था इसलिए नामांकन निरस्त किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह अब कोर्ट जा सकते हैं। फिलहाल पार्टी जैसा कहती है उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी।
वहीं नामांकन रद्द होने को लेकर तेज बहादुर के वकील और समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर वह न्यायालय में जाएंगे और इसकी शिकायत करेंगे बाहर हाल इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि तेज बहादुर से जिन दस्तावेजों की मांग की गई थी वह समय से नहीं जमा हो पाए इस वजह से तेज बहादुर का नामांकन रद्द किया गया है।
नामांकन रद्द होने को लेकर बुधवार को खुद तेज बहादुर यादव ने बताया कि निर्वाचन आयोग उनका नामांकन निरस्त कर दिया है। घंटों चले ड्रामा के बाद नामांकन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन करने से लेकर पर्चा निरस्त होने तक संस्पेंस ही रहा था। ऐन समय पर तेज बहादुर यादव ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत नामांकन किया था और काफी मंथन के बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है।
कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर आये तेज बहादुर यादव ने कहा कि उनका नामांकन निरस्त हो गया है और निर्वाचन अधिकारी से लिखित रुप में इसकी जानकारी मिल गयी है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिन दस्तावेजों के लिए नोटिस दी थी वह मंगा लिए गये थे इसके बाद भी उनका नामांकन निरस्त किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज देने के लिए आपको सुबह 11 बजे का समय दिया गया था निर्धारित समय तक दस्तावेज नहीं मिलने के चलते ही नामांकन खारिज किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि यहां के जिलाधिकारी पर उपर का दबाव बहुत था इसलिए नामांकन निरस्त किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह अब कोर्ट जा सकते हैं। फिलहाल पार्टी जैसा कहती है उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी।
वहीं नामांकन रद्द होने को लेकर तेज बहादुर के वकील और समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर वह न्यायालय में जाएंगे और इसकी शिकायत करेंगे बाहर हाल इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि तेज बहादुर से जिन दस्तावेजों की मांग की गई थी वह समय से नहीं जमा हो पाए इस वजह से तेज बहादुर का नामांकन रद्द किया गया है।