बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर हमला बोला है। मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि 72 घंटे के बैन के बावजूद उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर और मंदिरों में जाकर और दलित के घर खाना खाकर चुनावी लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग मेहरबान है।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके यूपी के सीएम योगी शहर-शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का ड्रामा करके तथा उसको मीडिया में प्रचारित/प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों?'
मायावती ने लिखा कि आज दूसरे चरण का मतदान है और बीजेपी व पीएम उसी प्रकार से नरवस व घबराए लगते हैं जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में हार के डर से कांग्रेस व्यथित व व्याकुल थी। इसकी असली वजह सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ-साथ इनकी दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी संकीर्ण सोच व कर्म है।
मायावती ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस चुनाव का स्वतंत्र और निष्पक्ष होना असंभव है। मायावती के अनुसार, 'अगर ऐसा ही भेदभाव व बीजेपी नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है। इन मामलों मे जनता की बेचैनी का समाधान कैसे होगा? बीजेपी नेतृत्व आज भी वैसी ही मनमानी करने पर तुला है जैसा वह अबतक करता आया है, क्यों?'
बता दें कि चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के ' अली-बजरंगबली' वाले बयान के बाद कार्रवाई की थी और उन पर 72 घंटे का चुनाव प्रचार का बैन लगा दिया था। इसके साथ ही मायावती पर धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए चुनाव आयोग ने 48 घंटे का बैन लगाया था। साथ ही सपा के आजम खान की अभद्र टिप्पणी के लिए भी चुनाव आयोग ने ऐसी ही कार्रवाई की थी।
हालांकि, प्रचार पर लगे बैन के बावजूद योगी ने अगले दिन लखनऊ के हनुमान सेतु स्थित बजरंग बली के मंदिर में पूजा अर्चना की। योगी ने मंदिर में करीब 25 मिनट रुककर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की और श्रद्धालुओं के साथ बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद बुधवार को भी बलरामपुर जिले के तुलसीपुर स्थित देवीपाटन मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की थी और इससे पहले योगी ने अयोध्या में एक दलित के घर खाना भी खाया।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके यूपी के सीएम योगी शहर-शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का ड्रामा करके तथा उसको मीडिया में प्रचारित/प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों?'
मायावती ने लिखा कि आज दूसरे चरण का मतदान है और बीजेपी व पीएम उसी प्रकार से नरवस व घबराए लगते हैं जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में हार के डर से कांग्रेस व्यथित व व्याकुल थी। इसकी असली वजह सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ-साथ इनकी दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी संकीर्ण सोच व कर्म है।
मायावती ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस चुनाव का स्वतंत्र और निष्पक्ष होना असंभव है। मायावती के अनुसार, 'अगर ऐसा ही भेदभाव व बीजेपी नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है। इन मामलों मे जनता की बेचैनी का समाधान कैसे होगा? बीजेपी नेतृत्व आज भी वैसी ही मनमानी करने पर तुला है जैसा वह अबतक करता आया है, क्यों?'
बता दें कि चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के ' अली-बजरंगबली' वाले बयान के बाद कार्रवाई की थी और उन पर 72 घंटे का चुनाव प्रचार का बैन लगा दिया था। इसके साथ ही मायावती पर धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए चुनाव आयोग ने 48 घंटे का बैन लगाया था। साथ ही सपा के आजम खान की अभद्र टिप्पणी के लिए भी चुनाव आयोग ने ऐसी ही कार्रवाई की थी।
हालांकि, प्रचार पर लगे बैन के बावजूद योगी ने अगले दिन लखनऊ के हनुमान सेतु स्थित बजरंग बली के मंदिर में पूजा अर्चना की। योगी ने मंदिर में करीब 25 मिनट रुककर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की और श्रद्धालुओं के साथ बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद बुधवार को भी बलरामपुर जिले के तुलसीपुर स्थित देवीपाटन मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की थी और इससे पहले योगी ने अयोध्या में एक दलित के घर खाना भी खाया।