मेवात। हरियाणा के मेवात में गुरुवार (21 फरवरी) को पुन्हाना के बिछौर थाना एरिया के गांव बिसरु में सीआईए रेवाड़ी पुलिस ने मुठभेड़ में 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश को एक घंटे तक चली मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड़ में पुलिस का एक कांस्टेबल भी घायल हुआ है। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में मारा गया अरशद 25 हजार रुपये का इनामी कुख्यात था तथा उसपर कई केस चल रहे थे। पुलिस इसे एक घंटे तक चली मुठभेड़ की कामयाबी बता रही है लेकिन वहां मौके पर मौजूद चश्मदीद कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। इस घटना में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
मेवात के ही रहने वाले आरिफ इस कथित एनकाउंटर के कुछ ही समय बाद मौकास्थल पर पहुंचे। आरिफ ने वहां कई लोगों से बात की और उसका वीडियो रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो में इस कथित एनकाउंटर के वक्त मौके पर मौजूद एक महिला और एक पुरुष का बयान है। इसमें चश्मदीद साफ कह रहे हैं कि पुलिस जिसे मुठभेड़ बता रही है वह मुठभेड़ बिल्कुल नहीं थी। पुलिस ने आते ही उन्हें घेर लिया और हाथ पकड़कर सिर में गोली दाग दी।
आरिफ ने मौके पर पहुंचकर लोगों का वीडियो बनाया जिसमें वे घटना की जानकारी दे रहे हैं। आरिफ ने बताया कि दिनांक 21/2/2019 को सुबह 9 बजे मैं मो आरिफ और मेरे साथी सगीर रोज की तरह पीड़ित परिवारों से मिलने पुन्हाना जा रहे थे लेकिन जैसे ही हम नगीना खंड के गांव उमरा पहुँचे तो अचानक के दोस्त की कॉल आई। उसने कहा कि काफी देर से आपका फोन मिला रहे हैं आपको व्हाट्सएप भी किया लेकिन कोई जवाब नही आ रहा है। मैंने कहा कि भाई मोटरसाइकिल चला रहा था लेकिन ये तो बताओ सब ठीक भी है तो उसने कहा कि आपके पुन्हाना में अभी थोड़ी देर पहले एनकाउंटर हुआ है जिसकी डेडबॉडी नूह जिले के जनरल हॉस्पिटल मंडीखेरा, तहसील फिरोजपुर झिरका आ चुकी है।
हम दोनों साथी उमरा गांव से सीधे अरशद के गांव गए और वहां गांव के लोगों से इस बारे में जाना। सबने कहा कि घटना गांव बिसरू से बड़का रोड से सीधे हाथ की तरफ नहर के पास शाहिद के घर पर हुई है, वहीं जाकर आपको विस्तार से पता चलेगा।
हम दोनों, मैं और सगीर वहां पहुंचे तो देखा कि काफी लोग शाहिद के घर पर जमा थे। वहां हमारी चार लोगों असमीना, मैना, शरफू और शाहिद से मुलाकात हुई जो वहीं पर रहते हैं, जिनका वही, घर है जहाँ ये पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया और उस वक्त वे मौकास्थल पर ही थे।
एनकाउंटर के वक्त मौजूद सभी गवाहों ने कहा कि हम अपने घर पर काम कर रहे थे और अरशद बिसरू, मुस्ताक पुत्र इसहाक बिसरू, मुस्ताक रूपडाका, इकराम सिंगार, टिल्लू धौज, आज़ाद पुत्र सवाई बिसरू जो गांव में घूमते हुए यहाँ नहाने के लिए आये थे और धूप में शाहिद के मकान के पास ही बैठे हुए थे। अचानक गांव के रास्ते से चार सादा गाडियों में पुलिस आई और उसके पीछे 2 पीसीआर। यानी कुल 6 गाडियों में पुलिस आई।
पुलिस देख कर सभी ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।
असमीना व अन्य सभी लोगों ने बताया कि अरशद को पकड़ कर तीन पुलिस वालों ने नीचे जमीन पर लिटा लिया और किसी ने पैर पकड़े, किसी ने हाथों को कड़ी के पीछे से पकड़ लिया और किसी ने गर्दन पर पैर रख दिया। तीन पुलिस वालों ने अरशद को मुँह की साइड से लिटा लिया और चौथे ने सिर में गोली मार दी। 5-7 मिनट उसे जमीन पर दबाये रखा। जब तक वह तड़पता रहा उन लोगों ने उसे छोड़ा नहीं। उनके बाद बुरी तरह से गाड़ी में पटक दिया और एक ने इकराम को पकड़ा और उसकी गर्दन को निचे झुका कर दूसरे पुलिस वाले ने कुले पर गोली मारी, एक ने मुश्ताक़ को पैर में पकड़ कर गोली मारी और एक अन्य के साथ भी ऐसे ही हुआ।
मौके पर मौजूद एक महिला ने बताया कि जब पुलिस वालों ने अरशद को जमीन पर लिटा रखा था और उसके ऊपर गन तान रखी थी तब पुलिस वाले कह रहे थे कि इसे यहीं निबटा दो। मौके पर खड़ी औरत ने कहा कि आप इसे यहाँ न मारें ले जायें तो पुलिस वालों ने कहा कि ये क्या ये आपका खालू लगता है?
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने कहा कि पुलिस ने हमें चारों तरफ से घेर लिया था। अरशद व उसके किसी साथी के पास कोई उस समय हथियार नही था, ये किसी भी तरह से मुठभेड़ नहीं थी, सिर्फ पुलिस ने ही हमारे सामने अरशद की हत्या की और अन्य को गोली मार कर घायल किया। उन्होंने बताया कि अरशद की लगभग 2 साल पहले ही शादी हुई थी उसके 11 महीने का लड़का है।
बता दें कि हाल के सालों में पुलिस द्वारा एनकाउंटर के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उत्तर प्रदेश तो एनकाउंटर के लिए कुख्यात हो चुका है। यूपी में हुए कई एनकाउंटर्स पर सवाल उठे हैं। अब मेवात के इस मामले के गवाह पुलिस पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। दिनदहाड़े इस कथित मुठभेड़ को अंजाम दिया गया है जबकि गांव वालों का कहना है कि यह पुलिस की एकतरफा कार्रवाई थी जिसमें पकड़कर युवकों को गोली मारी गई है।
मेवात के ही रहने वाले आरिफ इस कथित एनकाउंटर के कुछ ही समय बाद मौकास्थल पर पहुंचे। आरिफ ने वहां कई लोगों से बात की और उसका वीडियो रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो में इस कथित एनकाउंटर के वक्त मौके पर मौजूद एक महिला और एक पुरुष का बयान है। इसमें चश्मदीद साफ कह रहे हैं कि पुलिस जिसे मुठभेड़ बता रही है वह मुठभेड़ बिल्कुल नहीं थी। पुलिस ने आते ही उन्हें घेर लिया और हाथ पकड़कर सिर में गोली दाग दी।
आरिफ ने मौके पर पहुंचकर लोगों का वीडियो बनाया जिसमें वे घटना की जानकारी दे रहे हैं। आरिफ ने बताया कि दिनांक 21/2/2019 को सुबह 9 बजे मैं मो आरिफ और मेरे साथी सगीर रोज की तरह पीड़ित परिवारों से मिलने पुन्हाना जा रहे थे लेकिन जैसे ही हम नगीना खंड के गांव उमरा पहुँचे तो अचानक के दोस्त की कॉल आई। उसने कहा कि काफी देर से आपका फोन मिला रहे हैं आपको व्हाट्सएप भी किया लेकिन कोई जवाब नही आ रहा है। मैंने कहा कि भाई मोटरसाइकिल चला रहा था लेकिन ये तो बताओ सब ठीक भी है तो उसने कहा कि आपके पुन्हाना में अभी थोड़ी देर पहले एनकाउंटर हुआ है जिसकी डेडबॉडी नूह जिले के जनरल हॉस्पिटल मंडीखेरा, तहसील फिरोजपुर झिरका आ चुकी है।
हम दोनों साथी उमरा गांव से सीधे अरशद के गांव गए और वहां गांव के लोगों से इस बारे में जाना। सबने कहा कि घटना गांव बिसरू से बड़का रोड से सीधे हाथ की तरफ नहर के पास शाहिद के घर पर हुई है, वहीं जाकर आपको विस्तार से पता चलेगा।
हम दोनों, मैं और सगीर वहां पहुंचे तो देखा कि काफी लोग शाहिद के घर पर जमा थे। वहां हमारी चार लोगों असमीना, मैना, शरफू और शाहिद से मुलाकात हुई जो वहीं पर रहते हैं, जिनका वही, घर है जहाँ ये पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया और उस वक्त वे मौकास्थल पर ही थे।
एनकाउंटर के वक्त मौजूद सभी गवाहों ने कहा कि हम अपने घर पर काम कर रहे थे और अरशद बिसरू, मुस्ताक पुत्र इसहाक बिसरू, मुस्ताक रूपडाका, इकराम सिंगार, टिल्लू धौज, आज़ाद पुत्र सवाई बिसरू जो गांव में घूमते हुए यहाँ नहाने के लिए आये थे और धूप में शाहिद के मकान के पास ही बैठे हुए थे। अचानक गांव के रास्ते से चार सादा गाडियों में पुलिस आई और उसके पीछे 2 पीसीआर। यानी कुल 6 गाडियों में पुलिस आई।
पुलिस देख कर सभी ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।
असमीना व अन्य सभी लोगों ने बताया कि अरशद को पकड़ कर तीन पुलिस वालों ने नीचे जमीन पर लिटा लिया और किसी ने पैर पकड़े, किसी ने हाथों को कड़ी के पीछे से पकड़ लिया और किसी ने गर्दन पर पैर रख दिया। तीन पुलिस वालों ने अरशद को मुँह की साइड से लिटा लिया और चौथे ने सिर में गोली मार दी। 5-7 मिनट उसे जमीन पर दबाये रखा। जब तक वह तड़पता रहा उन लोगों ने उसे छोड़ा नहीं। उनके बाद बुरी तरह से गाड़ी में पटक दिया और एक ने इकराम को पकड़ा और उसकी गर्दन को निचे झुका कर दूसरे पुलिस वाले ने कुले पर गोली मारी, एक ने मुश्ताक़ को पैर में पकड़ कर गोली मारी और एक अन्य के साथ भी ऐसे ही हुआ।
मौके पर मौजूद एक महिला ने बताया कि जब पुलिस वालों ने अरशद को जमीन पर लिटा रखा था और उसके ऊपर गन तान रखी थी तब पुलिस वाले कह रहे थे कि इसे यहीं निबटा दो। मौके पर खड़ी औरत ने कहा कि आप इसे यहाँ न मारें ले जायें तो पुलिस वालों ने कहा कि ये क्या ये आपका खालू लगता है?
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने कहा कि पुलिस ने हमें चारों तरफ से घेर लिया था। अरशद व उसके किसी साथी के पास कोई उस समय हथियार नही था, ये किसी भी तरह से मुठभेड़ नहीं थी, सिर्फ पुलिस ने ही हमारे सामने अरशद की हत्या की और अन्य को गोली मार कर घायल किया। उन्होंने बताया कि अरशद की लगभग 2 साल पहले ही शादी हुई थी उसके 11 महीने का लड़का है।
बता दें कि हाल के सालों में पुलिस द्वारा एनकाउंटर के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उत्तर प्रदेश तो एनकाउंटर के लिए कुख्यात हो चुका है। यूपी में हुए कई एनकाउंटर्स पर सवाल उठे हैं। अब मेवात के इस मामले के गवाह पुलिस पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। दिनदहाड़े इस कथित मुठभेड़ को अंजाम दिया गया है जबकि गांव वालों का कहना है कि यह पुलिस की एकतरफा कार्रवाई थी जिसमें पकड़कर युवकों को गोली मारी गई है।